दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने राजधानी में कोविड-19 के मरीजों के इलाज के प्रबंध को लेकर संशोधित मानक संचालन प्रक्रिया या स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी की है। सोमवार को जारी किए गए एसओपी में दिए गए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, अब दिल्ली में आरटी-पीसीआर टेस्ट के तहत पॉजिटिव पाए गए उन मरीजों को केंद्र सरकार द्वारा निर्मित कोविड केयर सेंटरों में जाना होगा, जो कोविड-19 से गंभीर रूप से ग्रस्त नहीं हैं और जिनमें इसके लक्षण (असिम्प्टोमैटिक) नहीं दिख रहे। इन मरीजों को सेंटर में तब तक रहना होगा, जब तक कि जिला निरीक्षण अधिकारी उनकी जांच कर यह सुनिश्चित न कर ले कि संबंधित मरीज को होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है या नहीं।

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वहीं, जिन संदिग्ध मरीजों की पहचान रैपिड एंटीजन टेस्ट के जरिये होगी, उनके होम आइसोलेशन का निर्णय टेस्टिंग वाली जगह पर ही ले लिया जाएगा। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि एंटीजन टेस्ट में शरीर में कोरोना वायरस होने का पता महज आधे घंटे में चल जाता है। एसओपी के मुताबिक, अगर मरीज होम क्वारंटीन के योग्य माना जाता है तो डीएसओ की एक टीम उसके घर जाकर यह सुनिश्चित करेगी कि वहां होम आइसोलेशन की पर्याप्त संभावना (सुविधाएं) है या नहीं। एसओपी के हवाले से आई रिपोर्टों में बताया गया है कि घर की स्थिति होम आइसोलेशन से जुड़े मानकों के विपरीत पाए जाने पर मरीज को कोविड केयर सेंटर भेज दिया जाएगा।

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मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि नए एसओपी को आरटी-पीसीआर और रैपिड टेस्ट के हिसाब से तैयार किया गया है। इसके मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति इनमें से किसी भी टेस्ट में कोरोना वायरस से संक्रमित निकलता है और होम आइसोलेशन के योग्य माना जाता है तो सरकारी मेडिकल अधिकारी की तरफ से उसे पल्स ऑक्सीमीटर दिया जाएगा ताकि वह घर में रहते हुए अपने शरीर में ऑक्सीजन लेवल का पता लगा सके। मेडिकल अधिकारी उस मरीज को यह भी बताएगा कि इस डिवाइस की मदद से ऑक्सीजन लेवल का कैसे पता करना है और होम आइसोलेशन के दौरान घर में किस तरह रहना है।

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दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की नीति के तहत दस दिन के आइसोलेशन के बाद मरीज को कोविड-19 के उपचार से मुक्त कर दिया जाएगा। बाद में ऐसे मरीजों को हेल्थ केयर सेंटरों के स्वास्थ्य विशेषज्ञों और मेडिकल स्टूडेंट की एक टीम चेकअप के लिए नौ दिनों तक बुलाएगी। इस दौरान उनके शरीर के तापमान, ऑक्सीजन लेवल, यूरिन आदि से जुड़े आंकड़ों को रिकॉर्ड में रखा जाएगा।

गौरतलब है कि इन निर्देशों को ऐसे समय में जारी किया गया है जब दिल्ली कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या के मामले में देश में दूसरे नंबर पर आ गई है। यह खबर लिखे जाने तक राजधानी में कोविड-19 के 62,655 मरीज हो चुके थे। इनमें से 2,233 के मारे जाने की पुष्टि की गई है। हालांकि बचाए गए मरीजों की संख्या भी 36 हजार के पार चली गई है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें दिल्ली में कोविड-19 के मरीजों के आइसोलेशन को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी, जानें इनके बारे में है

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