एक खरीदें दूसरा मुफ्त पाएं - ऑफर सीमित समय तक X
Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः बुखार, टाइफाइड बुखार के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav के मुख्य घटक हैं आंवला, कपूर, पाथा, विडंग जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
आंवला |
|
कपूर |
|
पाथा |
|
विडंग |
|
Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav Premium Quality Suvarnakalpa (30) इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav Premium Quality Suvarnakalpa (30) की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav Premium Quality Suvarnakalpa (30) की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
|
बुजुर्ग |
|
चिकित्सा साहित्य में Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav Premium Quality Suvarnakalpa (30) का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
शोध कार्य न हो पाने की वजह से Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav के हानिकारक प्रभावों के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हैं।
क्या Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav Premium Quality Suvarnakalpa (30) का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav के अच्छे या बुरे प्रभावों के बारे में कोई रिसर्च नहीं की गई है, इसलिए इस बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। अतः आप डॉक्टर की सलाह पर ही इसको लें।
Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav Premium Quality Suvarnakalpa (30) का पेट पर क्या असर होता है?
पेट पर Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav के दुष्प्रभावों को लेकर कोई शोध न होने के कारण ये जानकारी नहीं है कि Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav लेने से पेट पर प्रतिकूल असर होगा या नहीं।
क्या Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav Premium Quality Suvarnakalpa (30) का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav को बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता।
क्या Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav Premium Quality Suvarnakalpa (30) का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है
Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav का शरीर पर क्या असर होता है इस बारे में कुछ कह पाना मुश्किल है। इस पर कोई रिसर्च नहीं हो पाई है।
क्या Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav Premium Quality Suvarnakalpa (30) शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav लेने पर आपको झपकी या नींद नहीं आएगी। इसलिए आप ड्राइव कर सकते हैं या मशीनरी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav Premium Quality Suvarnakalpa (30) का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
नहीं, इसका कोई प्रमाण नहीं है कि Dhootapapeshwar Bruhat Kastoori Bhairav को लेने से आपको इसकी लत पड़ जाएगी। कोई भी दवा डॉक्टर से पूछ कर ही लें, जिससे कोई हानि न हो।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 5-8
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume VI. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2008: Page No CCXLIV-CCXLV
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No163 - 165