चीन में कोविड-19 से ग्रस्त हुए पांच बच्चों के मामले ने डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। इन बच्चों की रिपोर्ट आने के बाद कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस कई अनजान तरीकों से बच्चों को प्रभावित कर सकता है। जानी-मानी विज्ञान पत्रिका 'फ्रंटियर्स इन पेडियाट्रिक्स' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना संकट के दौरान चीन के वुहान शहर में दो महीने से 5.6 साल के पांच बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए थे। इन सभी में कोविड-19 से जुड़े श्वसन संबंधी लक्षण नहीं दिखे थे, हालांकि बाद में किए गए टेस्ट में वे इसी बीमारी से संक्रमित पाए गए थे।

शोध में शामिल वैज्ञानिकों और इसकी रिपोर्ट के प्रमुख लेखक डॉ. वेनबिन ली कहते हैं, 'ज्यादातर बच्चे कोविड-19 से हल्के तौर पर बीमार पड़ते हैं और जिन बच्चों की हालत गंभीर होती है, वे पहले से किसी बीमारी से पीड़ित होते हैं। ऐसे में अगर किसी बच्चे में श्वसन से जुड़ी समस्या के लक्षण नहीं दिख रहे हैं या वह किसी अन्य बीमारी से पहले से पीड़ित हो, तो हो सकता है उसके कोविड-19 से ग्रस्त होने का पता न चले।'

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डॉ. ली के मुताबिक, वुहान के अस्पताल में भर्ती कोविड-19 ग्रस्त बच्चों में से एक को किडनी स्टोन की समस्या थी, जबकि दूसरे में मानसिक क्षति का पता चला था। वहीं, सभी पांचों बच्चों में से चार को पाचन तंत्र संबंधी समस्याओं (पेट में दर्द, उल्टी, डायरिया) के चलते अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। डॉक्टरों ने उनके सीटी स्कैन में पाया कि भर्ती होने से पहले या उसके कुछ समय बाद ही बच्चों को निमोनिया हो गया था, जो कोविड-19 का गंभीर लक्षण है। इस आधार पर शोधकर्ताओं ने कहा है कि जिन इलाकों या देशों में कोविड-19 महामारी के स्तर पर फैली है, वहां के बच्चे अगर किसी कोरोना मरीज के संपर्क में आए हैं या उनमें बुखार के साथ पाचन तंत्र संबंधी समस्या दिखाई देती है, तो उन्हें 'संदिग्ध रूप से सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित माना जाना चाहिए'। 

शोध करने वाले लेखकों ने कहा है कि कोविड-19 के वयस्क मरीजों में ऐसे लक्षण देखने को मिले हैं, इसलिए संभव है कि वायरस अन्य रास्तों से संक्रमण फैला रहा हो। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों के संबंध में अभी और अध्ययन करने की जरूरत है।

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यूरोप और अमेरिका में कोविड-19 से जुड़ा 'रहस्यम' सिंड्रोम
यह तथ्य है कि नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से जुड़े ऐसे मामले काफी कम हैं, जिनमें इसके संक्रमण से बच्चों के बीमार होने की पुष्टि हुई हो। हाल के समय तक इसकी पुख्ता वजह किसी जानकार के पास नहीं थी कि कोविड-19 महामारी की वजह बने इस वायरस से बच्चे कैसे बचे हुए हैं। लेकिन बीते पांच महीनों के दौरान सार्स-सीओवी-2 ने अपनी अनेक विशेषताओं के चलते मेडिकल विशेषज्ञों को हैरानी के साथ-साथ चिंता में डाला है। यही वजह है कि बच्चों में इस बीमारी के बहुत कम मामले होने के बावजूद जानकार अभिभावकों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं।

इन डॉक्टरों और जानकारों में अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फॉसी भी शामिल हैं। इस मामले में उनका कहना है, 'इस वायरस के बारे में हम सबकुछ नहीं जानते हैं। इसलिए हमें ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है, खास तौर पर बच्चों के मामले में। हमें यह लापरवाही नहीं करनी चाहिए कि बच्चे इसके घातक प्रभावों से पूरी तरह सुरक्षित हैं।'

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कोविड-19 के विषय में बच्चों को लेकर जताई गई एंथनी फॉसी की चिंता की वजह हाल में अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में सामने आ चुकी है। यहां दर्जनों बच्चे एक 'रहस्यमय' इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम के चलते गंभीर रूप से बीमार पड़े हैं, जिसे डॉक्टर कोविड-19 से जोड़ कर देख रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, बच्चों में इस सिंड्रोम के जो लक्षण मिले हैं, वे टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम या कावासाकी बीमारी के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं। अमेरिका और यूके की मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इस सिंड्रोम से हाल में वहां दो-तीन बच्चों की मौत भी हुई है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: बच्चों को 'अनजान तरीकों' से संक्रमित कर सकता है नया कोरोना वायरस- शोधकर्ता है

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