कोलेस्ट्रॉल एक फैटी एसिड है, जो जिगर में निर्मित होता है और कई शारीरिक कार्यों के लिए आवश्यक होता है। इसका असंतुलित होना हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। कई लोगों का मानना ​​है कि कोलेस्ट्रॉल स्वास्थ्य के लिए बुरा है, लेकिन आयुर्वेद का इसके लिए एक अलग ही नजरिया है।

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आयुर्वेद समझता है, कोलेस्ट्रॉल एक महत्वपूर्ण तत्व है जो कि हमारे शरीर में रक्‍तवाही प्रणाली को समर्थन और चिकनाई देता है। यह शरीर के लिए बुरा नहीं है, लेकिन कोलेस्ट्रॉल में अमा की उपस्थिति हानिकारक हो सकती है। अमा चयापचय की प्रक्रिया के दौरान वह विषाक्त पदार्थ हैं जो वसा ऊतकों में जमा हो जाते हैं।

आमतौर पर अमा एक चिपचिपा, दुर्गंधयुक्त, अपशिष्ट उत्पाद है जो कि अपच के कारण बनता है। अगर यह शरीर प्रणाली में लंबे समय के लिए मौजूद रहता है और अच्छे से साफ नहीं होता है, तो यह अमाविष का रूप ले लेता है। जब इसकी मात्रा अधिक बढ़ जाती है, तो यह शरीर के ऊतकों में फैलना और अपशिष्ट उत्पादों को रोकना शुरू कर देता है। जब अमाविष वसा ऊतकों में बाधा डालता है, तब हाई बीपी, उच्च कोलेस्ट्रॉल और अन्य हृदय रोगों के रूप में समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

इसलिए, अगर आप ऐसा भोजन करते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है, तो इसके लिए आपको इस लेख में दिए गए आयुर्वेदिक निर्देशों पर ध्यान देना चाहिए -

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  1. ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल के खाने के बाद जाएं सैर पर
  2. तेल वाला खाना खाने के बाद पिएं गर्म पानी
  3. तुरंत भोजन करने के बाद सोने ना जाएँ
  4. तेलीय खाने के बाद ठंडी चीज़ें ना खाएँ
  5. ये आयुर्वेदिक नुस्खे हैं फायदेमंद
  6. सारांश

तेलीय (oily) या भारी भोजन खाने के बाद, तीव्र व्यायाम के लिए ना जाएँ। इसके लिए हमेशा सैर के लिए जाना बेहतर होता है। इससे अतिरिक्त कैलोरी को जलाने में मदद मिलती है।

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एक या दो गिलास गर्म पानी पीना, तेलीय खाने की आसान निकासी (evacuation) में मदद करता है। यह जिगर, पेट और आंतों को स्वस्थ रखता है और उन्हें नुकसान से बचाता है।

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हमेशा अपने खाने के समय और बिस्तर पर जाने के बीच दो से तीन घंटे का अंतराल रखने का प्रयास करें। अगर आप तुरंत भोजन करने के बाद सोने के लिए चले जाते हैं, तो इससे ऊर्जा की खपत नहीं होती है और यह शरीर में फैट के रूप में जमा हो जाती है। 

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तेलीय खाना खाने के बाद आइस क्रीम जैसी ठंडी चीज़ें खाने का आपके जिगर, पेट और आंतों पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसलिए भारी भोजन के बाद ठंडी चीज़ें खाने से बचें।

कुछ आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे हैं, जोकि तेलीय खाद्य पदार्थो के प्रतिकूल प्रभाव को समाप्त करने में मदद करते हैं -

ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल के खाने के बाद लें त्रिफला

एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को कुछ गर्म पानी, गोमूत्र या शहद के साथ दिन में दो बार लेना तेलीय खाद्य पदार्थो के प्रभाव को कम करने में वास्तव में मददगार हो सकता है।

कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए लें गुग्गुलु

गुग्गुलु एक जड़ी बूटी है जो कि कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और एक उच्च कोलेस्ट्रॉल आहार के बुरे प्रभाव को कम करने में मदद करती है। यह गोलियों के रूप में भी बाजार में आसानी से उपलब्ध है। हालांकि, यह लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना बेहतर है।

जल्दी चयापचय के लिए लें काली मिर्च

काली मिर्च वसा (fat) के जल्दी चयापचय के लिए, जिगर को उत्तेजक करने में मदद करती है। चूंकि यह गर्म और मसालेदार है, तो आप काली मिर्च पाउडर के दो चुटकी शहद के साथ, दिन में दो बार, तीन से चार दिन के लिए सेवन कर सकते हैं।

तेलीय खाद्य पदार्थो के बाद लें शहद

आयुर्वेद के अनुसार, शहद तेलीय खाद्य पदार्थो के लिए अच्छी विषहर औषधियों में से एक है।

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अधिक कोलेस्ट्रॉल वाले भोजन के बाद लें गाय मूत्र

गाय का मूत्र भी तेलीय खाद्य पदार्थो के लिए अच्छी विषहर औषधियों और मोटापे के लिए सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है।

आयुर्वेद के अनुसार स्वास्थ्य के लिए कोलेस्ट्रॉल जरूरी है, लेकिन इसी के साथ यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि कोलेस्ट्रॉल का लेवल असंतुलित न हो जाए। कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई होने से हृदय रोग होने का खतरा रहता है। इसलिए, अगर कोई उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ खाता है, तो उसे इस लेख में बताए गए आयुर्वेदिक नुस्खों से फायदा हो सकता है।

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