जलना घर में लगने वाली आम चोटों में से एक है, खासकर बच्चों में। जलने का मतलब केवल जलने की सनसनी होना नहीं होता, इससे त्वचा को गंभीर नुकसान होता है जिससे त्वचा की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं।

हीट या गर्मी के किसी स्त्रोत, जैसे गर्म धातु, करंट, गर्म पदार्थ या स्टीम के संपर्क में आने से त्वचा जल जाती है। अगर आपने प्रभावित क्षेत्र पर कपड़ा पहना हुआ है, तो वह गर्मी को बाहर निकलने नहीं देता जिससे और नुक्सान होता है। त्वचा के जैसे से त्वचा के ऊतकों को नुकसान होता है।

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ज़्यादातर लोग जलने के बाद बिना किसी गंभीर नुकसान के ठीक हो जाते हैं, लेकिन यह जलने की वजह और गंभीरता पर निर्भर करता है। गंभीर जलने की स्थिति में तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है नहीं तो पीड़ित व्यक्ति को गंभीर नुक्सान हो सकता है और उसकी मौत भी हो सकती है।

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इस लेख में जलने की वजह, प्रकार, गंभीरता और जलने पर क्या करना चाहिए के बारे में बताया गया है।

  1. जलने के स्तर और गंभीरता - Jalne ki gambhirta in hindi
  2. जल जाने पर क्या लगाना चाहिए - Jal jane par turant kya kare
जलने के स्तर और गंभीरता - Jalne ki gambhirta in hindi

जलने पर शरीर को होने वाले नुकसान को डिग्री में वर्गीकृत किया जाता है। यह डिग्री निचे दी गयी हैं -

  • पहली डिग्री
    जलने का सबसे कम गंभीर प्रकार वह होता है जिसमें त्वचा की केवल ऊपरी परत ही जलती है। इस परत को एपिडर्मिस (Epidermis) कहा जाता है। पहली डिग्री के बर्न में त्वचा की ऊपरी सतह में लाली, सूजन व दर्द होता है और अंदर की परतों को नुक्सान नहीं होता है। इसे तब तक माइनर बर्न (Minor burn) माना जाता है जब तक हाथों, पंजों, चेहरे, पेट व् जांध के बीच के भाग और कूल्हों के ज़्यादा हिस्से नहीं जलते।
     
  • दूसरी डिग्री
    अगर जलने के कारण त्वचा की पहली और दूसरी दोनों परतों को नुकसान होता है, तो उसे सेकंड डिग्री बर्न कहा जाता है। त्वचा की दूसरी परत को डर्मिस (Dermis) कहते हैं। इसमें त्वचा पर फफोले व बड़े धब्बे हो जाते हैं और उसका रंग अधिक लाल होने लगता है। दूसरी डिग्री से जलने पर बहुत दर्द और सूजन होती है।
     
  • तीसरी डिग्री
    सबसे गंभीर तरह से जलने को थर्ड डिग्री बर्न कहा जाता है। इसमें त्वचा की सारी परतें जल जाती हैं और व्यक्ति को दर्द नहीं होता। इससे प्रभावित क्षेत्र में मौजूद फैट, मासपेशियां और यहां तक की हड्डियां भी जल सकती हैं। जला हुआ हिस्सा काला पड़ जाता है और सूखा हुआ व सफ़ेद दिख सकता है।

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गंभीरता और शरीर को होने वाले नुकसान के आधार पर जलने को मेजर और माइनर बर्न में वर्गीकृत किया जाता है। अगर जलने से शरीर को अधिक नुकसान हुआ है, तो उसे मेजर बर्न (Major burn) कहते हैं और अगर कम नुकसान हुआ है, तो उसे माइनर बर्न (Minor burn) कहते हैं।

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जलने की क्रीम - Thoda jalne par kya kare

जलने की क्रीम - Thoda jalne par kya kare

माइनर बर्न के लिए फर्स्ट ऐड

  • जले हुए क्षेत्र को थोड़े ठन्डे पानी में रखें या दर्द ठीक होने तक ठंडी सिकाई करें।
  • प्रभावित क्षेत्र में सूजन होने से पहले जल्दी से अंगूठी और ऐसी अन्य टाइट वस्तुओं को उतार दें।
  • अगर त्वचा पर फफोला बन गया है, तो उसे फोड़े नहीं क्योंकि यह त्वचा को इन्फेक्शन से बचाता है। अगर यह अपने आप फूट जाता है, तो उस जगह को पानी से साफ कर लें और उसपर एंटीबायोटिक दवा लगा लें। अगर चकत्ते होते हैं, तो यह दवा लगाना बंद कर दें।
  • प्रभावित क्षेत्र के ठंडा होने के बाद उसपर एलोवेरा युक्त कोई लोशन या मॉइस्चराइज़र लगाएं। इससे घाव सूखता नहीं है और आराम मिलता है।
  • जले हुए हिस्से पर पट्टी लगाएं और अधिक रुई का इस्तेमाल न करें। इसे ढीला बांधें ताकि जले हुए हिस्से पर दबाव न बने। पट्टी लगाने से घाव पर हवा नहीं लगती, दर्द कम होता है और त्वचा पर छाले नहीं होते।
  • अगर आवश्यकता है तो मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली कोई दर्द निवारक दवा, जैसे आइब्युप्रोफेन (Ibuprofen), नेप्रोक्सेन सोडियम (Naproxen sodium) या एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) लें।

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ज़्यादा जल जाने पर क्या करें - Adhik jalne par kya lagaye

ज़्यादा जल जाने पर क्या करें - Adhik jalne par kya lagaye

मेजर बर्न के लिए फर्स्ट ऐड

  • अगर हो सके तो व्यक्ति के अास-पास से करंट या जलने वाले स्त्रोत को हटाएं। अगर व्यक्ति करंट से जला है, तो उसकी मदद करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि उसके आस-पास से करंट का स्त्रोत हटा दिया गया हो। (और पढ़ें - करंट लगने का इलाज)
  • यह चेक करें कि व्यक्ति सांस ले रहा है या नहीं। अगर आपको आता है तो उसे "माउथ-टू-माउथ" तरीके से सांस दें। (और पढ़ें - सीपीआर कैसे देते हैं)
  • जले हुए क्षेत्र और गले पर से बेल्ट या अंगूठी जैसी टाइट वस्तुएं हटा दें।
  • जले हुए क्षेत्र को कवर करने के लिए ठन्डे और हलके गीले कपड़े से ढकें।
  • अगर हो सके तो जले हुए क्षेत्र को हृदय के स्तर से ऊपर की तरफ उठाएं।
  • जले हुए बड़े घावों को पानी में न डुबाएं। इससे शरीर की हीट गंभीर स्तर पर कम हो सकती है।

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नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल​ से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है। 

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