असंतुलित खान-पान के चलते मानव शरीर कई तरह के नकारात्मक परिवर्तनों से गुजरता है। इसके कारण एक समय पर आकार हमारा जीवन भी प्रभावित होता है जैसे कि पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर पड़ने वाला प्रभाव। हाल ही के वर्षों में पुरुषों में यह एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। यही वजह है कि वैज्ञानिकों ने इस ओर अपना ध्यान केंद्रित किया है। इसके तहत शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर आहार संबंधी आदतों में कुछ जरूरी चीजों को शामिल किया जाए तो इस समस्या को कम किया जा सकता है। नई रिसर्च से पता चला है कि नट्स (मेवा) का सेवन मेल फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या को कम करने में सहायक है।

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नट्स खाने से तुरंत लाभ - शोधकर्ता
दरअसल शुक्राणु की गुणवत्ता कई कारकों पर निर्भर करती है। यह न केवल आनुवंशिक होती है बल्कि पर्यावरण के साथ जीवनशैली और विशेष रूप से आहार से भी जुड़ी होती है। रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं ने पहली बार मनुष्यों में शुक्राणु की गुणवत्ता पर विशिष्ट खाद्य पदार्थों के प्रभाव को साबित किया है। इस मामले में पेड़-आधारित नट्स (ट्री नट्स) यानी बादाम, हेजलनट्स (पहाड़ी बादाम) और अखरोट लाभकारी हो सकते हैं। चिकित्सा के क्षेत्र की प्रमुख पत्रिका, "जर्नल एंड्रोलॉजी" में प्रकाशित एक रिसर्च के माध्यम से शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है। रिसर्च के मुताबिक वेस्टर्न स्टाइल के हेल्दी लोग अक्सर अपने खाने में रेड मीट, प्रोसेस्ड फूड (पहले से तैयार) और शुगर को शामिल करते हैं। लेकिन जब इन लोगों को ये विशेष नट्स खिलाए गए तो उनके वीर्य की जेनेटिक प्रोफाइल में लगभग तुरंत लाभ देखने को मिला।

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नियमित रूप से नट्स खाने वालों के लिए इस नई रिसर्च को पुराने अध्ययनों के उन निष्कर्ष के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें ओवरऑल स्पर्म (शुक्राणु) समेत गतिशीतला और काउंट में सुधार के संकेत मिले थे। हालांकि, स्पेन के तारागोना में यूटा और रोविरा आई विरजिलि यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने साल 2018 में एक अध्ययन किया था। रिपोर्ट के मुताबिक यह अध्ययन मॉलिक्यूलर प्रोसेस की जांच करने के लिए किया गया था। यह जानने के लिए कम अवधि में भी अखरोट खाने से शुक्राणु की गुणवत्ता में कैसे बदलाव होता है। इस पूरी प्रक्रिया को मिथाइलेशन कहा जाता है।

कैसे की गई थी रिसर्च?
शोधकर्ताओं के इस रैन्डमाइज्ड क्लीनिकल ट्रायल में 72 स्वस्थ लोगों का एक समूह था, जिसमें गैर-धूम्रपान वाले युवा प्रतिभागी शामिल थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि इनमें से 48 लोगों को 14 हफ्तों के लिए प्रतिदिन अपने आहार में 60 ग्राम (नट्स 2 औंस से अधिक) ट्री नट्स शामिल करने को कहा गया। वहीं, बाकी 24 लोगों को उनकी विशिष्ट जीवनशैली और पश्चिमी आहार को जारी रखने के लिए बोला गया।

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शोधकर्ताओं को शोध के अंत में अखरोट खाने वाले लोगों में शुक्राणु डीएनए के 36 जीनोमिक रिजन्स का पता चला जो कि दूसरे समूह में शामिल लोगों की तुलना में काफी अलग रूप से मिथाइलेटिड थे। उन रिजन्स में 97.2 प्रतिशत को "हाइपरमेथेलेटेड" माना जाता था। संक्षेप में कहा जाए तो दिन में मुट्ठी भर नट्स खाने से प्रजनन क्षमता को बेहतर करने में मदद मिल सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह पहला ऐसा अध्ययन है, जिसमें नट्स खाने से पुरुषों में लाभ के पुख्ता सबूत मिले हैं। विशेषकर अमेरिकन लोगों में यह तुरंत लाभ को दर्शाता है। यूनिवर्सिटी की एक प्रेस रिलीज के जरिए शोधकर्ता अल्बर्ट सालास-ह्युटोस का कहना है "इस रिसर्च से पता चलता है कि स्पर्म एपिगेनोम के कुछ संवेदनशील क्षेत्र हैं, जिनमें बेहतर डाइट के जरिए सुधार की संभावना है। इसके परिणामस्वरूप शुक्राणु और इनकी फर्टलाइज क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।"

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