'रोंगटे खड़े हो जाना' मानव शरीर की एक ऐसी प्रतिक्रिया है, जिसे भय, आश्चर्य, उत्साह से भरी कई परिस्थितियों के लिए कहावत के रूप में काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इसकी वैज्ञानिक जानकारी बहुत कम लोगों को है कि आखिर कुछ विशेष परिस्थितियों में हमारे शरीर के बाल खड़े क्यों हो जाते हैं। विज्ञान क्षेत्र के जानकार बताते रहे हैं कि त्वचा पर उगने वाले बालों के आसपास की छोटी मांसपेशियों में सिकुड़न आने से बाल खड़े हो जाते हैं। अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने उन कोशिकाओं का पता लगाने का दावा किया है, जो न सिर्फ बालों से जुड़ी मांसपेशियों के सिकुड़ने (जिससे रोंगटे खड़े होते हैं) का कारण हैं, बल्कि बाल और हेयर फॉलिकल (बालों के रोम जिनके अंदर से बाल उगते हैं) को रीजनरेट करने वाली मूल कोशिकाओं (स्टेम सेल्स) के नियमित रूप से काम करने के लिए भी आवश्यक हैं। चूहों पर किए गए अध्ययन में ये परिणाम मिलने के बाद शोधकर्ताओं को लगता है कि मूल कोशिका से अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं के इंटरैक्शन को लेकर उनकी समझ बेहतर हुई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, उन्हें पता चला है कि बाहर के वातावरण के हिसाब से त्वचा की कोशिकाएं किस तरह खुद में बदलाव लाती हैं।

रोंगटे यानी बालों के खड़े होने के पीछे त्वचा के नीचे की मांसपेशी (मसल्स) का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। यह हेयर फॉलिकल बनाने वाली मूल कोशिकाओं और संवेदी तंत्रिका (सिम्पथैटिक नर्व) के बीच ब्रिज का काम करती है। ठंड का एहसास होने पर सिम्पथैटिक नर्व मांसपेशी को सिकोड़ देती, जिसकी वजह से त्वचा पर मौजूद बाल थोड़े समय के लिए खड़े हो जाते हैं। हेयर फॉलिकल स्टेम सेल की सक्रियता को संचालित करने और लंबी अवधि के दौरान बाल बढ़ाने में भी संवेदी तंत्रिका अहम भूमिका निभाती हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोध में शामिल एल्विन एंड एस्टा स्टार एसोसिएट प्रोफेसर या-ची सू का कहना है, 'हमारी त्वचा जिस तरह से काम करती है, वह काफी दिलचस्प है। इसकी कई मूल कोशिकाएं हैं, जो विविध प्रकार की अन्य कोशिकाओं से घिरी हुई हैं और हमारे शरीर तथा बाहरी दुनिया के बीच स्थित इंटरेफस में स्थित हैं। इसीलिए संभवतः इसकी मूल कोशिकाएं अलग-अलग उत्तेजनाओं में प्रतिक्रिया देती हैं। इस अध्ययन में हमने (त्वचा के अंदर मौजूद) ऐसी दिलचस्प जगहों का पता लगाया है, जो न सिर्फ शरीर के स्थिर होने पर मूल कोशिकाओं को नियंत्रित करती हैं, बल्कि बाह्य रूप से वातावरण में होने वाले बदलावों के हिसाब से खुद में परिवर्तन भी करती हैं।'

शोधकर्ताओं ने बताया कि शरीर के कई अंग तीन तरह के ऊतकों (टिशू) से बने होते हैं: एपिथीलियम, मेजेंकाइम और नर्व। त्वचा पर इन तीनों ऊतकों की वंशावली विशेष ढंग से व्यवस्थित होती है। सिम्पथैटिक नर्व, मेजेंकाइम में मौजूद एक बहुत छोटी समतल मांसपेशी से कनेक्ट होती है। ये समतल मांसपेशी एक के बाद एक हेयर फॉलिकल बनाने वाली मूल कोशिकाओं से जुड़ी होती है, जो एक प्रकार की एपीथीलियल स्टेम सेल होती है। यह हेयर फॉलिकल को फिर से पैदा करने के अलावा घावों को भरने में भी अहम भूमिका निभाती है।

संवेदी तंत्रिका और मांसपेशी के बीच के कनेक्शन के बारे में सभी जानते हैं कि बाल या रोंगटे खड़े होने के पीछे इस कोशिकीय आधार का हाथ होता है। लेकिन वैज्ञानिकों ने जब इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कॉपी की मदद से त्वचा का अत्यधिक हाई रेजलूशन विश्लेषण किया तो पता चला कि संवेदी तंत्रिका केवल मांसपेशी ने नहीं जुड़ी होतीं, बल्कि हेयर फॉलिकर बनाने वाले स्टेम सेल्स से भी इनका सीधा कनेक्शन होता है। इन तंत्रिकाओं के फाइबर हेयर फॉलिकल स्टेम सेल्स के चारों तरफ किसी रिबन की तरह लिपटे होते हैं।

इस बारे में बताते हुए प्रोफेसर या-ची सू ने कहा, 'हम वाकई में एक बड़े स्तर के स्ट्रक्चर के तहत देख पाए कि तंत्रिका और मूल कोशिका किस तरह इंटरेक्ट करती हैं। न्यूरॉन उत्तेजनाशील कोशिकाओं को नियंत्रित करते हैं, जैसा कि अन्य न्यूरॉन और मांसपेशियों के बीच होता है। लेकिन हमें आश्चर्य यह देखकर हुआ कि वे एपिथीलियल स्टेम सेल के साथ भी इसी तरह जुड़े हुए होते हैं, जो कि असल में न्यूरॉन के विशिष्ट टार्गेट नहीं होते हैं।'

इसके बाद शोधकर्ताओं ने पुष्टि करते हुए बताया कि तंत्रिका वास्तव में स्टेम सेल्स को टार्गेट करती है। सिम्पथैटिक नर्व से जुड़ा नर्वस सिस्टम सामान्यतः शरीर के होमियोस्टेटिस या समस्थिति को बनाए रखने के लिए निचले लेवल पर लगातार एक्टिवेट रहता है। इस कारण मूल कोशिकाएं रीजनरेशन की स्थिति में आ जाती हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि लंबे समय तक ठंड रहने से तंत्रिका उच्च स्तर पर एक्टिवेट रहती है, परिणामस्वरूप न्यूरोट्रांसमीटर्स रिलीज होते हैं, जिनसे स्टेम सेल्स तेजी से सक्रिय हो जाती है और हेयर फॉलिकल फिर से बनाने लगती हैं। इसके चलते नए बाल उभरने लगते हैं।

वैज्ञानिकों ने इस बात की भी जांच की हेयर फॉलिकल स्टेम सेल्स के साथ नसों का कनेक्शन कैसे बना रहता है। यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, जब वैज्ञानिकों ने हेयर फॉलिकल से जुड़ी मांसपेशी को हटा दिया तो सिम्पथैटिक नर्व ने भी उसे छोड़ दिया। इससे हेयर फॉलिकल का मूल कोशिकाओं से कनेक्शन टूट गया। इस तरह यह पता चला कि सिम्पथैटिक नर्व और हेयर फॉलिकल के स्ट्रक्चरल सपोर्ट के लिए मांसपेशी का रहना जरूरी है।

हेयर फॉलिकल की संपूर्ण अवस्था पर अध्ययन करते हुए वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि आखिर यह सिस्टम विकसित कैसे होता है। इस पर बात करते हुए या-ची सू की लैब में पोस्टडॉक्टरल फेलो यूलिया श्वॉर्ट्ज ने कहा, 'हमें पता चला है कि (सिप्मथैटिक नर्व को) सिग्नल हेयर फॉलिकल खुद ही भेजता है। यह समतल मांसपेशी के फॉर्मेशन के लिए एक प्रोटीन को अपने से अलग कर देता है, जो सिम्पथैटिक नर्व को आकर्षिक करता है। ऐसा होने पर वयस्कों के शरीर में नर्व और मांसपेशी का इंटरेक्शन होता है। ये एकसाथ हेयर फॉलिकल बनाने वाली मूल कोशिकाओं को नियंत्रित करते हैं, जिससे नया हेयर फॉलिकल पैदा होता है। इस तरह हेयर फॉलिकल अपना विकास खुद ही करता है, जिससे रोंगटे खड़े होने वाले बाल उगते हैं।'

संदर्भ

  1. Lau J. Getting to the bottom of goosebumps. The Harvard Gazette, 20 July 2020.
  2. Shwartz Y., Gonzalez-Celeiro M., Chen Chih-Lung, Yu-Hua Tseng, Sung-Jan Lin and Ya-Chieh Hsu et al. Cell types promoting goosebumps form a niche to regulate hair follicle stem cells. Cell, 16 July 2020.
  3. Senoo M. Epidermal stem cells in homeostasis and wound repair of the skin. Advances in Wound Care (New Rochelle). July 2013; 2(6): 273-282. PMID: 24527349.
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