कोविड-19 महामारी की वजह बने नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 की संभावित काट इसी के एक भाई 'सार्स-सीओवी-1' से फैली बीमारी सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम यानी सार्स से मिल सकती है। शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों की मदद से एक बायोटेक कंपनी 17 साल पहले फैली इस बीमारी के एक मरीज के एंटीबॉडी यानी रोग-प्रतिकारक की मदद से कोविड-19 का इलाज ढूंढने की कोशिश कर रही है। कंपनी द्वारा किए गए शोध के मुताबिक, 2003 में फैले 'सार्स-सीओवी-1' से संक्रमित हुए इस मरीज के ब्लड सैंपल में ऐसा एंटीबॉडी मिला है, जो सार्स-सीओवी-2 को रोक सकता है।

कंपनी द्वारा जारी किए बयान के मुताबिक, इस एंटीबॉटी का नाम है 'एस309'। शोध में शामिल यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्हें इस रोग-प्रतिकारक में सार्स-सीओवी-2 के स्पाइक प्रोटीन को बांध कर उसे बेअसर करने की मजबूत क्षमता दिखी है। गौरतलब है कि इसी स्पाइक प्रोटीन की मदद से नया कोरोना वायरस मानव कोशिकाओं में घुसता है।

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हालांकि, यह परिणाम लैब में किए गए टेस्ट के हैं। मानव शरीर में फैले सार्स-सीओवी-2 पर यह एंटीबॉडी काम करेगा या नहीं, यह अभी पता लगाना बाकी है। इसके लिए अभी काफी अध्ययन करना होगा। हालांकि इस प्रयास में शामिल बायोटेक कंपनी 'विर बायोटेक्नॉलजी' ने एंटीबॉडी के डेवलेपमेंट से जुड़ी प्रक्रिया को तेज कर दिया है। कंपनी इसका परीक्षण कर रही है और उम्मीद लगा रही है कि इसके मानव परीक्षण की भी इजाजत मिल जाए।

दुनियाभर में कई प्रयोगशालाओं में कोविड-19 के इलाज के लिए कारगर एंटीबॉडी खोजने की कोशिशें हो रही हैं, जो सार्स-सीओवी-2 को कोशिकाओं को संक्रमित होने से रोक सकें। लेकिन यह कोशिश उन लोगों की मदद से की जा रही है, जो कोविड-19 से बीमार होकर इससे उबर चुके हैं। वहीं, इस शोध के तार सार्स बीमारी से जुड़े हैं, जो साल 2002-03 में सार्स-सीओवी-1 के संक्रमण के चलते फैली थी।

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रिपोर्ट की मानें तो जिस व्यक्ति (मरीज) के शरीर में एस309 एंटीबॉडी मिला है, उस पर शोधकर्ता 2004 से नजर बनाए हुए थे। इस दौरान उन्हें पता चला कि उसके शरीर ने सार्स को खत्म करने वाले एंटीबॉडीज पैदा कर लिए हैं। इस जानकारी ने उन्हें तेजी से अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया। जानी-मानी विज्ञान पत्रिका 'नेचर' में प्रकाशित रिपोर्ट में इस एंटीबॉटी पर शोध कर रहे विशेषज्ञों ने कहा है कि उनके परीक्षण के परिणामों ने एस309 के इस्तेमाल (अकेले या अन्य एंटीबॉडीज के साथ मिलाकर) के रास्ते खोल दिए हैं।

अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने कोई 25 एंटीबॉडीज की जांच की। इनमें से कइयों में सार्स-सीओवी-2 को बांधने की क्षमता दिखाई दी थी, लेकिन एस309 की क्षमता ने शोधकर्ताओं को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। आगे के अध्ययन में उन्होंने पाया कि जब एस309 को बाकी रोग-प्रतिकारकों के साथ मिलाया गया तो इससे सार्स-सीओवी-2 को बेअसर करने की उसकी क्षमता और ज्यादा बढ़ गई। अब वे इस एंटीबॉडी से बनाए गए दो ड्रग्स के क्लिनिकल ट्रायल इसी सीजन में करने की तैयार कर रहे हैं।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: 'सार्स-सीओवी-1' कोरोना वायरस के मरीज में मिली सार्स-सीओवी-2 की संभावित काट, जानें क्या है पूरा मामला है

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