स्वास्थ्य बीमा और क्षतिपूर्त आधारित हेल्थ इंश्योरेंस को हेल्थकेयर सेक्टर से जुड़ी सेवाओं का अहम हिस्सा माना जाता रहा है। भारत में केवल सामान्य बीमा फर्मों और स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त कंपनियों को ही क्षतिपूर्त-आधारित हेल्थ पॉलिसी देने की अनुमति प्राप्त है। लेकिन अब इस व्यवस्था में बदलाव की संभावना दिख रही है। खबर है कि भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) जीवन बीमा देने वाली कंपनियों को भी ग्राहकों को ये ऑफर देने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, इसके लिए आईआरडीएआई ने एक नौ सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति इस संभावना को लेकर अध्ययन करेगी कि जीवा बीमा करने वाली कंपनियों को क्षतिपूर्ति-आधारित स्वास्थ्य बीमा देने की इजाजत दी जानी चाहिए या नहीं। इस संबंध में आईआरडीएआई ने एक बयान में कहा है, 'आईआरडीएआई (स्वास्थ्य बीमा) नियमावली 2016 के तहत जीवन बीमा कंपनियों को केवल लाभ आधारित हेल्थ इंश्योरेंस देने की अनुमति है। इस बारे में जीवन बीमा कंपनियों ने अपनी बात पहुंचाई है। उनका कहना है कि उन्हें भी क्षतिपूर्ति-आधारित बीमे देने की अनुमति मिलनी चाहिए।'

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हालांकि सामान्य जीवन बीमा देने वाली कंपनियों की सर्वोच्च संस्था जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है। उसके मुताबिक, यह कहना पूरी तरह सही नहीं है कि देश की सभी जीवन बीमा कंपनियां क्षतिपूर्ति वाले बीमे बेचना चाहती हैं। काउंसिल ने कहा, 'केवल कुछ ही कंपनियां हैं जो हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में बड़े मुनाफे की संभावना के चलते क्षतिपूर्ति का हवाला देकर शोर मचा रही हैं। वे कुछ ही बिंदुओं को आधार बना रही हैं, जबकि दुर्भाग्य से वे सभी पूरी तरह गलत हैं।' काउंसिल का यह भी कहना है कि गंभीर बीमारी से जुड़े कई कवर (या क्षतिपूर्ति) बीमा कारोबार में पहले से मौजूद हैं, लेकिन जीवन बीमा कंपनियां ऐसे बीमा बहुत कम देती हैं। इस बारे में काउंसिल ने कहा, 'हममें से कई तो इन कवर्स के बारे में जानते तक नहीं और बीमा लेते वक्त उन्हें छोड़ देते हैं।'

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क्षतिपूर्ति स्वास्थ्य बीमा का महत्व
केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि देश में मेडिकल इमरजेंसी के अधिकतर मामले ऐन मौके पर पैसे की कमी या नहीं होने के चलते संकटपूर्ण बन जाते हैं। इससे अचानक हुई दुर्घटना या बीमारी का शिकार बने व्यक्ति की स्थिति आर्थिक रूप से काफी विकट हो जाती है, क्योंकि दुर्घटना से हुई क्षति से उबरने के लिए असामान्य रूप से पैसा खर्च करना पड़ता है, जिससे कमाई भी कम होने लगती है। ऐसे में स्वास्थ्य बीमा का महत्व सीधे लोगों की सेहत और जीवन सुरक्षा के लिहाज से बढ़ जाता है।

स्वास्थ्य बीमा कई प्रकार के होते हैं। क्षतिपूर्ति स्वास्थ्य बीमा या पॉलिसी उनमें से एक है। इसमें बीमा लेने वाले व्यक्ति को इलाज में खर्च हुई रकम का कुछ हिस्सा बतौर क्षतिपूर्ति दिया जाता है। यह क्षतिपूर्ति कितनी होगी, यह पॉलिसी के तहत बीमाकृत राशि पर निर्भर करता है।

मेडिकल जानकार बताते हैं कि क्षतिपूर्ति-आधारित हेल्थ इंश्योरेंस के और भी फायदे हैं। मसलन, यह पॉलिसी मरीज को अपनी पसंद के डॉक्टर, अस्पताल आदि के चयन की सुविधा देती है। अगर कोई व्यक्ति अपने स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी समस्या को किसी स्पेशलिस्ट को दिखाना चाहते हैं तो मुआवजा पाने के लिए रेफरल की जरूरत नहीं होती।

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