कैंसर के कारण अब तक कई लाख मौतें हो चुकी हैं। इसके बढ़ते मामलों की वजह से यह बीमारी मनुष्य प्रजाति के लिए अब भी एक गंभीर खतरा बनी हुई है। इससे न केवल मरीज बल्कि उसके प्रियजन और परिवार वाले भावनात्मक और आर्थिक स्थिति से प्रभावित होते हैं। हालांकि, डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत की वजह से आज हमारे पास कैंसर का इलाज मौजूद है।
बेहद कम लोगों को कैंसर से जुड़ी बातों की जानकारी होती है, जिसके कारण वह इससे जुड़े मिथकों को सच मान लेते हैं। अक्सर लोगों को लगता है कि किसी भी प्रकार के कैंसर का कोई इलाज नहीं है, जबकि हकीकत में कुछ ऐसे कैंसर हैं, जिनकी सही समय पर पहचान कर ली जाए तो उन्हें इस जानलेवा बीमारी से बचाया जा सकता है। इसके अलावा कुछ गंभीर और लाइलाज प्रकार के कैंसर की यदि उनके शुरुआती चरण में पहचान कर ली जाए तो उनका भी इलाज मुमकिन हो सकता है।
वह कैंसर जिनके कारण मृत्यु की सबसे अधिक आशंका होती है, लेकिन जल्दी परीक्षण में पकड़े जाने पर इलाज के जरिए मरीज को बचाया जा सकता है :
- ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर)
- स्किन कैंसर (सभी प्रकार के न फैलने वाले त्वचा संबंधित कैंसर)
- कॉलन कैंसर (आंतों का कैंसर)
- प्रोस्टेट कैंसर (पौरुष ग्रंथि कैंसर)
- लंग कैंसर (फेफड़ों का कैंसर)
- पैनक्रिएटिक कैंसर (अग्राशय कैंसर)
वह कैंसर जिनके इलाज में यह मायने नहीं रखता कि वह कौन से चरण पर पहचाने गए हैं :
- ल्यूकेमिया कैंसर
- लिम्फोमा कैंसर
- हॉजकिन्स लिम्फोमा कैंसर
इसके अलावा किसी भी चरण पर इलाज करवाने पर निम्न कैंसर के मामलों में मरीज की जीवन प्रत्याशा दर भी बढ़ सकती है :
- टेस्टिक्युलर कैंसर (वृषण कैंसर)
- सर्विक्स कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर)
- ब्रेस्ट कैंसर
- स्किन कैंसर (सभी प्रकार के न फैलने वाले त्वचा संबंधित कैंसर)
- कोलोन कैंसर (आंतों का कैंसर)
- प्रोस्टेट कैंसर (पौरुष ग्रंथि कैंसर)
कैंसर से जुड़े कुछ अन्य अनजान तथ्य
लोगों को लगता है कि कैंसर से प्रभावित मरीज के आसपास रहने से भी यह रोग फैल सकता है। खासतौर से परिवारजनों, दोस्त या ध्यान रखने वाले व्यक्ति में, जबकि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। कैंसर से ग्रस्त मरीज के साथ आप जितना चाहें उतना समय बिता सकते हैं, बिना इस बात की परवाह किए कि आप भी कैंसर की चपेट में आ सकते हैं। यहां तक कि कैंसर ग्रस्त व्यक्ति का हाथ पकड़ने, उसे किस्स करने या उसके साथ सेक्स करने से भी यह नहीं फैलता है।
अधिकतर मामलों में कैंसर से ग्रस्त गर्भवती महिलाओं से उनके गर्भ में मौजूद शिशु को कैंसर नहीं होता है। हालांकि, बेहद दुर्लभ मामलों में ऐसा देखा गया है कि कैंसर भ्रूण को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसा खासतौर से मेलेनोमा कैंसर (इलाज के बाद भी फैलने वाला) के मामलों में देखा गया है।
कैंसर फैलने और उसका जोखिम बढ़ाने के पीछे कई वायरस मुख्य कारक हो सकते हैं, जैसे कि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस, एपस्टीन-बर्र वायरस, हेपटाइटिस बी वायरस, हेपटाइटिस सी वायरस, ह्यूमन हर्पीस वायरस टाइप 8, ह्यूमन टी-लिम्फो टॉपिक वायरस -1 और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी।
देखा जाए तो कैंसर कोई फैलने वाली बीमारी नहीं है। इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति के पास जाने में डरने की कोई बात नहीं है, बल्कि उनसे बात करना, उनकी देखभाल करना और उनसे प्रेम करना इलाज में मददगार साबित होता है।