छछूंदर को आमतौर पर घरों के आसपास घूमते हुए देखा जाता है। यह सामान्य है। अक्सर रात के समय में एक अजीब सी आवाज के साथ यह अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है। चूहों की तरह दिखने वाला छछूंदर थोड़ा गंदा जीव जरूर है, लेकिन यह इतना खतरनाक नहीं माना जाता, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले दो दशकों में इस जीव से फैलने वाले वायरस के चलते यूरोप में 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

दरअसल यूरोप में छछूंदर (shrews) से फैलने वाले वायरस का प्रकोप कुछ इस कदर है कि इसने जर्मनी और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में रहने वाले लोगों को अपना शिकार बनाया है।

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कितना घातक है वायरस?
लैंसेट इंफेक्शन डिजीज में प्रकाशित एक रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने बताया कि एक लंबे अरसे से लोगों की मौत का कारण बन रहे इस वायरस (बोर्ना डिजीज वायरस 1) पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन इतनी मौतों के बाद इसके खतरनाक होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक जर्मनी में छछूंदर से फैलने वाले बोर्ना डिजीज वायरस 1 से होने वाली इंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क में होने वाली सूजन) बीमारी से कम से कम 14 लोगों की मौत हो चुकी है।

लेकिन, डॉक्टरों ने आशंका जताई है कि इस बीमारी से होने वाली मौतों का आंकड़ा थोड़ा अधिक हो सकता है, क्योंकि इस वायरस को फैलाने वाले यह छछूंदर ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड और लिकटेंस्टीन में पाए जाते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए अध्ययनकर्ता इस वायरस को लेकर और अधिक रिसर्च में जुटे हैं। ताकि, यह पता लगाया जा सके कि यह वायरस, वास्तव में मानवजाति को कितनी और हानि पहुंचा सकता है।

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कैसे प्रभावित करता है यह वायरस?
छछूंदर के जरिए होने वाली इस (इंसेफेलाइटिस) बीमारी के चलते व्यक्ति के दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ता है और इसके चलते कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं, जैसे-

  • बुखार
  • सिरदर्द
  • उल्टी
  • दौरे पड़ना
  • कमजोरी महसूस होना
  • बेहोशी आना

जर्मनी में रेगेन्सबर्ग यूनिवर्सिटी अस्पताल के विशेषज्ञों ने उन 56 लोगों के मेडिकल रिकॉर्ड की जांच की, जिनकी मृत्यु साल 1999 से 2019 के बीच हुई थी। मरने वाले यह सभी लोग इंसेफेलाइटिस से ग्रसित थे, जो कि जर्मनी के दक्षिणी राज्यों में रहते थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां बोर्ना रोग फैलाने वाले छछूंदर सामान्य रूप से घूमते थे।

डराने वाले हैं आंकड़े
रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी में इस बीमारी (इंसेफेलाइटिस) के कारण जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 8 लोगों में बोर्ना डिजीज वायरस 1 पाया गया है और इसके बाद मौत का यह आंकड़ा 14 तक पहुंच गया। एक क्षेत्र में फैले बोर्ना वायरस के चलते 6 पुराने मामलों में से केवल एक ही व्यक्ति को बचाया जा सका।

इंसेफेलाइटिस से पीड़ित होने के दो महीने के अंदर 8 नए रोगियों की मृत्यु हो गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह वायरस ब्रिटेन में हर साल करीब 6 हजार और अमेरिका में 25 हजार लोगों को प्रभावित करता है।

अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि वायरस से पीड़ित लोगों में यह रोग बुखार से शुरू होता है, जिसके बाद इन लोगों को चलने में पेरशानी महसूस होने लगी। इसके अलावा याददाश्त में कमजोरी और फिर कोमा के चलते व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं दूसरी ओर अन्य जो लोग इंसेफेलाइटिस से ग्रसित थे, उन्हें यह कई अलग-अलग बीमारियों के साथ हुआ था, जैसे- दाद, खसरा और रूबेला जैसी जानलेवा बीमारियों ने मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाया।

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विशेषज्ञों की राय
शोधकर्ता और प्रोफेसर बारबरा श्मिट का कहना है, हमारी इस रिसर्च से संकेत मिले हैं कि बोर्ना डिजीज वायरस 1 एक गंभीर संक्रामक रोग है, जो कि जानवरों के जरिए इंसानों में फैलता है।

वैसे यह कोई नई बीमारी नहीं है, लेकिन ऐसा लगता है कि करीब 10 या 20 सालों से इस पर ध्यान ही नहीं दिया गया। साथ ही बारबरा यह भी बताती हैं कि इंसेफेलाइटिस के फैलने की वजह उन क्षेत्रों में ज्यादा हो सकती है, जहां छछूंदर (shrews) अधिक संख्या में पाए जाते हैं।

बरतें सावधानियां
myUpchar से जुड़ी डॉक्टर फतमा के मुताबिक कोई भी वायरल इंफेक्शन या वायरस तभी हमला करता है जब आपकी इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कमजोर होती है। इसलिए अगर आप किसी भी प्रकार के वायरस से बचना चाहते हैं तो इम्यूनिटी को मजबूत बनाएं। इसके लिए ज्यादा देर तक खाली पेट ना रहें और उच्च प्रोटीन डाइट ना लें। इसके अलावा वायरल इंफेक्शन से बचाव के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध है तो उसका टीका लगवा सकते हैं।

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रिपोर्ट के आधार पर समझाया जाए तो बोर्ना डिजीज वायरस 1 के फैलने से होने वाली इंसेफेलाइटिस बीमारी काफी पुरानी है, जिसने दशकों से कई लोगों की जान ली है, लेकिन शायद अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। मगर इस रिसर्च के जरिए यह जानने में मदद मिलती है कि कैसे आपके घर और घर के आसपास छछूंदर का होना आपके लिए जानलेवा हो सकता है, लेकिन सावधानी ही बचाव है। इसलिए उपरोक्त विकल्पों के आधार पर आप इस बीमारी से अपना बचाव कर सकते हैं।

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