कोविड-19 महामारी की वजह बने नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से शायद दुनिया को कभी निजात न मिले। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपने एक बयान में यह चेतावनी दी है। बीबीसी के मुताबिक, बुधवार को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन मामलों के निदेशक डॉ. माइक रयान ने वायरस के खत्म होने की संभावना को लेकर किए गए सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वायरस की कोई वैक्सीन खोज भी ली गई, तब भी इसे नियंत्रित करने के लिए बहुत बड़े स्तर पर प्रयास करना होगा।

खबर के मुताबिक, माइक रयान ने कहा, 'यह बात सामने रखना है जरूरी है कि यह वायरस संभवतः हमारे बीच बना रहेगा और शायद यह कभी खत्म न हो।' इसके बाद डब्ल्यूएचओ के उच्चाधिकारी ने कहा, 'एचआईवी अभी तक खत्म नहीं हुआ है। हमने उसके साथ समझौता कर लिया है। (इसलिए) कोई यह दावा नहीं कर सकता कि यह बीमारी (कोविड-19) कब खत्म होगी।' कोविड-19 के इलाज के लिए इस समय दुनियाभर में सौ से ज्यादा वैक्सीनों पर काम चल रहा है। लेकिन डॉ. रयान ने अन्य बीमारियों की तरफ ध्यान खींचते हुए कहा कि वैक्सीन होने के बाद भी वे दूर नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा कि खसरे की वैक्सीन होने के बाद भी उसे अभी तक खत्म नहीं किया जा सका है। 

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वहीं, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम गेब्रेयेसस ने जोर देते हुए कहा कि कोरोना वायरस को रोकना अभी भी संभव है, लेकिन इसके प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा, 'यह हमारे ही हाथ में है और हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है। हम सबको इस महामारी को रोकने में योगदान देना चाहिए।' 

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख अधिकारियों के ये बयान ऐसे समय में सामने आए हैं, जब दुनियाभर के कई देशों ने अपने यहां लॉकडाउन में ढील देना शुरू कर दिया है और नेताओं ने यह बहस छेड़ दी है कि अर्थव्यवस्था को कब और कैसे फिर से शुरू करना है। इसे लेकर डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने फिर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यह गारंटी नहीं दी जा सकती कि लॉकडाउन संबंधी नियमों में ढील देकर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा, 'कई देश अलग-अलग प्रतिबंधों से बाहर आना चाहते हैं। लेकिन हमारा सुझाव अभी भी यही है कि हर देश को सबसे अधिक स्तर पर अलर्ट रहना चाहिए.'

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वहीं, टेड्रोस के साथ मौजूद डॉ. रयान ने कहा, 'ऐसा सोचा जा रहा है कि लॉकडाउन से बहुत फायदा हुआ है और अब उन्हें खोलना सही फैसला होगा। (लेकिन) ये दोनों विचार खतरनाक हैं।' इन दोनों पदाधिकारियों के अलावा डब्ल्यूएचओ की महामारी विशेषज्ञ मारिया वेन केरखोव ने कहा कि लोगों को यह समझाने की जरूरत है कि इस संकट से बाहर निकलने में अभी समय लगेगा। उधर, संयुक्त राष्ट्र ने अलग से चेतावनी दी है कि कोविड-19 महामारी बड़े पैमाने पर मानसिक बीमारी के संकट की वजह बन रही है, खासतौर पर उन देशों में जहां मेन्टल हेल्थकेयर पर निवेश की कमी है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र ने दुनियाभर की सरकारों से कहा है कि वे मानसिक स्वास्थ्य को इस महामारी के खिलाफ अपने प्रयासों का हिस्सा बनाएं।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साफ कहा- शायद कोरोना वायरस कभी खत्म न हो है

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