टाइफाइड - Typhoid Fever in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

April 24, 2017

April 24, 2023

टाइफाइड
टाइफाइड

टाइफाइड क्या है?

टाइफाइड बुखार साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से संक्रमित भोजन या पानी के सेवन से होता है, या इस बैक्‍टीरिया से ग्रस्‍त व्‍यक्ति के निकटतम संपर्क से।

टाइफाइड के संकेत और लक्षणों में आमतौर पर तेज बुखार, सिरदर्द, पेट में दर्द और कब्ज या दस्त शामिल हैं।

टाइफाइड बुखार से ग्रस्त अधिकांश लोग एंटीबायोटिक उपचार शुरू करने के कुछ दिनों के भीतर बेहतर महसूस करने लगते हैं, हालांकि उनमें से एक छोटी संख्या की टाइफाइड की जटिलताओं से मृत्यु हो सकती है। टाइफाइड बुखार के टीके उपलब्ध हैं, लेकिन वे शत-प्रतिशत प्रभावी नहीं हैं।

औद्योगिक देशों में टाइफाइड बुखार बहुत कम होता है लेकिन यह आज भी विकासशील देशों में, विशेष रूप से बच्चों के लिए, एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा बना हुआ है।

भारत में टाइफाइड काफी आम है, जहां इसे मोतीझरा और मियादी बुखार (आंत्र ज्वर) के नाम से भी जाना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में हर साल लगभग 2.1 करोड़ टाइफाइड के मामले होते हैं और 2.22 लाख टाइफाइड से ग्रसित लोगों की मौत होती है।

टाइफाइड के लक्षण - Typhoid Symptoms in Hindi

आमतौर पर टाइफाइड रोग के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं - संक्रमण होने के लगभग 1-3 सप्ताह के बाद।

टाइफाइड के शुरुआती लक्षण हैं

एक बार संकेत और लक्षण दिखाई देने के बाद, आपको अनुभव होने की संभावना है:

टाइफाइड के बाद के लक्षण

यदि टाइफाइड का इलाज न किया जाये तो यह लक्षण हो सकते हैं -

  • प्रलाप हो जाते हैं
  • "टाइफाइड स्टेट" (टाइफाइड अवस्था) में चले जाना - यानी गतिहीन, बेहद अधिक थकान, आधी-खुली आंखों के साथ लेटे रहना 

इसके अलावा घातक जटिलताएं अक्सर इस समय विकसित होती हैं।

कुछ लोगों में बुखार के कम होने के दो सप्ताह बाद तक लक्षण लौट सकते हैं।

टाइफाइड कैसे फैलता है? - How does typhoid virus spread in Hindi

टाइफाइड का जीवाणु मनुष्यों के आंतों और रक्तप्रवाह में रहता है। यह एक संक्रमित व्यक्ति के मल के सीधे संपर्क में आने से मनुष्यों में फैलता है। यह संक्रमण हमेशा एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य को ही होता है, और मनुष्यों तक किसी भी जानवर से नहीं पहुँचता है।

यदि उपचार नहीं किया जाए तो 4 में से 1 इंसान की टाइफाइड के कारण मौत हो जाती है और अगर उपचार किया जाए तो 100 मामलों में 4 से भी कम के लिए टाइफाइड घातक सिद्ध होगा।

साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया मुंह में प्रवेश करता है और 1-3 सप्ताह तक आंत में रहता है। उसके बाद यह आंतों की दीवार से होते हुए खून में चला जाता है। खून के माध्यम से यह अन्य ऊतकों और अंगों में फैल जाता है। आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली साल्मोनेला टाइफी से नहीं लड़ सकती क्योंकि यह बैक्टीरिया आपकी कोशिकाओं में बिना आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली से प्रभावित हुए सुरक्षित रह सकता है।

टाइफाइड के कारण - Causes of Typhoid in Hindi

टाइफाइड कैसे, क्यों होता है?

साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से संक्रमित व्यक्ति मल त्यागने या पेशाब करने के बाद यदि अपने हाथों को नहीं धोता है और भोजन को उसी हाथ से छूता है तो बैक्टीरिया भोजन में आ जाता है और अगर वो भोजन कोई दूसरा व्यक्ति खाता है तो वो व्यक्ति भी इसके बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाता है। बैक्टीरिया से दूषित शौचालय का प्रयोग करने के बाद अपने हाथों को बिना धोए मुँह को छूने से भी टायफाइड फैलता है।

यदि संक्रमित व्यक्ति नदी, नाले या पानी आपूर्ति के स्रोत के आसपास मल या मूत्र त्यागते हैं तो वो पानी दूषित हो जाता है और उस पानी में साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया फैल जाती है। उसी दूषित पानी को पीना या भोजन को बनाने से पहले उस पानी में धोने से हमारे शरीर में टायफाइड का संक्रमण हो जाता है। संक्रमित व्यक्ति के मल या मूत्र द्वारा दूषित जल के स्रोत से समुद्री भोजन यानि मछली या अन्य चीजों को खाने से भी टाइफाइड फैलता है।

संक्रमित मानव मल के खाद से उगाई गई सब्जी को कच्चा खाने से या फिर दूषित दूध उत्पादों के सेवन से भी टाइफाइड फैलता है।

साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से संक्रमित व्यक्ति के साथ ओरल सेक्स या एनल सेक्स करने से भी टाइफाइड फैलता है।

इलाज किए बिना टाइफाइड बुखार से बचने वाले 20 व्यक्तियों में से 1 व्यक्ति संक्रमण फ़ैलने का कारण बन सकता है क्योंकि बिना टाइफाइड के लक्षण के उस व्यक्ति के शरीर में साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया रहता है, और वह अपने मल या मूत्र के माध्यम से इसके संक्रमण को फैला सकता है।

टाइफाइड होने का जोखिम किन्हे अधिक होता है?

यदि आप निम्लिखित श्रेणी में आते है, तो आपको टाइफाइड होने का खतरा हो सकता है -

  • यदि आप उन क्षेत्रों में काम करते हैं या यात्रा करते हैं जहां टाइफाइड बुखार स्थानिक होता है।
  • यदि आप साल्मोनेला टायफी बैक्टीरिया से निपटने वाले ​​सूक्ष्मजीवविज्ञानी के रूप में कार्य कर रहे है।
  • यदि आप किसी व्यक्ति से संपर्क में आ रहे है, जो संक्रमित है या हाल ही में टाइफाइड बुखार से संक्रमित हुआ है।
  • यदि आप सीवेज द्वारा दूषित पानी पी रहे है, जिसमें साल्मोनेला टायफी हो।

(और पढ़ें - टाइफाइड होने पर क्या करे)

टाइफाइड से बचाव - Prevention of Typhoid in Hindi

टाइफाइड होने से कैसे रोका जा सकता है?

कई विकासशील देशों में टाइफाइड से बचाव करने वाले उपायों की उपलब्धि थोड़ी मुश्किल हो सकती है, जैसे सुरक्षित पानी उपलब्ध करवाना, स्वच्छता बनाए रखना और उपयुक्त मेडिकल व्यवस्था करना आदि। इसी वजह से कुछ विशेषज्ञ अधिक मात्रा में टाइफाइड लोगों से बचाव करने के लिए टीकाकरण को ही सबसे अच्छा विकल्प मानते हैं। 

यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में यात्रा करने जा रहें हैं जहां पर टाइफाइड के जोखिम अधिक हैं, तो आपको टाइफाइड का टीका लगवाने का सुझाव दिया जा सकता है।

टाइफाइड की वैक्सीन / टीका / इंजेक्शन

वर्तमान में टाइफाइड के तीन टीके/ इंजेक्शन डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रमाणित हैं -

  1. टाइफाइड कोंजूगेट वैक्सीन (टीसीवी; TCV) - इसे 6 महीने के बच्चों से 45 साल तक के वयस्कों लिए लाइसेंस प्राप्त है। इसे इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है।
  2. Vi-PS वैक्सीन - इसे दो साल और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए इसे स्वीकृति दी गयी है। इसे भी इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है।
  3. Ty21a वैक्सीन - इसे छह साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए उचित करार दिया गया है। यह कैप्सूल के रूप में मिलती है।

टाइफाइड की तीनों वैक्सीन में से टीसीवी को सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे प्रतिरक्षा ज़्यादा मिलती है, छोटे बच्चों में उपयोग के लिए उपयुक्तता अधिक है और यह ज़्यादा समय तक असरदार रहती है।

लेकिन टाइफाइड की कोई भी वैक्सीन 100 प्रतिशत काम नहीं करती है।

(और पढ़ें - टाइफाइड वैक्सीन)

अन्य जरूरी सावधानियां

जैसा कि टीकाकरण से पूरी तरह से सुरक्षा नहीं मिल पाती, इसलिए ऐसे क्षेत्रों में यात्रा करने के दौरान जहां खतरा अधिक होता है, निम्न उपाय करने चाहिए:

  • हाथ धोना -
    गर्म पानी व साबुन के साथ बार-बार हाथ धोना संक्रमण से बचाव करने के सबसे बेहतर तरीकों में से एक है। खाना बनाने व खाने से पहले और टॉयलेट के बाद अपने हाथों को अच्छे से धोएं। अपने साथ अल्कोहल वाले सेनिटाइजर्स रखें और जहां पर पानी उपलब्ध ना हों इनका उपयोग करें। (और पढ़ें - हाथ धोने का सही तरीका)
     
  • बिना साफ किया पानी ना पिएं -
    जिन क्षेत्रों में टाइफाइड का खतरा अधिक होता है, वहां पर खासतौर पर दूषित पानी की समस्या मिल जाती है। इस वजह से हमेशा बोतल या कैन आदि में बंद पानी या अन्य पेय पदार्थ ही पीने चाहिए। कार्बोनेटेड पानी बिना कार्बोनेट किए गए पानी के मुकाबले सुरक्षित होता है। 
    पीने वाले पानी में बर्फ ना मिलाएं। दांतों को ब्रश करने के लिए भी बोतल वाले पानी का इस्तेमाल करें और नहाते समय पानी मुंह के अंदर ना जाने दें। (और पढ़ें - पानी साफ करने के उपाय)
     
  • कच्चे फलों व सब्जियों को ना खाएं -
    क्योंकि कच्ची खाई जाने वाली सब्जियों व फलों को असुरक्षित पानी में धोया जा सकता है। खासकर ऐसी सब्जियों को ना खाए जिनका छिलका ना उतार पाएं, जैसे सलाद आदि। पूरी तरह से सुरक्षित रहने के लिए आपको कच्ची सब्जियों, फलों व बिना पके खाद्य पदार्थ खाना पूरी तरह से बंद कर ना पड़ सकता है।
     
  • गर्म आहार खाएं -
    ऐसे खाद्य पदार्थों को ना खाएं जिनको सामान्य तापमान में रखा गया हो या बनाया गया हो। गर्म-गर्म ताजा पका भोजन ज्यादा सुरक्षित होता है। वैसे तो किसी भी बड़े से बड़े होटल में भी अच्छा व शुद्ध खाना मिलने की गारंटी नहीं होती, लेकिन फिर भी सड़क किनारे मिलने वाले वाले भोजन से बचना चाहिए क्योंकि इनका खाना दूषित होने की संभावना अधिक होती है। 

अन्य लोगों को संक्रमित करने से बचें - 

यदि आप टाइफाइड बुखार से ठीक हो रहे हैं, तो कुछ उपाय की मदद से अन्य लोगों को भी आप से संक्रमित होने से बचाया जा सकता है:

  • एंटीबायोटिक दवाएं लें -
    डॉक्टर के बताए जाने के अनुसार अपनी एंटीबायोटिक दवाओं को समय पर लेते रहें। यदि आप इलाज पूरा होने से पहले ही स्वस्थ महसूस कर रहे हैं, फिर भी दवाओं को बीच में ना छोड़ें।
     
  • अपने हाथों को नियमित रूप से धोते रहें -
    अन्य लोगों में टाइफाइड का संक्रमण फैलने से बचाने के लिए नियमित रूप से हाथ धोते रहना एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपाय है। हाथ धोने के लिए साबुन और गर्म पानी का इस्तेमाल करें और हाथों को कम से कम 30 सेकेंड तक रगड़ कर धोएं। खासतौर पर खाना खाने से पहले और टॉयलेट जाने के बाद अपने हाथों को जरूर धोएं।
     
  • खुद से खाना ना बनाएं -
    जब तक आप टाइफाइड से संक्रमित हैं, तब तक आप किसी अन्य व्यक्ति के लिए खाना ना बनाएं। यदि आप किसी फूड इंडस्ट्री या स्वास्थ्य देखभाल सेवा में काम कर रहें हैं, तो आपको तब तक काम पर नहीं जाना चाहिए जब तक टेस्ट के रिजल्ट में आप पूरी तरह से संक्रमण रहित ना हो पाएं।

टाइफाइड बुखार की जांच - Diagnosis of Typhoid in Hindi

टाइफाइड के लिए कौन से टेस्ट किये जाते हैं?

दूषित खान-पान के बाद, उनमें मौजूद साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया आंत्र तक पहुंच जाता है। खून में मौजूद सफ़ेद रक्त कोशिकाएं बैक्टीरिया को खून में ले जाती हैं, जहाँ वह गुणा करते हैं। इस समय के दौरान, बुखार जैसे लक्षण दिखाई देने लगते है। बैक्टीरिया अब पित्त प्रणाली में आ जाता है। और यहाँ आकर बहुत अत्याधिक मात्रा में गुणा करते हैं। इसके बाद बैक्टीरिया आंत्र मार्ग से होते हुए स्टूल में चलें जातें हैं। इसका निदान स्टूल सैंपल द्वारा किया जाता है। अगर परिक्षण ठीक नहीं आते तो, खून के या यूरिन के सेंपल से इसका परीक्षण किया जाता है।

(और पढ़ें - टाइफाइड टेस्ट क्या है)

टाइफाइड का इलाज - Typhoid Treatment in Hindi

1. एंटीबायोटिक दवाएं

टाइफाइड बुखार के इलाज में एंटीबायोटिक दवाएं का सेवन ही एकमात्र प्रभावशाली तरीका है।

ज़्यादातर इस्तेमाल होने वाली दवाइयां -

  • सिप्रोफ्लोक्ससिन (Ciprofloxacin) - डॉक्टर अक्सर यह दवा लेने का सुझाव देते है। यह दवा गर्भवती महिलाओं को नहीं दी जाती है।
  • सेफ्ट्रीएक्ज़ोन (Ceftriaxone) - यह एंटीबायोटिक दवा इंजेक्शन द्वारा उन लोगों को दी जाती है, जिन्हे सिप्रोफ्लोक्ससिन नहीं दिया जा सकता। जैसे कि - छोटे बच्चे।

इन दवाओं के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, और लम्बे समय तक इस्तेमाल करने से इनका प्रभाव ख़त्म हो जाता है।

2. अन्य इलाजों में शामिल हैं:

  • तरल पदार्थों का सेवन करना -
    यह लम्बे समय से रहने वाले बुखार और दस्त के कारण होने वाले निर्जलीकरण से बचाता है। अगर आप गंभीर रूप से निर्जलित है, तो आपको नसों द्वारा तरल पदार्थ दिया जा सकता है।
     
  • सर्जरी -
    अगर आपकी आंत्र में छेद हो गए हैं, तो उन्हें ऑपरेशन से ठीक किया जाएगा।

टाइफाइड बुखार के अधिकांश मामलों का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए किया जा सकता है। लेकिन अस्पताल में भरती होने की आवश्यकता पड़ सकती है यदि हालत गंभीर हो।

(और पढ़ें - टाइफाइड में क्या खाना चाहिए)

टाइफाइड कितने दिन में ठीक होता है - How long does typhoid last?

टाइफाइड कितने दिन में ठीक हो जाता है?

यदि टाइफाइड बुखार का पता शुरुआती चरण में चल जाता है, तो डॉ आपको एंटीबायोटिक गोलियों का एक कोर्स देंगे। अधिकांश लोगों को 7 से 14 दिनों के लिए इन्हें लेने की आवश्यकता होती है। एंटीबायोटिक लेने के 2 से 3 दिनों के भीतर आपके लक्षणों में सुधार होना शुरू हो जाना चाहिए। लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप एंटीबायोटिक का पूरा कोर्स खत्म करें ताकि आपके शरीर से बैक्टीरिया पूरी तरह से खत्म हो जाए।

क्या टाइफाइड दोबारा हो सकता है?

कुछ लोगों को एंटीबायोटिक का पूरा कोर्स करने के बाद भी टाइफाइड बुखार दोबारा हो जाता है। इन मामलों में, आमतौर पर एंटीबायोटिक उपचार समाप्त होने के एक सप्ताह बाद लक्षण वापस आते हैं।

दूसरी बार टाइफाइड होने पर लक्षण आमतौर पर हलके होते हैं और पहली बार की तुलना में कम समय तक रहते हैं। लेकिन आमतौर पर दूसरी बार भी एंटीबायोटिक दवाओं के साथ उपचार करना आवश्यक होता है।

टाइफाइड कितने दिन तक रहता/ रह सकता है?

आपके लक्षण खत्म हो जाने के बाद, आपको एक और स्टूल टेस्ट करवाने को कहा जायेगा यह जानने के लिए कि क्या आपके मल में अभी भी साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया मौजूद हैं या नहीं। यदि हाँ, तो आप टाइफाइड संक्रमण फैला सकते हैं। जीवाणुओं को शरीर से खत्म करने के लिए आपको एंटीबायोटिक दवाओं का एक और 28-दिवसीय कोर्स करने की आवश्यकता हो सकती है।

जब तक टेस्ट से यह साबित नहीं हो जाता कि आप बैक्टीरिया से मुक्त हैं, किसी और के लिए भोजन ना पकाएं, ना परोसें, यहाँ तक कि उसे हाथ भी ना लगाएं । यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि आप शौचालय जाने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं।

टाइफाइड के नुकसान - Typhoid Complications in Hindi

अगर टाइफाइड का इलाज न किया जाये तो क्या परेशानियां पैदा हो जाती हैं?

टाइफाइड बुखार की सबसे गंभीर जटिलताएं - आंतों में खून बहना या आंतों में छेद - बीमारी के तीसरे हफ्ते में विकसित हो सकता है। छेद छोटी या बड़ी आंत्र में हो सकते हैं, जिनसे आंतों में मौजूद सामग्री पेट की अंदरूनी खोल में चली जाती है। इसकी वजह से गंभीर पेट दर्द, मतली, उल्टी और खून में संक्रमण (सेप्सिस) जैसे गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं। इस जानलेवा स्थिति के लिए तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है।

अन्य संभावित जटिलताओं में शामिल हैं -

शीघ्र उपचार के साथ, औद्योगिक देशों में लगभग सभी लोग टाइफाइड बुखार से उभर सकते हैं। उपचार के बिना, कुछ लोग बीमारी की जटिलताओं से बच नहीं पाते हैं।



संदर्भ

  1. National Health Service [internet]. UK; Typhoid fever: Overview
  2. Iowa Department of Public Health [internet]. TYPHOID FEVER, CARRIER. Acute Communicable Disease Control Manual (B-73), REVISION—JUNE 2018
  3. National Health Service [internet]. UK; Typhoid fever: Vaccination
  4. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Typhoid & Paratyphoid Fever. Infectious Diseases Related to Travel.
  5. National Health Portal [Internet] India; Typhoid / Enteric Fever
  6. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Typhoid.

टाइफाइड की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Typhoid Fever in Hindi

टाइफाइड के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

टाइफाइड की जांच का लैब टेस्ट करवाएं

टाइफाइड के लिए बहुत लैब टेस्ट उपलब्ध हैं। नीचे यहाँ सारे लैब टेस्ट दिए गए हैं:

टाइफाइड पर आम सवालों के जवाब

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरी उम्र 45 साल है। दो हफ्तों से मुूझे बुखार था और खासी भी बहुत हो रही थी। डाक्टर ने वायरल इंफेक्शन समझकर मेरा ट्रीटमेंट किया। जब 5 दिनों की दवा खाने के बावजूद मैं पूरी तरह ठीक नहीं हुआ तो मेरा ब्लड टेस्ट करवाया, जिसमें रिजल्ट S Typhi O 1:160 positive आया है। क्या मुझे टाइफाइड हुआ है?

Dr. Ayush Pandey MBBS, PG Diploma , General Physician

जी, हां आपकी रिपोर्ट के अनुसार आपको टाइफाइड है। ट्रीटमेंट की वजह से आपका बुखार कुछ कम हुआ होगा। आप डॉक्टर से मिलें और उनकी दी गयी दवा खाएं।  इन दिनों आप अपनी डाइट का खूब ख्याल रखें। ऐसी कोई चीज न खाएं, जिसे पचाने में समस्या हो। शुरुआती पांच दिन सिर्फ लिक्विड डाइट ही लें जैसे दूध या चाय में बिस्किट घोलकर पिएं, रोटी दूध में मैश करके खाएं। इसके बाद खिचड़ी आदि खाएं।

सवाल लगभग 5 साल पहले

क्या टाइफाइड से और कोई बीमारी हो सकती है?

Dr. B. K. Agrawal MBBS, MD , कार्डियोलॉजी, सामान्य चिकित्सा, आंतरिक चिकित्सा

टाइफाइड के साथ कई बीमारियां हो सकती हैं जैसे जॉन्डिस, अल्सर आदि। असल में टाइफाइड इंटेस्टाइन की बीमारी है। कई बार यह संक्रमण फैलकर लिवर तक पहुंच जाता है, जिससे मरीज को टाइफाइड के साथ-साथ जॉन्डिस भी हो जाता है। इसे काला पीलिया भी कहा जाता है। इसी तरह टाइफाइड के साथ-साथ इंटेस्टाइन में अल्सर भी बन जाता है। कई बार यह स्थिति मेडिकल इमर्जेंसी में तब्दील हो जाती है और मरीज का आपरेशन तक करना पड़ता है। जब मरीज को टाइफाइड के साथ-साथ कोई दूसरी बीमारी होती है तो मरीजों को नियमित सही और उपयुक्त डाइट लेनी चाहिए, डाक्टर की सलाह पर एंटीबायोटिक लेनी चाहिए, पानी, ग्लूकोन-डी पीना चाहिए यानी जितना संभव हो तरल खाद्य पदार्थ का सेवन किया जाना चाहिए। हरी सब्जियां भी इसमें फायदेमंद हैं। लेकिन प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का इनटेक कम करना चाहिए। दरअसल टायफाइड होने पर मरीजों को अपने लिवर का ख्याल रखना चाहिए। ऐसी चीजें कम खानी चाहिए जो लिवर पर जोर देती हों। खिचड़ी, दलिया, गन्ने का जूस लाभकारी है।

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरी उम्र 27 साल है। 10 दिनों पहले मुझे टाइफाइड बुखार था। अब टाइफाइड तो ठीक हो गया है, लेकिन मेरे हाथ और पैरों के ज्वाइंट्स में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है। कृपया बताएं कि इससे रिकवर होने के लिए मैं क्या करूं?

Dr. Braj Bhushan Ojha BAMS , गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक

टाइफाइड के बाद इस तरह का दर्द होना सामान्य है। इन दिनों कोशिश करें कि अच्छी डाइट लें और हमेशा हाइड्रेट रहें। जहां तक आपके ज्वाइंट्स में दर्द की बात है, इसके लिए आपको आर्थोपेडिशियन के पास जाना होगा। वही आपको देखकर ज्वाइंट्स में हो रहे दर्द का इलाज कर पाएंगे।

सवाल लगभग 5 साल पहले

टाइफाइड में कमजोरी क्यों होती है?

Dr. Haleema Yezdani MBBS , सामान्य चिकित्सा

टाइफाइड में बुखार, कमजोरी उसके लक्षण के तौर पर नजर आते हैं। यह समस्या आम है। हालांकि कई अन्य बीमारियों में भी मरीज को कमजोरी आदि महसूस हो सकती है। इसलिए कमजोरी होने पर उसे सीधे-सीधे टाइफाइड से जोड़ना सही नहीं है। लेकिन टाइफाइड के ठीक होने के बावजूद अक्सर लोगों को कमजोरी की शिकायत होती है। इससे रिकवर करना मुश्किल नहीं है। लेकिन यह पूरी तरह मरीज की उम्र, उसके खानपान और ली गई एंटीबायोटिक पर निर्भर करता है। इसके साथ ही मरीज की रिकवरी इस बात पर भी निर्भर होती है कि उसका ट्रीटमेंट कितना लंबा चला है? अगर ट्रीटमेंट लंबा चला होगा, तो मरीज को सामान्य होने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है। इसी तरह बच्चों में वयस्कों के मुकाबले ठीक होने में ज्यादा समय लगता है। इसके अलावा अगर मरीज एचआईवी संक्रमित है, डायबिटीज है, लंबे समय से कोई दवा ले रहा है या उसका प्रतिरक्षी तंत्र कमजोर है, तो ऐसे में उसे टाइफाइड से रिकवर के बाद सामान्य होने में समय लगता है। इसलिए वह कमजोर महसूस करता है।