कोविड-19 संकट के चलते दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बंद पड़ी गैर-आपातकालीन सेवाएं इस हफ्ते से फिर से शुरू हो सकती है। हालांकि इससे पहले ही दिल्ली एम्स में एक फैकल्टी मेंबर में कोरोना वायरस पाए जाने की खबर आई है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, एम्स के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. डीके शर्मा ने कहा है कि एम्स में नॉन-एमरजेंसी ओपीडी सेवाओं की बहाली को लेकर बातचीत चल रही है। कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए करीब दो महीने पहले सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की थी। तब से एम्स में कई प्रकार की सामान्य चिकित्सा सेवाएं बंद पड़ी हैं।

खबरों के मुताबिक, डॉ. डीके शर्मा ने बताया कि सेवाओं की बहाली को लेकर संस्थान में दो तरह की बहस चल रही है। कुछ सदस्यों का कहना है कि एक बार सारी ओपीडी खोलने से बेहतर है कि अलग-अलग चरण में सेवाएं फिर से शुरू की जाएं। इस बारे में राय रखी गई है कि शुरुआत में चार-पांच सेवाएं शुरू की जाएं और धीरे-धीरे बाकी सेवाएं उनमें जोड़ दी जाएं। डॉ. शर्मा के मुताबिक, इस बारे में फैसला जल्दी ही ले लिया जाएगा।

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20 मई से सेवाएं शुरू होने के आसार
इस बीच, मंगलवार को आई कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, दिल्ली एम्स में ओपीडी सेवाओं की शुरुआत 20 मई यानी कल से ही हो सकती है। एम्स प्रबंधन के हवाले से बताया गया है कि 20 मई से नए ओपीडी में पंजीकरण जारी रहेगा। पुराने ओपीडी हॉल को भी पंजीकरण के लिए रखे जाने की बात कही जा रही है। खबर के मुताबिक, दोनों ओपीडी की बहाली से सोशल डिस्टेंसिंग लागू करने में सहूलियत होगी।

एम्स के एक अन्य अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि कोविड-19 के चलते पहले से तय कई ऑपरेशनों पर रोक लगा दी गई थी। अब आने वाले समय में इन सभी ऑपरेशनों को अंजाम देना एक बड़ी चुनौती होगी। अधिकारी के मुताबिक, इससे निपटने के लिए ट्रॉमा और आपातकालीन विभाग के ऑपरेशन थियेटर की मदद ली जा सकती है। साथ ही एम्स की अन्य शाखाओं से भी मदद मांगी जा सकती है।

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एम्स का फैकल्टी मेंबर कोरोना पॉजिटिव
दिल्ली एम्स के ओपीडी को ऐसे समय में फिर से खोलने की चर्चा हो रही है, जब राजधानी में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। खबर है कि एम्स के एक फैकल्टी मेंबर में भी कोरोना वायरस होने की पुष्टि हुई है। यह जानकारी सामने आने के बाद पीड़ित के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। डॉ. डीके शर्मा ने बताया कि पिछले दो महीनों के दौरान कुल 92 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ताजा मामले के अलावा इन मरीजों में दो रेजिडेंट डॉक्टर, 13 नर्सिंग स्टाफ, तीन तकनीशियन, 11 अस्पताल अटेंडेंट, 12 सफाईकर्मी और 45 सुरक्षागार्ड शामिल हैं। यहां यह भी बता दें कि एम्स में कोविड-19 के मरीजों को ट्रॉमा सेंटर की इमारत में रखा गया है, जबकि वहां के मरीजों को अस्पताल की मुख्य इमारत में शिफ्ट किया गया है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: दिल्ली एम्स की ओपीडी सेवाओं की बहाली से पहले ही एक फैकल्टी मेंबर के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि है

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