कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति जब सांस लेता है, बात करता है, हंसता है, छींकता या फिर खांसता है तो इस दौरान सांस के जरिए शरीर से बाहर निकलने वाली संक्रमित बूंदें और एरोसोल हवा में फैल जाते हैं। जब कोई व्यक्ति उस संक्रमित हवा को सांस के जरिए शरीर के अंदर लेता है तो वह भी संक्रमित हो जाता है। ऐसे में फेस मास्क पहनना, कोविड-19 के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है।

क्या मास्क की वजह से कार्डियोपल्मोनरी सिस्टम को नुकसान होता है?
हालांकि मास्क पहनने की वजह से ये तो प्राकृतिक अवरोध बना है, इसने लोगों के मन में यह चिंता भी पैदा कर दी है कि मास्क की वजह से कार्डियोपल्मोनरी सिस्टम को नुकसान पहुंच सकता है जिसकी वजह से सांस लेना मुश्किल हो सकता है- क्योंकि अंदर खींचे गए ऑक्सीजन और बाहर छोड़े गए कार्बन डाइऑक्साइड के फ्लो में परिवर्तन हो सकता है और डिस्पीनिया (श्वास कष्ट) में बढ़ोतरी हो सकती है। डिस्पीनिया एक मेडिकल टर्म है जो सांस फूलने या सांस लेने में दिक्कत को परिभाषित करता है, खासकर शारीरिक गतिविधि के दौरान।

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मास्क पहनने से फेफड़ों के कार्य में कमी होती है इसके सबूत मौजूद नहीं
एनल्स ऑफ अमेरिकन थोरासिक सोसायटी नाम के जर्नल में 16 नवंबर 2020 को प्रकाशित एक नई स्टडी में अमेरिका और कनाडा के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि, भले ही डिस्पीनिया होने का एहसास बढ़ जाए, लेकिन इस बारे में प्रयोगों के आधार पर साबित हो चुके बेहद कम सबूत मौजूद हैं जो यह बताते हैं कि फेस मास्क पहनने से फेफड़ों के कार्य में उल्लेखनीय कमी आती है। यहां तक की हेवी एक्सरसाइज करने के दौरान भी मास्क को पहना जा सकता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया स्थित स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन और रेडियोलॉजी के प्रफेसर और इस स्टडी के ऑथर सुसान हॉपकिन्स कहते हैं, "गतिविधि के मामले में भले ही कथित रूप से अधिक परिश्रम किया जाता है, लेकिन मास्क पहनने का सांस लेने पर क्या असर हो रहा है और वह भी खून में मौजूद ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसों पर या फिर अन्य शारीरिक मापदंडों पर- वे सामान्यतः इतने छोटे होते हैं कि उन्हें डिटेक्ट करना भी मुश्किल होता है।"

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कार्डियोपल्मोनरी से पीड़ित लोगों पर कुछ असर हो सकता है, स्वस्थ लोगों पर नहीं
हॉपकिन्स जिन्हें एक्सरसाइज फिजियोलॉजी और तनाव में रहने वाले फेफड़ों की स्टडी में विशेषज्ञता प्राप्त है आगे कहते हैं, "एक्सरसाइज करने के दौरान फेस मास्क पहनने का अलग-अलग उम्र और सेक्स के लोगों की शारीरिक प्रतिक्रिया पर क्या असर होता है इस बात को साबित करने के लिए कोई सबूत मौजूद नहीं है।" स्टडी के ऑथर्स की मानें तो इस मामले में एक मात्र अपवाद गंभीर कार्डियोपल्मोनरी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति हो सकते हैं जिनमें अगर सांस लेने के दौरान किसी भी तरह का अतिरिक्त प्रतिरोध पैदा हो या फिर अगर उनके खून में मौजूद गैस में मामूली परिवर्तन भी हो तो इसकी वजह से उनमें डिस्पीनिया हो सकता है, जो उनकी व्यायाम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

हॉपकिन्स कहते हैं, इस तरह के मामलों में व्यक्ति को व्यायाम करने के दौरान असहजता महसूस हो सकती है, इसलिए उन्हें अपनी इस समस्या को डॉक्टर के साथ डिस्कस करना चाहिए। हालांकि, ये वही लोग हैं जो कोविड-19 संक्रमण के हाई रिस्क ग्रुप में आते हैं और इसलिए इस बात को भी ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। शारीरिक गतिविधि करने के दौरान फेस मास्क पहनने का शारीरिक रूप से क्या असर होता है इस बारे में अब तक जितने भी वैज्ञानिक लिट्रेचर प्रकाशित हुए हैं उन सभी को रिव्यू करने के बाद ही इस नई स्टडी के अनुसंधानकर्ता अपने नतीजों पर पहुंचें।

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अध्ययनों में कई तरह के फैक्टर्स का मूल्यांकन किया गया
इन अध्ययनों में कई फैक्टर्स का मूल्यांकन किया गया जैसे- सांस लेने का काम (सांस लेते और छोड़ते वक्त खर्च की गई ऊर्जा), धमनियों के खून में मौजूद गैस, मांसपेशियो के ब्लड फ्लो पर असर और थकान, हृदय के कार्य और मस्तिष्क में रक्त का संचार आदि। स्वस्थ लोगों के लिए, इन शारीरिक मार्कर्स पर मास्क पहनने का असर बेहद कम था और इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा कि उन्होंने किस तरह का मास्क पहना था या किस डिग्री की एक्सरसाइज वे कर रहे थे।

मास्क, कोविड-19 संक्रमण के जोखिम को कम करने में मददगार है
हॉपकिन्स कहते हैं, "फेस मास्क पहनना तकलीफदेह हो सकता है। श्वसन प्रतिरोध में भी बारीक बढ़ोतरी हो सकती है। हो सकता है कि आप सीओ2 से भरपूर हल्की गर्म हवा को दोबारा सांस के जरिए शरीर के अंदर खींच लें। और अगर आप व्यायाम कर रहे हैं तो मास्क की वजह से आपका चेहरा गर्म और पसीने से भरा हुआ महसूस हो सकता है। लेकिन ये सारी चीजें मस्तिष्क संबंधी या संवेदी अनुभव हैं। ये चीजें स्वस्थ लोगों में कार्डियोपल्मोनरी फंक्शन पर कोई असर नहीं डालतीं। लिहाजा हो सकता है कि मास्क की वजह से थोड़ा सा डिस्पीनिया बढ़ जाए लेकिन यहां पर आपको ये देखना होगा कि मास्क की वजह से कोविड-19 संक्रमण का जोखिम कम करने में मदद मिलती है।"


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें शारीरिक गतिविधि या एक्सरसाइज के दौरान फेफड़ों की कार्यक्षमता को कम नहीं करता फेस मास्क, स्टडी में हुआ खुलासा है

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