चीन के वुहान शहर से दिसंबर 2019 में चर्चा में आया सार्स-सीओवी-2 वायरस जिससे कोविड-19 बीमारी होती है ने चंद महीनों में ही लगभग पूरी दुनिया को अपना शिकार बना लिया है। मार्च 2020 तक इस प्रलयकारी वायरस से दुनिया के 199 देश प्रभावित हुए हैं जिसमें चीन, अमेरिका, इटली और स्पेन सबसे  अधिक प्रभावित देशों की लिस्ट में शामिल हैं।

कोविड-19 के तेजी से फैलते संक्रमण ने दुनियाभर में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कार्यकर्ताओं की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। जिन लोगों ने हाल ही में विदेश या फिर संक्रमण प्रभावित राज्यों की यात्रा की है, या वे कोरोना संदिग्ध हैं उन्हें तो आइसोलेशन की जरूरत है ही। वैसे मरीज जिनमें कोरोना की पुष्टि हो चुकी है उन्हें तो लगातार निगरानी में रखने की जरूरत है। जिन रोगियों की उम्र ज्यादा है या जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, कैंसर, आदि से पीड़ित हैं, उन्हें न सिर्फ कोविड-19 इंफेक्शन होने का खतरा अधिक है बल्कि अगर संक्रमण हो जाए तो कॉम्प्लिकेशन बढ़ने का भी खतरा है। लिहाजा ऐसे मरीजों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है।

वैसे तो ज्यादातर मामलों में कोविड-19 के रोगियों को घर पर ही देखभाल की सलाह दी जा रही है। लेकिन कुछ गंभीर मामलों में जहां रोगी को हर हाल में अस्पताल में भर्ती करना आवश्यक हो जाता है, इसके लिए एम्बुलेंस और आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियनों को हर वक्त सर्तक रहने को कहा गया है ताकी मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जा सके।

संदिग्ध रोगियों को उनके घर से अस्पताल पहुंचाना आवश्यक सेवाओं के अंतर्गत आता है। इसे देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ऐसे परिवहन के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिनका सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं द्वारा सख्ती से पालन किया जाना जरूरी है। इस लेख में आपको इन्हीं दिशा निर्देशों और इसका कैसे से पालन करना है इस बारे में बताया जा रहा है।

  1. संदिग्ध कोविड-19 रोगियों का सुरक्षित परिवहन क्यों आवश्यक है?
  2. आपातकालीन कॉल सेंटर सेवा में लगे कर्मचारियों के लिए दिशा निर्देश
  3. एम्बुलेंस के प्रकार और उनका इस्तेमाल
  4. आपात सेवा में लगे स्वास्थ्यकर्मी (ईएमटीएस), एम्बुलेंस स्टाफ और ड्राइवरों के लिए दिशा निर्देश
  5. एम्बुलेंस में सवार होने के बाद संदिग्ध कोविड-19 मरीज का प्रबंधन
  6. संदिग्ध मरीज को अस्पताल को सौंपना
  7. मरीज को अस्पताल पहुंचाने के बाद एम्बुलेंस को कीटाणुमुक्त करें
  8. कोविड-19 के मरीज को कैसे पहुंचाएं अस्पताल, क्या कहते हैं सरकारी दिशा-निर्देश, जानें के डॉक्टर

कोविड-19 बेहद संक्रामक बीमारी है जो दुनियाभर में तेजी से फैल रही है। लिहाजा संदिग्ध रोगियों के आसपास साफ-सफाई और सुरक्षा का माहौल बनाकर रखना जरूरी है। कोविड-19 रोगी के संपर्क में आने वाले किसी भी व्यक्ति को संक्रमण की आशंका रहती है। ऐसे में न केवल रोगी के प्रियजनों के लिए बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों के लिए भी खतरा बढ़ सकता है।

ऐसे समय में जब कोविड-19 महामारी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, बीमारी के संदिग्ध मरीज को सुरक्षित तरीके से अस्पताल तक पहुंचाना बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एम्बुलेंस कॉल सेंटर के कर्मचारियों, एम्बुलेंस कर्मचारियों, आपात स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों और अस्पताल के कर्मचारियों के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए हैं।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

यदि किसी व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण दिखते हैं, तो उन्हें खुद से अस्पताल जाने की बजाय आपातकालीन सेवाओं में लगे कर्मचारियों से संपर्क करने की सलाह दी गई है। संदिग्ध मरीज और नजदीकी अस्पताल जिसे कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए लिए चुना गया है के बीच, एक तरह से ब्रिज का काम करते हैं कॉल सेंटर के कर्मचारी। कॉल सेंटर वालों की यह जिम्मेदारी है कि वे मरीज के घर तक एम्बुलेंस और स्वास्थ्य कर्मचारियों को भेजें। साथ ही इस बात को भी सुनिश्चित करें कि मरीज जिस अस्पताल में भेजा जा रहा है वहां मरीज की स्थिति और उसके स्वास्थ्य की पूरी जानकारी हो।

इसलिए, कॉल सेंटर कर्मचारियों को एम्बुलेंस सेवा को मरीज के घर भेजने से पहले मरीज के बारे में निम्न जानकारी प्राप्त करना बेहद आवश्यक होता है:

  • रोगी का नाम, आयु, लिंग, स्थान आदि।
  • रोगी में दिखने वाले सभी लक्षणों की सूची जिसमें ये बातें भी शामिल हो कि क्या मरीज को बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ है।
  • क्या मरीज हाल ही में कहीं विदेश यात्रा से लौटा है?
  • क्या हवाई अड्डा, स्थानीय अधिकारियों या स्वास्थ्य सेवा से जुड़े अधिकारियों द्वारा रोगी को होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी गई थी?
  • रोगी की स्थिति कैसी है। उसकी हालत स्थिर है या गंभीर?

ये जानकारियां मिलने के बाद कॉल सेंटर कर्मचारी, ऐंबुलेंस सर्विस और अस्पताल से बात कर उन्हें ये जानकारियां दे देते हैं।

दिशा निर्देशों के अनुसार रोगी के स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कॉल सेंटर कर्मचारियों को उपयुक्त एम्बुलेंस सर्विस को मरीज के घर भेजना होता है। मौजूदा समय में मरीज के परिवहन के लिए 3 तरह की एम्बुलेंस उपलब्ध है:

  • गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए वेंटिलेटर लगी हुई एडवांस लाइफ सपोर्ट (ALS) एम्बुलेंस।
  • कम गंभीर स्थिति वाले रोगियों के लिए बिना वेंटिलेटर वाली बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) एम्बुलेंस।
  • अन्य बीमारियों और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे- गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गो के लिए 102 एम्बुलेंस या मुफ्त एम्बुलेंस सेवाएं। इन एम्बुलेंस का उपयोग कोविड-19 रोगियों के लिए नहीं किया जाता है।

एम्बुलेंस सेवा प्रदाता संदिग्ध कोविड-19 रोगियों के परिवहन के लिए अन्य उपलब्ध एम्बुलेंसों को आवश्यक सेवाओं के साथ परिवर्तित कर सकते हैं। हालांकि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वायरस के प्रसार से बचने के लिए एम्बुलेंस को उपयोग करने से पहले और बाद में ठीक से कीटाणुरहित यानी सैनिटाइज किया जाए।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

एम्बुलेंस स्टाफ फिर चाहे वह तकनीशियन हो या एम्बुलेंस का ड्राइवर, सभी को कोविड-19 के सामान्य संकेतों और लक्षणों (बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई) के बारे में प्रशिक्षित होना चाहिए। उन्हें पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विप्मेंट (पीपीई) का इस्तेमाल कैसे करना है के अलावा वायरस के सामान्य संक्रमण, रोकथाम और नियंत्रण के बारे में भी पूरी जानकारी होनी चाहिए।

एम्बुलेंस के लिए कॉल आने और मरीज तक पहुंचने से पहले EMT यानी इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियन, एम्बुलेंस कर्मचारियों और ड्राइवर को पर्याप्त सावधानी बरतनी होती है। ईएमटी और एम्बुलेंस कर्मचारियों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • फोन पर बताई गई समस्याओं और उपलब्ध कराई गई जानकारियों के आधार पर सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि क्या वास्तव में मरीज कोविड-19 का संदिग्ध है?
  • सभी कर्मचारियों को सही तरीके से पीपीई पहनना चाहिए।
  • रोगी के पास पहुंचने पर ईएमटी और एम्बुलेंस स्टाफ को रोगी की स्थिति का आकलन करना चाहिए और उसके बाद उन्हें एम्बुलेंस में डालना चाहिए।
  • रोगी के परिवार के केवल एक ही सदस्य को रोगी के साथ जाने की अनुमति दी जानी चाहिए और उस व्यक्ति को भी उपयुक्त पीपीई पहनना चाहिए जिससे उसे संक्रमण का खतरा न रहे।
  • ईएमटी या एम्बुलेंस स्टाफ को मरीज और उसकी देखभाल करने वाले को ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क, दस्ताने आदि देना चाहिए।
  • ईएमटी या एम्बुलेंस कर्मचारियों को अधिकृत अस्पताल से संपर्क करना चाहिए और उनकी तैयारी की जानकारी लेनी चाहिए, जिससे वहां पहुंचने पर कोई समस्या या इलाज में देरी न हो।

मरीज और उसके साथ जा रहे संरक्षक को पीपीई देने और एम्बुलेंस में सवार करने के बाद ईएमटी और एम्बुलेंस स्टाफ को अस्पताल पहुंचने के दौरान रास्ते में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • मरीज के सभी जरूरी अंगों की जांच करें और सुनिश्चित करें कि मरीज स्थिर रहे।
  • अगर जरूरत पड़े तो मरीज को सप्लिमेंटल ऑक्सिजन या ओ2 थेरेपी भी दी जा सकती है। SpO2 का मतलब है खून में ऑक्सिजन की संतृप्ति का लेवल। किसी स्वस्थ व्यक्ति में यह लेवल 94 से 99 प्रतिशत के बीच होता है। अगर किसी में सांस से संबंधी मामूली बीमारी हो तो उस शख्स में इसका लेवल 90 प्रतिशत होता है।
  • यदि मरीज को ऐम्बुलेंस में वेंटिलेटर पर रखकर ले जाया जा रहा हो तो वेंटिलेटर प्रबंधन प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए। इसके अलावा एम्बुलेंस में मौजूद ईएमटी को वेंटिलेटर प्रबंधन की जानकारी होनी चाहिए या फिर किसी डॉक्टर को उसकी मदद करनी चाहिए।

एम्बुलेंस के अस्पताल में पहुंचते ही, एम्बुलेंस स्टाफ और ईएमटी को निर्देशित प्रक्रिया के तहत रोगी को अस्पताल के कर्मचारियों को सौंपना चाहिए। ये ऐसे प्रोटोकॉल हैं जिनका इस चरण में पालन किया जाना चाहिए:

  • ईएमटी और एम्बुलेंस कर्मचारी रोगी की स्थिति के सभी विवरण प्रदान करते हुए रोगी को अस्पताल कर्मचारियों को सौंपे। घर से अस्पताल पहुंचने के बीच अगर मरीज को कोई स्वास्थ्य समस्या हुई हो तो इस बारे में भी जानकारी अवश्य दें।
  • अस्पताल में मरीज को सौंपने के बाद ईएमटी और एम्बुलेंस कर्मचारी प्रोटोकॉल के अनुसार पीपीई उतार दें और फिर साबुन और पानी से अच्छी तरह से हाथ धोएं। एल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का भी उपयोग किया जा सकता है।
  • पीपीई सहित एम्बुलेंस से निकले सभी बायोमेडिकल वेस्ट को एक बैग में रखना चाहिए। बैग के अंदर सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया जाना चाहिए। बैग में सबकुछ रखकर बाहर से अच्छी तरह से पैक करें और बाहर भी स्प्रे किया जाना चाहिए। अस्पताल में ही दिशा निर्देशों के अनुसार इस बैग को नष्ट कर दें।
  • वेस्ट मटीरियल को फेंकने के बाद एक बार फिर हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह हाथ धोएं
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

एम्बुलेंस कर्मचारी, ईएमटी के साथ साथ जिस एम्बुलेंस से संदिग्ध कोविड-19 मरीज को ले जाया गया है उसे भी अच्छी तरह से कीटाणुमुक्त किया जाना बेहद जरूरी है। पूरी सख्ती के साथ एम्बुलेंस को कीटाणुमुक्त करने के बाद ही उस एम्बुलेंस का इस्तेमाल दूसरे मरीज के लिए किया जाना चाहिए। एम्बुलेंस को कीटाणुरहित करने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें:

  • एम्बुलेंस के भीतर के सभी हिस्से (जैसे स्ट्रेचर,फर्श, दीवार और अन्य सतह) जिसे भी मरीज ने छूआ हो उसे अच्छी तरह से साफ करना न भूले। 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट का उपयोग करके इन स्थानों को अच्छी तरह से साफ और कीटाणुरहित किया जाना चाहिए।
  • किसी अन्य रोगी पर उपयोग करने से पहले एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर से सभी उपकरणों को साफ और कीटाणुरहित करें।
  • सुबह और शाम दोनों वक्त एम्बुलेंस की सतहों और उपकरणों की सफाई की जानी चाहिए। इसके बाद साबुन से हाथों को धोना बेहद आवश्यक है।

Siddhartha Vatsa

सामान्य चिकित्सा
3 वर्षों का अनुभव

Dr. Harshvardhan Deshpande

सामान्य चिकित्सा
13 वर्षों का अनुभव

Dr. Supriya Shirish

सामान्य चिकित्सा
20 वर्षों का अनुभव

Dr. Priyanka Rana

सामान्य चिकित्सा
2 वर्षों का अनुभव

और पढ़ें ...
ऐप पर पढ़ें