क्रिप्टोकोक्कोसिस क्या है?

क्रिप्टोकोक्कोसिस (Cryptococcosis) कवक के कारण होता है, जिसे क्रिप्टोकोकोसिस नियोफोरमैन्स कहा जाता है। कबूतर के विच्छेदन के साथ संपर्क में आने व बिना धुले फलों से यह संक्रमण मनुष्यों तक फैल सकता है। इसके संक्रमित व्यक्ति के साथ संपर्क में आना भी इस संक्रमण के होने का कारण होता है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति, जैसे -एचआईवी संक्रमित लोगों के लिए यह संक्रमण की उच्च जोखिम वाला हो सकता हैं।

क्रिप्टोकोक्कोसिस संक्रमण फैलाव के आधार पर यह विभिन्न रूपों में दिखाई दे सकता है। ज्यादातर मामलों में संक्रमण फेफड़े (pulmonary form) से शुरू होता है और इसके बाद ये मस्तिष्क, मूत्र पथ, त्वचा, और हड्डियों में फैल जाता है। जब संक्रमण फेफड़ों तक ही सीमित होता है, तब इसके लक्षण कम होते है और इसको पहचाना नहीं जा सकता। इसके श्वसन संबंधी लक्षणों में खांसी होना और सीने में दर्द शामिल होते हैं। संक्रमण फैलने के दौरान यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र व विशेष रूप से मस्तिष्क को प्रभावित करता है। इस संक्रमण से प्रभावित व्यक्तियों में मस्तिष्क के आसपास की झिल्ली में सूजन और रीढ़ की हड्डी में गंभीर समस्याएं हो सकती है। इसमें मेनिनजाइटिस भी हो सकता है। मेनिनजाइटिस(meningitis) से संबंधित लक्षणों में चक्कर आना, दृष्टि धुंधली होना, तेज सिरदर्द या गर्दन के अकड़ने के लक्षण शामिल होते हैं। ऐसे मामलों में, तत्काल इलाज से जीवन को होने वाले खतरों को कम किया जा सकता है।

 
और पढ़ें...
ऐप पर पढ़ें