सिकल सेल एनीमिया से जुड़े ट्रीटमेंट में कोविड-19 के हल्के और मध्यम स्तर के मरीजों का इलाज करने की क्षमता दिखी है। गुजरात में हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने सिकल सेल एनीमिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाले ड्रग को कोरोना वायरस के 30 मरीजों पर आजमाया था। यहां तापी जिले में हुआ यह ट्रायल 21 दिनों तक चला और इसमें शामिल सभी प्रतिभागी होम क्वारंटीन में रहने वाले कोरोना मरीज थे। यहां उल्लेखनीय है कि इन सभी को पहले से कोई न कोई गंभीर बीमारी थी। हालांकि शोधकर्ताओं का दावा है कि दवा के असर से इन लोगों के ब्लड मार्कर्स और ऑक्सीजन सैच्युरेशन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। साथ ही, कोविड-19 के चलते खोई सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता भी तेजी से वापस आ गई है।

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भारत की शीर्ष मेडिकल रिसर्च एजेंसी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इस अध्ययन को अप्रवूल दिया था, जिसे तापी जिले के व्यारा इलाके में स्थित आयुर्वेद हेल्थकेयर एंड रिसर्च सेंटर के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. अतुल देसाई ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अंजाम दिया है। इस स्टडी में सिकल सेल एनीमिया की जिस दवा का इस्तेमाल किया गया था, उसका नाम 'टी-एवाईयू-एचएम प्रीमियम' है। यह दवा 2007 से ऑनियन स्टीम वेपोराइजेशन (ओएसवी) और नेबुलाइजेशन के कॉम्बिनेशन के साथ सिकल सेल एनीमिया के इलाज में उपयोग की जा रही है।

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अध्ययन के परिणामों पर डॉ. देसाई का कहना है कि इस मिश्रित हर्बल मेडिसिन ने सिकल सेल एनीमिया के मरीजों में सुधार किया है और अब कोविड-19 के मरीजों के स्वास्थ्य में भी इससे पॉजिटिव रिजल्ट मिले हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, डॉ. देसाई ने कहा है, 'हमने (कोरोना मरीजों के) ऑक्सीजन सैच्युरेशन, रेस्पिरेटरी रेट, सीआरपी (इन्फ्लेमेशन मार्कर), ईएसआर (इन्फेक्शन मार्कर) और एलडीएच (ऊतकों के डैमेज होने का संकेतक) में स्पष्ट सुधार देखा है। (दवा दिए जाने के) पांच से सात दिनों के अंदर ही सभी 30 मरीजों के स्वास्थ्य से जुड़े ये मानक सामान्य स्थिति में आ गए थे।'

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दरअसल, कुछ समय पहले एक स्टडी रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे कोरोना वायरस से पीड़ित एक 48 वर्षीय मरीज को टी-एवाईयू-एचएम और ऑनियन स्टीम वैपोराइजेशन के मिश्रित ट्रीटमेंट से सफलतापूर्वक ठीक किया गया था। यह कोरोना संक्रमित फेफड़ों के संक्रमण से ग्रस्त था। उसमें बुखार, कमजोरी और अन्य कोविड लक्षण भी थे। डॉक्टरों ने उसे होम क्वारंटीन में रहने की सलाह दी थी। इस दौरान मरीज को 600 मिलीग्राम टी-एवाईयू-एचएम ड्रग के साथ ओएसवी का मिश्रण 21 दिनों तक दिन में दो बार दिया गया था। इस दौरान पहले, पांचवें, दसवें और 21वें दिन उसका ब्लड टेस्ट किया गया। मरीज के बचने के बाद आईसीएमआर ने ज्यादा मरीजों पर इस ट्रीटमेंट को आजमाने से जुड़े आवेदन को मंजूरी दे दी थी।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: सिकल सेल एनीमिया की हर्बल दवा में कोरोना को ठीक करने की क्षमता दिखी है

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