मार्च-अप्रैल के बीच कोविड-19 महामारी ने जब दुनियाभर में कोहराम मचाना शुरू किया तो मेडिकल एक्सपर्ट ने कहा कि इस संकट से बचने का सबसे कारगर तरीका यह है कि ऐसे लोगों की ज्यादा से ज्यादा पहचान की जाए, जो नए कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। विशेषज्ञों की यह राय इस मायने में महत्वपूर्ण थी कि इस नए वायरस के लाखों मरीजों में इसके संक्रमण के लक्षण नहीं दिख रहे थे। ऐसे में हर संदिग्ध का टेस्ट कर ज्यादा से ज्यादा मरीजों का पता लगाने की जरूरत थी। लेकिन भारत में उस समय प्रतिदिन कुछ हजार टेस्ट ही रहे थे, जिसके लिए देश-विदेश के विशेषज्ञों ने चिंता के साथ आलोचना भी की थी।

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लेकिन अब हालात साफ बदलते दिख रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान भारत ने कोविड-19 से निपटने की अपनी तैयारियों को बहुत तेजी से आगे बढ़ाया है। आज स्थिति यह है कि हम न सिर्फ 26 लाख से ज्यादा टेस्ट कर चुके हैं, बल्कि प्रतिदिन एक लाख परीक्षण करने में सक्षम हो गए हैं। बीते सोमवार और मंगलवार देशभर में कोविड-19 के मरीजों की पहचान के लिए एक-एक लाख से ज्यादा परीक्षण किए गए। अनुमान यह भी है कि यह क्षमता जून के अंत तक दोगुनी हो सकती है। यानी उस समय भारत में प्रतिदिन दो लाख लोगों की टेस्टिंग हो रही होगी।

इतना ही नहीं, भारत में कोविड-19 के अधिकतर परीक्षण घरेलू तौर पर तैयार की गई टेस्टिंग किट्स से हो रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सरकार के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। यह बढ़ी हुई परीक्षण क्षमता इस मायने में महत्वपूर्ण है कि जून-जुलाई में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने की आशंका जताई जा रही है और सरकार के स्तर पर भी लॉकडाउन में ढील दिए जाने की बात कही गई है।

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अखबार के मुताबिक, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव सीके मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में बताया, 'अप्रैल के शुरुआती दो हफ्तों में हम (टेस्टिंग किट की) सप्लाई से जूझ रहे थे। लेकिन आज इस स्थिति में दो तरह का बदलाव आ चुका है। सप्लाई में सुधार हुआ है और हमने खुद भी टेस्टिंग के लिए आयात पर निर्भरता कम करने के कदम उठाए हैं।' सीके मिश्रा ने कहा कि टेस्टिंग प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने सुनिश्चित किया कि जो भी संस्थाएं या कंपनियां आरएनए एक्स्ट्रैक्शन किट और वीटीएम (वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम) किट बना सकती हैं, उन सबके साथ काम किया जाए।

इसके बाद मंत्रालय के सचिव ने कहा, 'मेरे हिसाब से (टेस्टिंग किट की) 75 प्रतिशत से ज्यादा सप्लाई घरेलू कंपनियों से हो रही है और हर दिन नई कंपनियां सामने आ रही हैं।' अखबार ने बताया कि इस समय देश में वीटीएम किट की आपूर्ति कर रही छह कंपनियों में से चार घरेलू हैं। वहीं, आरएनए एक्सट्रैक्शन किट मुहैया करा रहे सप्लायर्स में से पांच घरेलू कंपनियां हैं। इसके अलावा, जिन 28 कंपनियों के आरटी-पीसीआर टेस्ट को अप्रूव किया गया है, उनमें से आधी यानी 14 कंपनियां भारत की ही हैं। उधर, केंद्र सरकार ने राज्यों को भी खुली छूट दी है कि वे अपने यहां खुद की टेस्टिंग किट भी बनवा सकते हैं।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: भारत की परीक्षण क्षमता प्रतिदिन एक लाख तक पहुंची, 75 प्रतिशत टेस्टिंग किट की आपूर्ति घरेलू कंपनियों से है

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