जलना - Burns in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

June 20, 2018

April 13, 2023

जलना
जलना

जलना क्या है?

जलना मामूली चिकित्सीय समस्या या जानलेवा स्थिति भी हो सकती है। बिजली, रसायन या आग शरीर के जलने के आम कारण हो सकते हैं। गर्म तरल पदार्थ बच्चों के जलने के सबसे आम कारण माने जाते हैं। त्वचा के जल जाने को हम अंग्रेजी में "बर्न" (Burn) कहते हैं। 

सनबर्न और मामूली जलने के निशानों का घर पर ही इलाज किया जा सकता है, लेकिन गहरे या व्यापक रूप से जलने के बाद हमें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। जो लोग गंभीर रूप से जल जाते हैं उनको अस्पताल के 'बर्न यूनिट' में उपचार की ज़रुरत पड़ सकती है। इस स्थिति में जलने के घावों से झुलसी त्वचा को कवर करने के लिए बेहद सावधानी की आवश्यकता होती है।

(और पढ़ें - सनबर्न के उपाय)

जलने के अधिकांश मामलों में सबसे पहले जले हुए हिस्से पर पानी डालना चाहिए। इसके लिए बर्फ का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा के जले हुए ऊतक (tissue) को अतिरिक्त नुकसान पहुंच सकता है।

(और पढ़ें - बर्फ लगाने के फायदे)

जलने के लक्षण - Burns Symptoms in Hindi

ज़रूरी नहीं कि शरीर की त्वचा सामान रूप से जले, इसकी गहराई और गंभीरता के कई प्रकार हो सकते हैं। जलने से हुई क्षति मामूली है या गंभीर, यह ऊतक में हुए नुकसान पर निर्भर करता है। गंभीरता पर निर्भर करते हुए, शरीर का जलना 4 प्रकार का हो सकता है -

  • फर्स्ट- डिग्री बर्न (First-degree burn) - 
    यह सिर्फ आपकी त्वचा की ऊपरी सतह (epidermis) को प्रभावित करता है। इससे त्वचा लाल होजाती है और आपको प्रभावित हिस्से में दर्द महसूस होता है। इसके उपचार के लिए प्राथमिक चिकित्सा का उपयोग किया जाता है और इसे ठीक होने में कुछ दिनों से लेकर हफ़्तों का समय भी लग सकता है। सनबर्न (सूर्य की तेज़ किरणों के संपर्क में आने की वजह से त्वचा का लाल या काला पड़ जाना) इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। 
  • सेकंड-डिग्री बर्न (Second-degree burn) - 
    यह आपकी त्वचा की ऊपरी और दूसरी सतह को भी प्रभावित करता है। इससे आपकी त्वचा लाल पड़ जाती है, प्रभावित हिस्से में सूजन और दर्द महसूस होता है। इस प्रकार का बर्न अक्सर नम्म या गीला दिखाई पड़ता है। इसमें आपकी त्वचा पर छाले पड़ जाते हैं जिनमे आपको अत्यंत दर्द भी हो सकता है। सेकंड-डिग्री के गहरे बर्न आपकी त्वचा पर निशान भी छोड़ सकते हैं। 
  • थर्ड-डिग्री बर्न (Third-degree burn) -
    जो बर्न त्वचा में दूसरी सतह से नीचे वाली परत तक पहुँच जाते हैं उन्हें हम थर्ड-डिग्री बर्न कहते हैं। इसमें आपको अपनी त्वचा कड़ी, मोम जैसी सफ़ेद, कठोर एवं जली हुई दिखाई पड़ती है। इस तरह के बर्न आपकी तंत्रिकाओं को नुक्सान पहुँचा सकते हैं जिससे आपकी त्वचा सुन्न पड़ सकती है। 
  • फोर्थ-डिग्री बर्न (Fourth-degree burn) -
    यह सबसे गंभीर प्रकार के बर्न होते हैं। यह आपकी हड्डियों और मांसपेशियों को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें आपकी त्वचा काली और जली हुई दिखाई पड़ती है। अगर आपकी तंत्रिकाओं को काफी हानि पहुँच चुकी है तो ऐसी स्तिथि में हो सकता है की आपको कोई दर्द महसूस न हो। 

(और पढ़ें - जलने पर करें ये घरेलू उपाय)

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जलने के कारण - Burns Causes in Hindi

आपकी त्वचा के जलने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि -

  • आग 
  • गरम तरल पदार्थ या भाप 
  • गरम धातु, कांच या कोई अन्य वस्तु 
  • बिजली का करंट 
  • एक्स-रे से निकलने वाले विकिरण या कैंसर के इलाज में उपयोग आने वाली विकीरण थेरेपी। 
  • सूर्य की किरणें एवं पराबैंगनी किरणें  (और पढ़ें - सूर्य की किरणों के फायदे)
  • रसायन जैसे कि एसिड, लाई, पेट्रोल या रंग को पतला करने वाले पदार्थ 

(और पढ़ें - घाव के निशान हटाने के उपाय)

जलने से बचाव - Prevention of Burns in Hindi

आम तौर पर जलने से बचने के लिए यह तरीके अपनाये जा सकते हैं -

  • चूल्हे पर खाना बनता न छोड़ें 
  • बर्तन की पकड़ को चूले के पीछे की ओर करदें 
  • खाना बनाते समय मज़बूत दस्तानो का प्रयोग करें जिससे आपके हाथ और कलाई कवर रह सकें 
  • गरम तरल पदार्थों को बच्चों और पालतू जानवरों से दूर रखें 
  • खाना बनाते समय कभी भी ढीले कपड़े न पहने। ऐसे कपड़ों में आग आसानी से लग सकती है
  • जल्दी जल जाने वाले पदार्थो को भट्टी एवं हीटर से दूर रखें 
  • अगर आप धूम्रपान करते हैं तो घर के अंदर या बिस्तर में धूम्रपान न करें 
  • स्मोक डिटेक्टर (smoke detector: एक यन्त्र जो हवा में धुएं की उपस्तिथि को बताता है) की नियमित जांच करवाएं और उसकी बैटरी भी चेक करें
  • रसायनों, लाइटर और माचिस को बच्चों से दूर रखें 
  • अपने पानी के हीटर का तापमान 49 C से 54 C के बीच रखें 

(और पढ़ें - सिगरेट छोड़ने के उपाय)

जलने का परीक्षण - Diagnosis of Burns in Hindi

शारीरिक परिक्षण के समय आपके डॉक्टर आपकी जली हुई त्वचा की जांच करके पता करेंगे की आपको शरीर के कितने हिस्से में क्षति हुई है। 

आपको जलने से सम्बंधित समस्याओं की भी जांच करवानी पड़ सकती है ताकि यह पता चल सके कि आपके शरीर पर बर्न का केसा असर हुआ है। आपको किस प्रकार की परिक्षण प्रक्रिया (जैसे कि एक्स रे या लैब टेस्ट) अपनानी है यह आपके बर्न की गंभीरता एवं कारण पर निर्भर करता है। 

जलने का इलाज - Burns Treatment in Hindi

फर्स्ट डिग्री बर्न का उपचार आप घर पर ओवर-द-काउंटर (बिना डॉक्टर के पर्चे से मिलने वाली दवाएं) दवाओं या एलोवेरा से भी कर सकते हैं। मामूली बर्न अक्सर कुछ हफ़्तों में ठीक हो जाते हैं।

(और पढ़ें - एलोवेरा के फायदे)

अगर आपके बर्न मध्यमिक, गंभीर या बड़े पैमाने पर हों या अगर बर्न हाथ, पैर, जनांग या चेहरे पर हुए हों तो तुरंत आपातकालीन उपचार लें।  

आपके बर्न की गंभीरता पर निर्भर करते हुए आपको इन उपायों की ज़रुरत पड़ सकती है -

  • इंट्रावेनस (आई.वी) फ्लूइड : आपको पानी की कमी या अंगो को फ़ैल होने से बचाने के लिए डॉक्टर नसों के माध्यम से शरीर में तरल पदार्थ देते हैं। 
  • दर्द कम करने की दवाएं - ठीक होते समय बर्न बहुत ही दर्दनाक हो सकते हैं। बहुत से मामलों में पट्टी करते समय मॉर्फिन की भी ज़रुरत पड़ सकती है। तनाव कम करने वाली दवा भी सहायक हो सकती हैं। 
  • जली त्वचा के लिए क्रीम - जली हुई त्वचा को नम्म रखने के लिए तथा उसमें दर्द व् संक्रमण को कम करने के लिए काफी प्रकार की क्रीम बाजार में मिलती हैं। 
  • एंटीबायोटिक - अगर जले हुए हिस्से में आपको संक्रमण हो जाता है तो आपको इंट्रावेनस एंटीबायोटिक की ज़रुरत पड़ सकती है। 
  • टेटनस का टीका - जलने के बाद आपके डॉक्टर आपको टेटनस का टीका लगवाने की सलाह दे सकते हैं। (और पढ़ें - टेटनस क्या है)

फिजिकल थेरेपी 

अगर आपकी जली हुई त्वचा का क्षेत्र काफी बड़ा है या वो आपके जोड़ों के हिस्से को भी कवर कर रहा है तो ऐसे में आपको फिजिकल थेरेपी की ज़रुरत पड़ सकती है। इस थेरेपी में आपकी त्वचा पर खिचाव डाला जाता है ताकि आपके जोड़ो का हिस्सा लचीला बना रहे। अन्य तरह के व्यायाम भी आपकी मांसपेशियों को मज़बूत बनाने एवं उनका ताल मेल बेहतर करने में सहायक हो सकते हैं। 

सर्जरी एवं अन्य प्रक्रियाएं 

कुछ मामलों में आपको एक या एक से अधिक प्रक्रियाओं की ज़रुरत पड़ सकती है :

  • सांस लेने में सहायता - अगर आपके चेहरे या गले की त्वचा जली है तो इससे सूजन आ सकती है और आपकी सांस लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। आपके फेफड़ों तक उचित मात्रा में आक्सीजन पहुँचाने के लिए डॉक्टर आपकी श्वास नाली में एक नली डालते हैं जो कि आपको सांस लेने में सहायता देती है। (और पढ़ें - सांस लेने में दिक्कत के कारण)
  • ट्यूब फीडिंग - जली हुई त्वचा को ठीक करते समय मेटाबॉलिज्म हद्द से ज़्यादा काम करने लगता है जिससे हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी आने लगती है। आपके डॉक्टर आपके शरीर के नाक व् पेट में से होती हुई एक नली डाल सकते हैं ताकि आपके शरीर को सही मात्रा में पोषण पहुँच सके।  
  • दबाव को कम करना (डीकम्प्रेशन) - अगर आपका बर्न हाथ या पैर की चारों ओर है तो यह आपकी त्वचा को कठोर बनाकर आपका रक्त संचार भी रोक सकता है। अगर आपका बर्न सीने के चारों ओर है तो इससे आपको सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है। अगर इस हिस्से को कई जगह बाँट दिया जाएं तो दबाव कम हो सकता है। 
  • शरीर की त्वचा का उपयोग - जले हुए हिस्से के निशान को ठीक करने के लिए आपके शरीर की स्वस्थ त्वचा की भी ज़रुरत पड़ सकती है। इस प्रक्रिया के लिए मानव शव या सूअर की खाल का प्रयोग किया जाता है। 
  • प्लास्टिक सर्जरी - प्लास्टिक सर्जरी के विशेषज्ञ आपके जले हुए हिस्से की दिखावट को बेहतर बना सकते हैं एवं जलने से प्रभावित आपके जोड़ों के लचीलेपन को भी सुधार सकते हैं। 

जलने की जटिलताएं - Burns Complications in Hindi

अगर जलने से हुई आपको क्षति  है या बड़े पैमाने पर है तो ऐसे में कई प्रकार की जटिलताएं हो सकती हैं :

  • संक्रमण - बर्न के कारण आपकी त्वचा बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण की चपेट में आ सकती है जिससे आपको सेप्सिस भी हो सकता है।  यह संक्रमण आपके रक्त में जाकर जानलेवा भी साबित हो सकता है और आपके पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है। सेप्सिस एक जानलेवा बीमारी है जिससे आपको शॉक भी लग सकता है और आपके अंग फेल भी हो सकते हैं। 
  • खून की कमी - त्वचा के जलने की वजह से आपकी रक्त वाहिकाओं को हानि पहुँच सकती है जिससे आप में खून की कमी भी हो सकती है। गंभीर रूप से हुई रक्त व् द्रव हानि आपके दिल को रक्त पंप करने से रोक सकती हैं।
  • शरीर का तापमान कम होना - आपकी त्वचा आपके शरीर का तामपान बनाये रखने के लिए ज़िम्मेदार होती है। अगर त्वचा का बड़ा हिस्सा बर्न से प्रभावित हो जाये तो इससे आपके शरीर की गर्माहट में कमी आने लगती है। ये आप में हाइपोथर्मिया (hypothermia: शरीर की गर्मी धीरे-धीरे कम होते जाना) के जोखिम को बढ़ा देता  है।
  • निशान पड़ना - जलने से आपके शरीर पर निशान पड़ सकते हैं एवं आपकी त्वचा का प्रभावित हिस्सा उभरा हुआ भी दिख सकता है। 
  • हड्डी व् जोड़ो की समस्या - त्वचा का अत्यधिक मात्रा में जलना आपकी चलने-फिरने की क्षमता को कम कर सकता है। जब आपकी त्वचा या मांसपेशियों में गतिविधि हो तो प्रभावित ऊतक आपकी त्वचा पर खिंचाव पैदा कर सकता है। यह आपके जोड़ों को स्थायी रूप से असामान्य स्तिथि में ला सकता है। (और पढ़ें - जोड़ों में दर्द के उपाय)


संदर्भ

  1. American Society for Surgery of the Hand. Burns. Chicago, USA. [internet].
  2. National Health Portal. Burns. Centre for Health Informatics; National Institute of Health and Family Welfare
  3. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Burns
  4. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Burns
  5. National Institute of General Medical Sciences. Burns. U.S. Department of Health and Human Services. [internet].

जलना की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Burns in Hindi

जलना के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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