अमेरिका में गर्भवती महिलाओं को उन लोगों की सूची में डाल दिया गया है, जिन्हें कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार होने का ज्यादा खतरा है। एक अध्ययन में गंभीर बीमारी होने के अलावा गर्भवती महिलाओं पर कोविड-19 से मरने का खतरा भी अधिक पाया गया है। इसी के चलते वहां के स्वास्थ्य अधिकारियों ने ऐसी महिलाओं को कोरोना वायरस के ज्यादा खतरे वाले लोगों की सूची में शामिल किया है। शीर्ष अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर यह जानकारी दी है। अमेरिकी अखबार दि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि कोरोना वायरस से संक्रमित हुई ज्यादातर गर्भवती महिलाएं कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार नहीं हुई हैं, लेकिन हाल में एक बड़े अध्ययन के सामने आने के बाद एहतियातन उन्हें गंभीर कोविड-19 की सूची में शामिल करने का फैसला किया गया है। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने उन हजारों महिलाओं से जुड़े आंकड़ों की जांच व विश्लेषण किया है, जिनमें कोविड-19 के लक्षण दिखे थे।

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एनवाईटी के मुताबिक, अध्ययन से जुड़े वैज्ञानिकों ने कहा है कि उन्हें कोविड-19 से ग्रस्त गर्भवती महिलाओं में इलाज के दौरान इंटेंसिव केयर और मकैनिकल वेंटिलेशन की जरूरत नॉन-प्रेग्नेंट महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा होने का पता चला है। शोधकर्ताओं की मानें तो उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित एक ही उम्र की महिलाओं में यह अंतर देखने को मिला है। ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि गर्भवती महिलाओं में कोविड-19 से मरने का खतरा नॉन-प्रेग्नेंट महिलाओं की अपेक्षा 70 प्रतिशत अधिक पाया गया है।

इस अध्ययन में सीडीसी ने चार लाख से ज्यादा महिलाओं से जुड़े कोविड डेटा का विश्लेषण किया है। इनकी उम्र 15 से 44 वर्ष के बीच है, जिनमें से 23 हजार 434 महिलाएं बीमारी के समय गर्भवती थीं। जांच-पड़ताल के आधार पर सीडीसी की एक वैज्ञानिक साशा एलिंगटन ने कहा है, 'अब हम कह रहे हैं कि गर्भवती महिलाएं इस बीमारी के ज्यादा बड़े खतरे हैं। पहले हमारा कहना था कि शायद वे इस बीमारी के गंभीर रूप के खतरे में हो सकती हैं।' हालांकि यह दावा करते हुए डॉ. एलिंगटन ने यह भी कहा कि अध्ययन में गर्भवती महिलाओं में कोरोना संक्रमण की जटिलताओं और मरने का खतरा कुल-मिलाकर कम ही है। उन्होंने बताया, 'गंभीर बीमारी में 15 से 44 वर्ष की महिलाओं में मरने का संपूर्ण खतरा कम है, चाहे वे प्रेग्नेंट हों या न हों। लेकिन हमें जो नई बात पता चली है, वह यह कि बढ़ा हुआ खतरा प्रेग्नेंसी से जुड़ा है।'

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इससे पहले एक अन्य स्टडी में बताया गया था कि वैज्ञानिकों को ऐसे किसी खतरे का नहीं पता चला है, जिससे कोविड-19 होने पर गर्भवती महिलाओं की मृत्यु होने की संभावना अन्य महिलाओं से ज्यादा हो जाती है। लेकिन नए अध्ययन में यह कहा गया है कि नॉन-प्रेग्नेंट मरीजों की अपेक्षा प्रेग्नेंट महिला मरीजों के कोविड-19 से मरने का खतरा 1.7 गुना ज्यादा होता है। अध्ययन के मुताबिक, प्रति 1,000 सिंप्टोमैटिक गर्भवती महिलाओं में कोविड-19 की मृत्यु दर 1.5 प्रतिशत हो सकती है। नॉन-प्रेग्नेंट महिला कोविड मरीजों (सिंप्टोमैटिक) में यह दर 1.2 प्रतिशत पाई गई है। इन महिलाओं को आयु, नस्ल, अन्य हेल्थ कंडीशन (जैसे डायबिटीज और लंग डिसीज) जैसी श्रेणियों में रखने पर भी मृत्यु दर का खतरा ज्यादा ही पाया गया है। अध्ययन के मुताबिक, अलग-अलग श्रेणियों में रखने के बाद इंटेंसिव केयर में भर्ती गर्भवती कोरोना संक्रमित महिलाओं में कोविड-19 से मृत्यु होने का खतरा नॉन-प्रेग्नेंट महिलाओं की अपेक्षा तीन गुना ज्यादा दिखा है। वहीं, मकैनिकल वेंटिलेशन में होने पर डेथ रिस्क 2.9 गुना ज्यादा होने का पता चला है।

ऐसे में डॉ. एलिंगटन और अध्ययन में शामिल अन्य वैज्ञानिकों ने सलाह देते हुए कहा है कि संक्रमण से बचने के लिए महिलाओं को ज्यादा सावधानियां बरतनी चाहिए। उन्हें लोगों से अपना इंटरेक्शन कम करने की जरूरत है। इस बारे में अध्ययन के लेखकों ने कहा है, 'गर्भवती महिलाओं को काउंसलिंग कर बताया जाना चाहिए लक्षण होने पर तुरंत मेडिकल केयर के बारे में जानना कितना जरूरी है।'

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इससे पहले सोमवार को अपने एक अन्य अध्ययन के हवाले से सीडीसी ने कहा था कि गर्भवती महिलाओं के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की वजह से बच्चों की समय से पहले डिलिवरी होने का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन में 3,912 गर्भवती महिलाओं की डिलिवरी से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया गया था। पता चला इनमें 12.9 प्रतिशत मामले प्रीमैच्योर बर्थ से जुड़े थे, जबकि आम जनसंख्या में यह दर 10.2 प्रतिशत पाई गई है। हालांकि अध्ययन का डेटा इस मुद्दे पर (अमेरिका की) राष्ट्रीय स्थिति का नेतृत्व नहीं करता है। लेकिन इसके परिणामों से उन पिछली अध्ययन रिपोर्टों को बल मिला है, जिनमें कहा गया था कि कोविड-19 होने पर गर्भवती महिलाओं की प्रीटर्म डिलिवरी का खतरा बढ़ जाता है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: गर्भवती महिलाओं में गंभीर रूप से बीमार होने और मरने का ज्यादा खतरा, कोरोना संक्रमण से प्रीमैच्योर बर्थ का भी जोखिम- सीडीसी है

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