कोविड-19 के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन को आगामी तीन मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब से कुछ देर पहले देश के नाम अपने संबोधन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों से लेकर स्थानीय निकायों तक ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाई है, लेकिन इन सब प्रयासों के बीच कोरोना वायरस जिस तरह फैल रहा है, उसने विश्व भर में हेल्थ एक्सपर्ट और सरकारों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'भारत में भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई अब कैसे आगे बढ़े, लोगों की दिक्कतें कैसे कम करें, इसे लेकर राज्यों के साथ निरंतर चर्चाएं की गई हैं। इनसे एक बात निकल कर आती है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। कई राज्य तो पहले से ही यह फैसला कर चुके हैं। (इसलिए) सभी सुझावों को ध्यान में रखते हुए यह तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाना पड़ेगा। यानी तब तक देशवासियों को को घरों में ही रहना पड़ेगा।' 

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लोगों का आभार, लॉकडाउन का समर्थन
संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में लोगों के सहयोग का जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई बहुत मजबूती से आगे बढ़ रही है। लोगों के सहयोग से भारत कोरोना के (बहुत ज्यादा) नुकसान को टालने में सफल रहा है। उन्होंने कष्ट सहकर भी देश को बचाया है। किसी को खाने की, किसी को आने-जाने की परेशानी हुई, लेकिन आप देश की खातिर एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं। इसके लिए मैं आप सबको आदरपूर्वक नमन करता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में जब कोरोना का एक भी केस नहीं था, तब से भारत ने एयरपोर्टों पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। उन्होंने बताया, '100 केस होने पर विदेशियों के लिए 14 दिन का आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया गया था। जब 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बहुत बड़ा कदम उठा लिया था।' इसके बाद लॉकडाउन का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'वैसे यह ऐसा संकट है कि इसे लेकर किसी भी देश से तुलना करना सही नहीं है, लेकिन यह भी सच्चाई है कि दुनिया के सबसे समर्थ देशों की तुलना में भारत आज बहुत संभली हुई स्थिति में हैं... इसलिए यह साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, आज की स्थिति में वही रास्ता हमारे लिए सही है। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है। यह आर्थिक दृष्टि से महंगा जरूर लगता है, लेकिन भारत के लोगों की जिंदगी के आगे इसकी कोई तुलना नहीं है।'

और सख्त होंगे नियम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब तीन मई तक लॉकडाउन से जुड़े नियमों का उसी तरह पालन करना पड़ेगा जैसा अब तक करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हमें कोरोना को किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में नहीं फैलने देना है। स्थानीय स्तर पर एक भी मरीज बढ़ता है तो यह हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। कहीं पर भी कोरोना के मरीज की दुखद मृत्यु होती है तो हमारी चिंता और बढ़नी चाहिए।'

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संबोधन में प्रधानमंत्री ने संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील इलाकों यानी हॉटस्पॉट का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा, 'हॉटस्पॉट की पहचान कर पहले से भी ज्यादा सतर्कता बरतनी ही होगी। जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है, उन पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी। नए हॉटस्पॉट का बनना, हमारे परिश्रम और तपस्या को और चुनौती देगा, नए संकट पैदा करेगा। इसलिए अगले एक सप्ताह तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी।

प्रधानमंत्री ने इस 'कठोरता' को लेकर कहा, '20 अप्रैल तक हर कस्बे, थाने, जिले और राज्य को बारीकी से परखा जाएगा। यह देखा जाएगा कि वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है। उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, इसका मूल्यांकन किया जाएगा। जो क्षेत्र इस अग्नि परीक्षा में सफल होगा, जो अपने यहां हॉटस्पॉट नहीं बढ़ने देंगे, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी कामों की अनुमति या छूट दी जा सकती है। लेकिन यह अनुमति शर्त के साथ होगी। बाहर निकलने के नियम बहुत सख्त होंगे। लॉकडाउन के नियम अगर टूटते हैं और कोरोना इलाके में आता है तो सारी अनुमति तुरंत वापस ले ली जाएगी। इसलिए न तो खुद कोई लापरवाही करनी है और न किसी और को करने देनी है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि बुधवार को इस बारे में सरकार की तरफ से एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी।

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वहीं, कोविड-19 से लड़ाई में सरकार की तैयारियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में राशन का पर्याप्त भंडार है, साथ ही स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर भी काम हो रहा है। उन्होंने कहा, 'दस हजार मरीज होने पर 1500-1600 बेड की जरूरत पड़ती है। हम एक लाख बेड्स का इंतजाम कर चुके हैं। कई अस्पताल केवल कोविड-19 के लिए काम कर रहे हैं।' प्रधानमंत्री ने देश के युवा वैज्ञानिकों का आह्वान करते हुए कहा, 'मेरा भारत के युवा वैज्ञानिकों से आग्रह है कि विश्व कल्याण और मानव कल्याण के लिए आप आगे आएं। वे इसकी दवा बनाने का बीड़ा उठाएं।'

लोगों से मांगे सात वादे
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने आम लोगों से सात नियमों के पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हम इन नियमों का पाल करेंगे तो कोरोना वायरस जैसी महामारी को समाप्त कर पाएंगे। ये सात नियम है:

  • 1. अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, खास कर उनका जिन्हें पुरानी बीमारी है
  • 2. लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करें, घर में बने फेस कवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें
  • 3. अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के निर्देशों का पालन करें
  • 4. कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप जरूर डाउनलोड करें और दूसरों को भी प्रेरित करें
  • 5. जितना हो सके उतने गरीब परिवारों की देखरेख करें, उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें
  • 6. अपने व्यवसाय, उद्योग या अपने साथ काम करने वाले लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से ना निकालें
  • 7. डॉक्टर, नर्स, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी जैसे कोरोना योद्धाओं का सम्मान करें

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