सरकार डेंटिस्ट्स को एक ब्रिज कोर्स के जरिए डॉक्टर्स में बदलने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है लेकिन यह उनके खुद के एडमिशन से होगा। देश के ग्रामीण इलाकों में डेंटिस्ट्स की भारी कमी है। यहां पर औसतन 50 हजार लोगों पर एक डेंटिस्ट है। नेशनल हेल्थ प्रोफाइल (एनएचपी) 2018 के मुताबिक, डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) में 2.7 लाख से ज्यादा डेंटिस्ट्स ने अपना पंजीकरण कराया है। इसमें से सिर्फ 7,239 या सिर्फ 2.7 पर्सेंट सरकारी डेंटिस्ट्स हैं।

ग्रामीण इलाकों में कमी
एक सरकारी डेंटिस्ट औसतन 1.76 लाख लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान करता है तो वहीं एक सरकारी डॉक्टर लगभग 11,082 लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 7,500 लोगों पर एक डेंटिस्ट नियुक्त किया जाना चाहिए। इससे पहले सरकार को आयुष प्रेक्टिसनर्स को मॉडर्न मेडिसिन में प्रेक्टिस करने के प्रस्ताव पर विपक्ष के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। अभी नीति आयोग डेंटिस्ट्स को ब्रिज कोर्स के जरिए फेमिली मेडिसिन में प्रेक्टिस करने के विकल्पों पर विचार कर रहा है।

प्रस्ताव को पीएमओ से हरी झंडी
9 अप्रैल 2019 को इस प्रस्ताव को पहले ही प्रधानमंत्री कार्यालय की मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि, ग्रामीण जनसंख्या के लिए डेंटिस्ट्स की कमी की समस्या पर सरकार अपना दुखड़ा रोती आई है। इस फैसले के अमल में आने से सरकार डेंटिस्ट्स को एमबीबीएस कोर्सों में डायरवर्ट कर पाएगी। शहरों में डेंटिस्ट्स की संख्या ज्यादा होने की वजह इस क्षेत्र में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है।

डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) के अध्यक्ष का कहना है कि डेंटिस्ट्स की एक बड़ी संख्या उपलब्ध है, जिन्हें मेडिकल के मूलभूत विषय पढ़ाए गए हैं और दंत चिकित्सा एलोपैथी का एक हिस्सा है। डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के लिए यह सही समय है जब वह मौजूदा मानव संसाधन को दोहरे उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल कर सकती है। वह एक हेल्थ प्रोफेशनल्स हैं जो दांतों का इलाज करने के साथ-साथ मेडिकल हेल्थ केयर में भी काम कर सकते हैं। थ्योरी और क्लीनिकल एक्सपोजर में बीडीएस और एमबीबीएस लेवल में ट्रेनिंग के फासले को भरने के लिए पहले ही ज्यादातर कदम उठाए जा चुके हैं।

एमबीबीएस के समान होगी प्रक्रिया
इस पर डीसीआई ने बीडीएस करने के बाद 3 साल की अवधि वाले मेडिकल ब्रिज कोर्स का प्रस्ताव दिया है। जहां तक इसकी योग्यता की बात है, सिर्फ डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त ग्रेजुएट्स ही इस ब्रिज कोर्स के लिए योग्य होंगे। इसमें दाखिला या तो सामान्य प्रवेश परीक्षा या फिर बीडीएस के कुल अंकों के आधार पर दिया जाएगा। इसके लिए बीडीएस में आए कुल 50 प्रतिशत अंकों के आधार पर मेरिट तय होगी और सामान्य प्रवेश परीक्षा का 50 प्रतिशत जोड़ा जाएगा।

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