कोविड-19 बीमारी के लक्षणों में एक और लक्षण शामिल हो सकता है। ब्रिटेन स्थित किंग्स कॉलेज लंदन (केसीएल) और स्वास्थ्य मामलों से जुड़ी कंपनी जोए ग्लोबल लिमिटेड के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक नए अध्ययन की मानें तो त्वचा पर होने वाले चकत्ते भी कोरोना वायरस का संक्रमण होने का संकेत हो सकते हैं। यहां स्पष्ट कर दें कि इस अध्ययन के परिणाम अभी तक किसी मेडिकल जर्नल में प्रकाशित नहीं हुए हैं। इनकी समीक्षा की जानी बाकी है। फिलहाल इस शोध की जानकारी मेडआरकाइव सर्वर पर देखी जा सकती है।

रिपोर्टों के मुताबिक, यह अपनी तरह की पहली शोध रिपोर्ट हो सकती है, जिसमें जोर देकर कहा गया है कि त्वचा पर होने वाले रेशेज कोविड-19 के लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, इसकी आशंका जताने वाले अध्ययन पहले भी सामने आए हैं। मार्च से लेकर अब तक किए कुछ अन्य शोधों में यह अंदेशा जताया जाता रहा है कि कोविड-19 के मरीजों की त्वचा पर चकत्ते दिखाई दिए हैं और ऐसा होना कई अन्य बीमारियों की पहचान को लेकर उलझन पैदा कर सकता है।

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मार्च महीने में अमेरिकी पत्रिका 'जर्नल ऑफ अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मटॉलजी' में प्रकाशित एक शोध में बताया गया था कि कोविड-19 के एक मरीज की त्वचा पर बिल्कुल वैसे ही चकत्ते दिखाई दिए थे, जैसे डेंगू होने पर दिखते हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उस समय कई त्वचा विशेषज्ञों ने कहा था कि इससे न सिर्फ अन्य शारीरिक समस्याओं की पहचान करने में समस्या हो सकती है, बल्कि कोविड-19 से जुड़े स्किन रेशेज के और भी कई प्रकार हो सकते है, जिनकी जानकारी अभी तक ज्ञात नहीं है।

इस रिपोर्ट के बाद अप्रैल महीने में अमेरिका के क्लेवलैंड क्लिनिक ने भी बताया कि दुनियाभर में कोविड-19 के मरीजों की त्वचा पर चकत्ते होने की शिकायतें आई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इटली के त्वचा विशेषज्ञों का दावा है कि वहां कोरोना वायरस से संक्रमित 20 प्रतिशत मरीजों में यह लक्षण अलग-अलग प्रकार से देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि कुछ मरीजों की त्वचा पर लाल चकत्ते देखे गए हैं तो कुछ के रेशेज मधुमक्खी के आकार के थे। किसी-किसी मरीज के चकत्ते चिकन पॉक्स बीमारी में होने वाले फफोले के आकार के थे। वहीं, कुछ अन्य देशों में कोरोना मरीजों के शरीर पर धब्बे जैसे चकत्ते दिखाई पड़े हैं।

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कैसे किया गया शोध?
केसीएल के शोधकर्ताओं ने 'यूके कोविड सिम्प्टम स्टडी' नाम के एक एप की मदद से तीन लाख 36 हजार से ज्यादा यूजर्स का डेटा इकट्ठा किया। इनमें से 8.8 प्रतिशत यूजर्स कोविड-19 के टेस्ट में पॉजिटिव निकले थे और उनकी त्वचा पर बॉडी रेशेज या वायरल बुखार में होने वाले ऐक्रल रेशेज पड़ गए थे। वहीं, जिन यूजर्स के टेस्ट नेगेटिव निकले, उनमें भी 5.4 प्रतिशत में यह लक्षण दिखा था। इसके अलावा, शोध में आगे बताया गया कि जिन यूजर्स का टेस्ट नहीं किया गया, उनमें से 8.2 प्रतिशत में कोविड-19 का यह लक्षण दिख सकता है।

शोधकर्ताओं ने एक अन्य स्वतंत्र ऑनलाइन सर्वे के परिणामों के आधार पर बताया कि सर्वेक्षण में पॉजिटिव पाए गए लोगों में से 17 प्रतिशत में स्किन रेशेज की समस्या कोरोना संक्रमण के शुरुआती लक्षण के रूप में दिखाई दी थी। इस आधार पर इन वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आए लोगों में चकत्ते कोविड-19 के सिंगल लक्षण के रूप में सामने आ सकते हैं या फिर अन्य लक्षणों के साथ भी दिखाई दे सकते हैं, लिहाजा इन्हें इस बीमारी का महत्वपूर्ण लक्षण माना जाए ताकि जल्दी से जल्दी मरीजों का इलाज किया जा सके।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: त्वचा पर चकत्ते होना भी कोरोना वायरस इन्फेक्शन का लक्षण हो सकता है, शोध के आधार पर वैज्ञानिकों का दावा है

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