हम सभी को अलग अलग तरह के व्यंजन खाना पसंद होता है, ख़ासकर बाहर का बना खाना जैसे जंक फूड (पिज़्ज़ा, बर्गर, मोमोज़ आदि)। युवा लोग विशेष रूप से खाद्य पदार्थो के नुकसान और फायदे की कोई परवाह किए बिना कुछ भी खाते रहते हैं। लेकिन जैसे उम्र बढ़ती है, हम अपने खाने पर नजर रखना शुरू करते हैं। क्योंकि उम्र के साथ विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हमारे सामने आनी शुरू होती हैं। उच्च कोलेस्ट्रॉल भी एक ऐसा ही स्वास्थ्य मुद्दा है जो कि आम तौर पर तेल और जंक फूड के अधिक सेवन के कारण पैदा होता है।
कोलेस्ट्रॉल एक फैटी एसिड है जो कि जिगर में निर्मित होता है और कई शारीरिक कार्यों के लिए आवश्यक होता है। हालांकि, इसका असंतुलित होना हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। कई लोगों का मानना है कि कोलेस्ट्रॉल स्वास्थ्य के लिए बुरा है, लेकिन आयुर्वेद का इसके लिए एक अलग ही नजरिया है।
आयुर्वेद समझता है, कोलेस्ट्रॉल एक महत्वपूर्ण तत्व है जो कि हमारे शरीर में रक्तवाही प्रणाली को समर्थन और चिकनाई देता है। यह शरीर के लिए बुरा नहीं है, लेकिन कोलेस्ट्रॉल में अमा की उपस्थिति हानिकारक हो सकती है। अमा चयापचय की प्रक्रिया के दौरान वह विषाक्त पदार्थ हैं जो वसा ऊतकों में जमा हो जाते हैं।
आमतौर पर अमा एक चिपचिपा, दुर्गंधयुक्त, अपशिष्ट उत्पाद है जो कि अपच के कारण बनता है। लेकिन अगर यह शरीर प्रणाली में एक बहुत लंबे समय के लिए मौजूद रहता है और अच्छे से साफ नहीं होता है तो यह अमाविष का रूप ले लेता है। जब इसकी मात्रा अधिक बढ़ जाती है, तो यह शरीर के ऊतकों में फैलना और अपशिष्ट उत्पादों को रोकना शुरू कर देता है। जब अमाविष वसा ऊतकों में बाधा डालता है, तब हाई बीपी, उच्च कोलेस्ट्रॉल और अन्य हृदय रोगों के रूप में समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
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इसलिए कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए आपको एक स्वस्थ आहार और जीवन शैली का पालन करना ज़रूरी है। अगर आप ऐसा भोजन करते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है, तो इसके दुष्प्रभाव आपके शरीर पर ना पड़ें, इसके लिए आपको नीचे दिए गए आयुर्वेदिक निर्देशों पर ध्यान देना चाहिए -