विश्व के कई शीर्ष देशों में सार्स-सीओवी-2 का संक्रमण विकराल रूप ले चुका है। कोरोना वायरस से फैली कोविड-19 महामारी के चलते अब तक दुनियाभर में करीब 34,000 लोगों की मौत हो चुकी है। यूरोप समेत अमेरिका जैसे विकसित देशों में भी कोविड-19 के संक्रमितों की मौतों का आंकड़ा रुक नहीं रहा है। ऐसे में दुनियाभर में कोविड-19 के प्रभाव को लेकर अलग-अलग अनुमान लगाए जा रहे हैं। इस सिलसिले में अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फॉसी ने भी एक डराने वाला अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 से अमेरिका में लाखों लोग संक्रमित हो सकते हैं और मृतकों का आंकड़ा एक लाख से दो लाख तक जा सकता है।

क्या कहा विशेषज्ञ ने?
अमेरिका स्थित 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिसीज' के निदेशक एंथनी फॉसी ने सीएनएन न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, 'इस तरह की आपदा के संबंध में बनाए गए अनुमानित मॉडल सबसे खराब और सबसे सकारात्मक पहलुओं के बारे में बताते हैं। आम तौर पर इन दोनों संभावनाओं के बीच के परिणाम देखने को मिलते हैं।' इसके आगे फॉसी कहते हैं, 'आप देखिए कि हम क्या अनुभव कर रहे हैं। मैं कहूंगा कि एक लाख से दो लाख (मौतें) हो सकती हैं। लेकिन मैं इस पर कायम नहीं रहना चाहता।'

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अमेरिका में इतनी मौतों का अनुमान लगाने वाले एंथनी फॉसी अकेले विशेषज्ञ नहीं हैं। उनके साथ डॉक्टर डेबोरा बर्क्स ने भी कोविड-19 के संबंध में अमेरिका के लिए इसी तरह का अनुमान लगाया है। बता दें कि डॉक्टर बर्क्स ट्रंप प्रशासन में शामिल संक्रामक रोग मामलों के शीर्ष विशेषज्ञों में से एक हैं। उन्होंने और डॉक्टर फॉसी ने मिल कर कोविड-19 से जुड़े नए मॉडल पेश किए हैं, जिनके आधार पर यह संभावना जताई गई है।

यह अनुमान ऐसे समय में लगाया गया है जब अमेरिका में मौतों की दर ज्यादा होने की आशंका में सोशल डिस्टेंसिंग की अवधि एक और महीने के लिए बढ़ा दी गई है। खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बारे में जानकारी देते हुए यह घोषणा की है। खबरों के मुताबिक, ट्रंप ने कहा कि अगले दो हफ्तों में अमेरिका में सबसे ज्यादा मौतें देखने को मिल सकती हैं, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइंस को 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया गया है। बता दें कि अमेरिका में हर रोज कोविड-19 के 15 से 20 हजार मामले सामने आ रहे हैं और सैकड़ों लोगों की मौत की पुष्टि की जा रही है।

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जर्मनी के एक मंत्री ने की आत्महत्या
यूरोप के कई देश कोरोना वायरस के आगे बेबस और लाचार दिखाई दे रहे हैं। मुश्किल केवल यह नहीं है कि कोविड-19 और लोगों पर इसके प्रभाव को कैसे रोका जाए, बल्कि यह भी है कि इस महामारी से होने वाले खरबों के आर्थिक नुकसान से कैसे उबरा जाएगा। इस सवाल ने जर्मनी के एक राज्य के एक मंत्री को इतना परेशान किया कि उसने आत्महत्या ही कर ली। यह मामला बताता है कि कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में लोगों का मानसिक तनाव किस हद तक बढ़ सकता है।

स्थानीय खबरों के मुताबिक, आत्महत्या करने वाले मंत्री का नाम थॉमस शफर है। वे जर्मनी के हेस्से राज्य के वित्त मंत्री थे। बताया गया है कि 54 वर्षीय थॉमस कोरोना वायरस के हालात से पैदा हुए तनाव के चलते सदमे में थे। उनका शव होचाइम शहर स्थित एक हाई-स्पीड ट्रेन लाइन से बरामद हुआ। बाद में जर्मन पुलिस ने पुष्टि कर इसे आत्महत्या की घटना बताया। जांचकर्ताओं ने यह भी बताया कि पीड़ित मंत्री के पास से एक नोट भी बरामद हुआ, जिसमें उनकी खुदकुशी के कारणों का पता चला। नोट में शफर ने लिखा कि कोरोना वायरस के चलते अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बिगड़े हालत की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया।

गौरतलब है कि इटली, स्पेन, फ्रांस समेत कई यूरोपीय देशों की तरह जर्मनी में भी कोरोना वायरस का बड़ा प्रकोप देखने को मिला है। यहां अभी तक 62,000 से ज्यादा लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 541 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, लगभग 2,000 लोगों की हालात चिंताजनक बनी हुई है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोरोना वायरस: अमेरिका में विशेषज्ञों ने एक लाख से अधिक मौतों की आशंका जताई, जर्मनी में एक राज्य के वित्त मंत्री ने सदमे में की खुदकुशी है

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