Ayurvedic Cholesterol Kit

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  • दवा उपलब्ध नहीं है

  • उत्पादक: Other

Ayurvedic Cholesterol Kit की जानकारी

Nirogam Ayurvedic Cholesterol Kit बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः हाई कोलेस्ट्रॉल के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Nirogam Ayurvedic Cholesterol Kit का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Nirogam Ayurvedic Cholesterol Kit के मुख्य घटक हैं अर्जुन, गुग्गुल जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Nirogam Ayurvedic Cholesterol Kit की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।

Ayurvedic Cholesterol Kit की सामग्री - Ayurvedic Cholesterol Kit Active Ingredients in Hindi

अर्जुन
  • वो एजेंट जो हृदय से रक्तवाहिकाओं में रक्त प्रवाह को बेहतर करता है।
  • शरीर में फैट का स्तर कम करने वाली दवाएं, जिनका प्रयोग हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए भी किया जाता है।
गुग्गुल
  • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • दवाएं जो शुगर के दौरन होने वाले ब्लड शुगर को नियंत्रित करती हैं।
  • वे तत्‍व जो खून बनाने में मदद करते हैं। इस तरह ये तत्‍व एनीमिया की स्थिति को नियंत्रित करते हैं।

Ayurvedic Cholesterol Kit के लाभ - Ayurvedic Cholesterol Kit Benefits in Hindi

Ayurvedic Cholesterol Kit इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -

अन्य लाभ



Ayurvedic Cholesterol Kit के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Ayurvedic Cholesterol Kit Side Effects in Hindi

चिकित्सा साहित्य में Ayurvedic Cholesterol Kit के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Ayurvedic Cholesterol Kit का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।



Ayurvedic Cholesterol Kit से सम्बंधित चेतावनी - Ayurvedic Cholesterol Kit Related Warnings in Hindi

  • क्या Ayurvedic Cholesterol Kit का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?


    प्रेग्नेंट महिला पर Nirogam Ayurvedic Cholesterol Kit के अच्छे या बुरे प्रभाव के बारे में चिकित्सा जगत में कोई रिसर्च न हो पाने के चलते पूरी जानकारी मौजूद नहीं हैं। इसको जब भी लें डॉक्टर से पूछने के बाद ही लें।

    अज्ञात
  • क्या Ayurvedic Cholesterol Kit का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?


    कुछ समय से स्तनपान कराने वाली महिला को Nirogam Ayurvedic Cholesterol Kit से किस तरह के प्रभाव होंगे, इस विषय पर किसी भी विशेषज्ञ का कोई मत नहीं हैं। इसलिए डॉक्टर से परार्मश के बाद ही इसका सेवन करें।

    अज्ञात
  • Ayurvedic Cholesterol Kit का पेट पर क्या असर होता है?


    बिना किसी डर के आप Nirogam Ayurvedic Cholesterol Kit ले सकते हैं। यह पेट के लिए सुरक्षित है।

    सुरक्षित
  • क्या Ayurvedic Cholesterol Kit का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?


    बच्चों पर Nirogam Ayurvedic Cholesterol Kit का क्या असर होगा इस बारे में जानकारी मौजूद नहीं है, क्योंकि इस विषय में अब तक कोई रिसर्च नहीं हुई है।

    अज्ञात
  • क्या Ayurvedic Cholesterol Kit का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है


    Nirogam Ayurvedic Cholesterol Kit के बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी मौजूद नहीं है। क्योंकि इस विषय पर अभी रिसर्च नहीं हो पाई है। अतः डॉक्टर के परामर्श के बाद ही इस दवा को लें।

    अज्ञात
  • क्या Ayurvedic Cholesterol Kit शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?


    Nirogam Ayurvedic Cholesterol Kit के सेवन के बाद चक्कर आना या झपकी आना जैसी दिक्कतें नहीं होती हैं। इसलिए आप वाहन चला सकते हैं या मशीनरी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

    नहीं
  • क्या Ayurvedic Cholesterol Kit का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?


    Nirogam Ayurvedic Cholesterol Kit की लत नहीं लगती, लेकिन फिर भी आपको इसे लेने से पहले सर्तकता बरतनी बेहद जरूरी है और इस विषय पर डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।

    नहीं

इस जानकारी के लेखक है -

Dr. Braj Bhushan Ojha

BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव


संदर्भ

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume- II. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 17-18

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 56-57