डेंगू बुखार - Dengue Fever in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

April 20, 2017

June 14, 2023

डेंगू बुखार
डेंगू बुखार

डेंगू बुखार डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छर के काटने के कारण होने वाली बीमारी है। यह दुनिया के उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) क्षेत्रों में प्रचलित है। डेंगू बुखार एक दर्दनाक, अक्षम या असमर्थ करने वाली बीमारी है, जिसमें दर्द की गंभीरता हड्डियों के टूटने के सामान्य होती है - इसलिए इसे 'ब्रेकबोन' (हड्डी-तोड़) बुखार भी कहा जाता है।

डेंगू बुखार हर साल दुनिया भर में करीब 40 करोड़ लोगों को प्रभावित करता है, और दुनिया की लगभग 40% आबादी संक्रमण के खतरे में है। चूंकि डेंगू बुखार वायरस के कारण होता है, इसलिए इसे एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक नहीं किया जा सकता है।

बरसात के मौसम के बाद यह रोग बहुत आम हो जाता है। डेंगू बुखार मच्छर के काटने से फैलता है और यह अत्यधिक संक्रामक है। अफ्रीका, उत्तर और दक्षिण अमेरिका, पूर्वी भूमध्यसागर, दक्षिण-पूर्वी एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के 100 से अधिक देशों में यह रोग पाया जाता है। उत्तर और दक्षिण अमेरिका, दक्षिण-पूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र सबसे गंभीर रूप से प्रभावित हैं।

यह पिछले दो दशकों से भारत में एक बहुत ही सामान्य बीमारी बीमारी बन गया है। डेंगू किसी को प्रभावित कर सकता है, चाहे वह छोटा बच्चा हो या कोई बड़ा व्यक्ति, नर या नारी। डेंगू बुखार का एक गंभीर और जीवन के लिए खतरनाक रूप है डेंगू हॅमरेजिक बुखार (डीएचएफ), जिसके शिकार ज़्यादातर बच्चे होते हैं।

डेंगू बुखार के प्रकार - Types of Dengue Fever in Hindi

डेंगू कितने प्रकार का होता है?

डेंगू वायरस के चार सीरोटाइप होते हैं (DENV-1, -2, -3, और -4)।

DENV की वजह से डेंगू बुखार (डीएफ; DF) से लेकर डेंगू रक्तस्रावी बुखार (डीएचएफ; DHF) तक हो सकता है। डीएचएफ अगर और गंभीर हो जाए तो डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस; DSS) नामक कंडीशन तक बढ़ सकता है।

डीएफ में सिरदर्द, बुखार, जोड़ों का दर्द, मायालगिया, मतली, उल्टी और चकत्ते जैसे गैर-विशिष्ट लक्षण होते है।

इन लक्षणों के अलावा, डीएचएफ में रक्तस्राव, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और प्लाज्मा रिसाव भी होते हैं। यह स्थिति हाइपोवोलेमिक शॉक में तेजी से प्रगति कर सकती है और कई मामलों में मृत्यु का कारण बन सकती है।

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डेंगू बुखार के लक्षण - Dengue Fever Symptoms in Hindi

डेंगू बुखार के लक्षण

डेंगू बुखार के लक्षण शुरू में हल्के हो सकते हैं और इस लिए इन्हे कई बार ग़लतफहमी में सर्दी या वायरल के लक्षण समझ लिया जाता है। डेंगू बुखार के प्रमुख लक्षणों में अचानक तेज़ बुखार (104 डिग्री तक भी हो सकता है) के साथ इनमें से कम से कम 2 होते हैं -

गंभीर डेंगू के लक्षण

थोड़े से मामलों में, डेंगू का बुखार एक गंभीर रूप ले लेता है जिसे डेंगू हॅमरेजिक बुखार (डीएचएफ; डेंगू रक्तस्रावी बुखार) के नाम से जाना जाता है। डीएचएफ काफ़ी जानलेवा हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप रक्तस्राव होता है, रक्त प्लेटलेट की गिनती कम हो जाती है (थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया), रक्त प्लाज्मा रिसाव हो सकता है, या अधिक घातक डेंगू शॉक सिंड्रोम भी हो सकता है जिससे खतरनाक रूप से रक्तचाप कम होता है।

डेंगू के गंभीर डेंगू बनने में बीमारी के पहले संकेत के लगभग 3-7 दिनों के बाद का समय महत्वपूर्ण होता है। शरीर का तापमान कम हो सकता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति ठीक हो ही रहा है। इन चेतावनी संकेतों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि इनसे गंभीर डेंगू हो सकता है -

(और पढ़ें - प्लेटलेट बढाने के उपाय)

डेंगू बुखार के कारण - Dengue Fever Causes in Hindi

डेंगू बुखार कैसे फैलता और होता है?

डेंगू वायरस वाले मच्छरों के काटने से डेंगू बुखार और डेंगू हॅमरेजिक बुखार (डीएचएफ) मानव-से-मच्छर-से-मानव तक फैलता है। डेंगू वायरस एक समूह से संबंधित है जिसे फ्लैवीवायरस कहा जाता है और इन्हें आमतौर पर चार वायरल श्रेणियों में डाला जाता है: डी-ई-एन 1, डी-ई-एन 2, डी-ई-एन 3 और डी-ई-एन 4।

एडीस (aedes) प्रजाति के कई मच्छरों से डेंगू संचारित हो सकता है - विशेष रूप से, एडीस एजिप्टी (Aedes aegypti) प्रजाति जो कि डेंगू संचरण का प्रमुख कारण है। मच्छर की यह प्रजातियां स्थिर जल में पनपती हैं और आमतौर पर दिन के दौरान काटती हैं। एक व्यक्ति के संक्रमित होने के बाद वायरस 2-7 दिनों के लिए रक्त में फैलता है और उस दौरान अगर इस व्यक्ति को मच्छर काटता है तो वह मच्छर भी संक्रमित हो जाता है और दूसरे लोगों को काटकर संक्रमित कर देता है।

(और पढ़ें - मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियां)

डेंगू वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे नहीं फैलता, यह संक्रामक नहीं है और व्यक्ति से व्यक्ति के संपर्क में नहीं फैलता। इस वायरस को फैलने के लिए एडीज़ मच्छर की जरूरत पड़ती है। ये मच्छर हल्के ठंडे तापमान में जीवित रह सकते हैं, इस मौसम में ये आसानी से वायरस फैला पाते हैं। 

(और पढ़ें - मानसून में होने वाली बीमारियां)

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डेंगू बुखार से बचाव - Prevention of Dengue Fever in Hindi

डेंगू से कैसे बचा जा सकता है?

दुनिया के कुछ देशों में अब डेंगू की वैक्सीन अब उपलब्ध है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना ​​है कि जिन क्षेत्रों में डेंगू होना आम है, वहां डेंगू बुखार का टीका अपने आप में बचाव का एक प्रभावी तरीका नहीं है। मच्छरों के काटने को रोकना और मच्छरों की आबादी को नियंत्रित करना अभी भी डेंगू बुखार के प्रसार को रोकने के मुख्य तरीके हैं।

(और पढ़ें - मच्छरों से छुटकारा पाने के उपाय)

यदि आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं या उस क्षेत्र की यात्रा करते हैं जहाँ डेंगू बुखार आम है, तो ये नुस्खे आपके मच्छर के काटने के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं -

  • अच्छी तरह से बंद आवास में रहें - डेंगू वायरस फैलाने वाले मच्छर सुबह से शाम तक सबसे अधिक सक्रिय होते हैं, लेकिन वे रात में भी काट सकते हैं। (और पढ़ें - बच्चों में डेंगू के लक्षण)
  • सुरक्षात्मक कपड़े पहनें - अगर आप मच्छर-संक्रमित क्षेत्र में रहते हैं तो एक लंबी आस्तीन वाली शर्ट, लंबी पैंट, मोजे और जूते पहनें।
  • मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें - क्रीम को आपके कपड़ों, जूतों, और मच्छरदानी पर लगाया जा सकता है।
  • मच्छरों के पनपने को कम करें - डेंगू वायरस को फैलाने वाले मच्छर आमतौर पर घरों में या आसपास रहते हैं, और खड़े पानी में पैदा होते हैं। ऐसी जगहें जहाँ मच्छर पनप सकते हैं, उनको खत्म करके आप मच्छर आबादी को कम करने में मदद कर सकते हैं।

(और पढ़ें - डेंगू होने पर क्या करना चाहिए)

डेंगू बुखार की जांच - Diagnosis of Dengue Fever in Hindi

डेंगू की कौन सी जांच होती है?

जब बुखार के साथ शरीर, मांसपेशियों या जोड़ों में तेज दर्द होने लगे तो ये डेंगू के संकेत हो सकते हैं। उष्णकटिबंधीय या उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों रहने वाले अगर किसी व्यक्ति को 2 हफ्ते से उपर बुखार है, तो उसकी जांच करना बहुत जरूरी है। डेंगू होने के लक्षण अक्सर फ्लू, खसरा, और टाइफाइड बुखार आदि जैसे अन्य रोगों के समान होते हैं। इसलिए असली बीमारी का पता लगाने के लिए हमेशा पहले जांच की जाती है। खून में एंटीबोडीज और वायरस की उपस्थिति का पता लगाने के लिए खून की जांच की जाती है।

डेंगू के संक्रमण का निदान निम्नलिखित तरीकों के द्वारा किया जाता है -

  • लक्षणों की उपस्थिति के 5 दिनों के भीतर रोगियों के सेरम का सेंपल लेकर उनमें उपस्थित वायरस का पता लगाना
  • पूर्ण खून की जांच
  • लक्षणों की शुरुआत के 6 दिनों के भीतर, शरीर में विशिष्ट एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए सेरम का सेंपल लेकर किया जा सकता है।
  • रोगी के शरीर से लिए गए सीरम या सेरेब्रो स्पाइनल द्रव (CSF) के सेंपल से वायरल जीनोमिक का पता लगाने के लिए पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (Polymerase Chain Reaction) का उपयोग किया जाता है। लेकिन ये काफी महंगा और जटिल भी हो सकता है

रक्तस्रावी डेंगू जैसी गंभीर जटिल स्थितियों में निम्न निदान करना चाहिए -

  • टूनिकेट टेस्ट करना - जब टूनिकेट को रोगी के हाथ से बांधा जाएगा उस दौरान अगर खून के धब्बे बाहर दिखते हैं तो मरीज खून में खून की अधिकता है। जो मरीज में रक्तस्रावी डेंगू को संकेत देती है।
  • प्लैटलेट का घटना - इसको थ्रोम्बोसाइटोपेनिया भी कहा जाता है यह तब होता है जब प्लेटलेट की संख्या 1 लाख से कम हो जाए। सामान्य व्यक्ति में प्लेटलेट की संख्या 1.5 लाख से 4 लाख होनी चाहिए। प्लेटलेट की संख्या में कमी डेंगू के संकेत दिखाती है। (और पढ़ें - प्लेटलेट गिनती क्या है)
  • हेमोटोक्रिट में वृद्धि - लाल रक्त कोशिकाओं (red blood cells) की मात्रा में 20% तक वृद्धि भी एक संकेत हो सकता है अगर यह प्लाज्मा की वेस्कुलर पर्मेबिलिटी (vascular permeability) में बढ़ोत्तरी के कारण हुआ हो।

डेंगू की जांच कितने रूपए में होती है?

डेंगू टेस्ट की कीमत देश में अलग-अलग जगह अलग होती है। प्राइवेट लैब में डेंगू की जांच में औसतन 500 से 700 लगते हैं। वहीँ सरकारी हॉस्पिटल में डेंगू की जांच मुफ्त में हो जाती है। लेकिन ध्यान रहे कि कम कीमत से ज्यादा जरुरी है विश्वसनीय लैब को चुनना।

(और पढ़ें - डेंगू में क्या खाना चाहिए)

डेंगू बुखार का इलाज - Dengue Fever Treatment in Hindi

डेंगू बुखार कैसे ठीक होता है?

डेंगू बुखार एक वायरस के कारण होता है, इसलिए इसका उपचार करने के लिए कोई एंटीबायोटिक्स नहीं है। इसके इलाज के लिए कोई एंटीवायरल दवा भी मौजूद नहीं है। डेंगू का इलाज करने के लिए उसके लक्षण और संकेतों को ठीक करने पर ध्यान देना होता है। 

इस दौरान डॉक्टर मरीज को अधिक से अधिक तरल पदार्थ पीने की सलाह देते हैं, ताकि उल्टी और बुखार से शरीर में होने वाली पानी की कमी को दूर किया जा सके।

(और पढ़ें - पानी की कमी को दूर करने के उपाय)

डेंगू ठीक होने के दौरान, हमेशा निर्जलीकरण के लक्षण और संकेतों पर नजर रखनी चाहिए। अगर नीचे दिए गए किसी भी लक्षण या संकेत मरीज के शरीर में दिखे तो जल्दी से जल्दी डॉक्टर से बात करनी चाहिए -

  • पेशाब की मात्रा में कमी
  • आंसू कम आना या बिलकुल ना आना
  • मुंह और होंठ सूखे रहना (और पढ़ें - मुंह सूखने का कारण)
  • सुस्ती या अस्त-व्यस्त रहना
  • हाथ-पैरों के सिरों में ठंड महसूस होना 

पैरासिटामोल (Paracetamol) दवाएं दर्द और बुखार को कम कर देती हैं।

ऐसी दर्द निवारक दवाएं लेने से बचें जिनके कारण से खून बहने जैसी  जटिलताएं बढ़ती हैं, जैसे एस्पिरिन, आइबूप्रोफेन और नेप्रोक्सिन सोडियम आदि।

डेंगू के इलाज में कई घरेलू और प्राकृतिक चीजें भी काफी मदद करती हैं, जैसे पपीते के पत्ते, कीवी आदि। ऐसे कई घरेलू और प्राकृतिक खाद्य पदार्थ हैं, जो प्लेटलेट को बढ़ाने में शरीर की मदद करते हैं।

(और पढ़ें - डेंगू के घरेलू उपाय)

डेंगू के मरीज की देखभाल के लिए मिंनलिखित चीज़ों की ज़रूरत पड़ सकती है -

  • अस्पताल में अच्छी देखभाल
  • इंटरविनस (तरल पदार्थों और इलैक्ट्रोलाइट के प्रतिस्थापन के लिए)
  • रक्तचाप की जांच के लिए मॉनिटर (और पढ़ें - ब्लड प्रेशर का इलाज)
  • खून में कमी की आपूर्ति के लिए ट्रांसफ्यूजन
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डेंगू कितने दिन में ठीक होता है - How long does dengue last in Hindi

उचित चिकित्सा देखभाल और जल्दी निदान / पहचान होने पर डेंगू के लक्षण आमतौर पर 2-7 दिनों तक रहते हैं। ज्यादातर लोग लगभग एक सप्ताह के बाद ठीक हो जाते हैं, और मृत्यु दर 1% से कम रहता है। हालांकि, अधिक गंभीर डेंगू रक्तस्रावी बुखार 2.5% मामलों में घातक है। यदि डेंगू रक्तस्रावी बुखार का इलाज नहीं किया जाता है, तो मृत्यु दर 20% -50% तक हो सकता है।

(और पढ़ें - मांसपेशियों में दर्द का आयुर्वेदिक उपचार)

डेंगू का पहला चरण जिसमें बुखार और मांसपेशियों में दर्द होता है लगभग एक से दो सप्ताह तक रहता है। रिकवरी के दौरान कमजोरी और थकान रह सकती है, और पूर्ण रूप से स्वस्थ होने में अक्सर कई सप्ताह लग सकते हैं। हालांकि, बीमारी के दौरान मरीज़ को बहुत असहज महसूस हो सकता है।

(और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के उपाय)

डेंगू बुखार के नुकसान - Dengue Fever Complications in Hindi

डेंगू की वजह से होने वाली अन्य बीमारियां?

डेंगू बुखार कई बार रक्तस्रावी डेंगू और डेंगू शॉक सिंड्रोम जैसे कई खतरनाक रूप धारण कर सकता है। जिस कारण से जानलेवा लक्षण पैदा हो जाते हैं। डेंगू के कारण होने वाली जटिलताओं में से कुछ निम्न हैं:



संदर्भ

  1. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Dengue control.
  2. Center for Disease Control and Prevention [Internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Dengue and Dengue Hemorrhagic Fever .
  3. Malavige GN, Fernando S, Fernando DJ, Seneviratne SL. Dengue viral infections. Postgrad Med J. 2004 Oct;80(948):588-601. PMID: 15466994
  4. Stephenson JR. Understanding dengue pathogenesis: implications for vaccine design. Bull World Health Organ. 2005 Apr;83(4):308-14. Epub 2005 Apr 25. PMID: 15868023.
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डेंगू बुखार की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Dengue Fever in Hindi

डेंगू बुखार के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

डेंगू बुखार पर आम सवालों के जवाब

सवाल लगभग 5 साल पहले

क्या मच्छर के काटने से डेंगू होता है?

ravi udawat MBBS , सामान्य चिकित्सा

जी हां, डेंगू का बुखार मच्छर के काटने से ही होता है।

सवाल लगभग 5 साल पहले

क्या डेंगू का मच्छर सिर्फ दिन में काटता है?

जी हां, डेंगू का मच्छर दिन में, सूर्यास्त और सूर्योदय के समय काटता है।

सवाल लगभग 5 साल पहले

क्या डेंगू मच्छर की पहचान की जा सकती है?

Dr. Kuldeep Meena MBBS, MD , कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, पीडियाट्रिक, डर्माटोलॉजी, श्वास रोग विज्ञान, गुर्दे की कार्यवाही और रोगों का विज्ञान, सामान्य चिकित्सा, अन्य, संक्रामक रोग, आकस्मिक चिकित्सा, प्रतिरक्षा विज्ञान, आंतरिक चिकित्सा, मल्टीस्पेशलिटी

डेंगू का मच्छर काले रंग का होता है। यह मच्छर 4 से 7 मि.मी लंबा होता है। इसके पैरो पर सफेद रंग के धब्बे होते है। मादा मच्छर, नर डेंगू मच्छर से बड़ी होती है।

सवाल लगभग 5 साल पहले

अगर डेंगू मच्छर काट ले तो डेंगू के संक्रमण से कैसे बच सकते हैं?

Dr. Haleema Yezdani MBBS , General Physician

डेंगू फीवर 7 से 10 दिन में खुद ठीक हो जाता है लेकिन अगर मच्छर के काटने के बाद आपको सिर दर्द, उल्टी, शरीर पर लाल चकत्ते, फीवर, आंखों में दर्द, शरीर टूटने जैसी समस्या होने लगे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।