दिल्ली सरकार की अगले दो महीनों में 150 नए मोहल्ला क्लिनिक शुरू करने की योजना है। अगर यह योजना समय पर पूरी तरह लागू हो जाती है तो देश की राजधानी में रह रहे लोगों को अगले दो महीनों में 600 मोहल्ला क्लिनिकों का लाभ मिलना शुरू हो सकता है। फिलहाल दिल्ली में 451 मोहल्ला क्लिनिक और 26 पॉलिक्लिनिक हैं।

खबरों के मुताबिक, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार एक हजार मोहल्ला क्लिनिक और 125 पॉलिक्लिनिक शुरू करने के लक्ष्य पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि शहर के ज्यादातर इलाकों में एक किलोमीटर के दायरे में ही प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। इसी के तहत आने वाले दिनों में दिल्ली में कुल मोहल्ला क्लिनिकों की संख्या 600 की जाएगी।

कुछ मीडिया रिपोर्टों में दिल्ली सरकार के अधिकारियों के हवाले से यह भी बताया गया है कि एक हजार मोहल्ला क्लिनिकों के लिए सरकार कई नई जगहों की पहचान कर रही है। इस बारे में अंतिम निर्णय लेने के बाद इन जगहों पर अन्य नए 400 मोहल्ला क्लिनिक शुरू करने की योजना है। इस तरह सरकार एक हजार मोहल्ला क्लिनिक के लक्ष्य को पूरा करना चाह रही है।

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कब और क्यों शुरू किए गए मोहल्ला क्लिनिक?
दिल्ली सरकार के आधिकारिक वेब पोर्टल में दी गई जानकारी के मुताबिक, राजधानी में लोगों को तीन श्रेणियों - प्राथमिक, द्वितीय और तृतीय - में स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाती हैं। प्राथमिक श्रेणी में डिस्पेंसरी सेवा आती है। द्वितीय श्रेणी में मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल और तृतीय श्रेणी में सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालों को शामिल किया गया है। इन सभी चिकित्सा केंद्रों और अस्पतालों में न सिर्फ दिल्ली के नागरिकों का इलाज किया जाता है, बल्कि पड़ोसी राज्यों से आए लोगों को भी तमाम उपलब्ध मेडिकल सेवाएं मुहैया कराई जाती हैं। हालांकि इसके बावजूद सौ प्रतिशत लोगों और इलाकों तक मेडिकल सुविधाएं नहीं पहुंची हैं।

चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कई सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं कि दिल्ली की जेजे (झुग्गी-झोपड़ी) कॉलिनियों, बस्तियों, अनधिकृत कॉलोनियों, ग्रामीण और सघन आबादी वाले इलाकों में रहने लोगों को डिस्पेंसरी और अस्पताल जैसी प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए साल 2015 में दिल्ली सरकार ने मोहल्ला क्लिनिक योजना की शुरुआत की। इसके तहत उन इलाकों की पहचान की गई जहां लोगों को घर से नजदीक प्राथमिक स्तर पर भी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं थी। राजधानी में चिकित्सा सेवा की इस कमी को भरने के लिए दिल्ली सरकार ने चार स्तर पर स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल खोलने की योजना शुरू की। इसी के तहत दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में मोहल्ला क्लिनिक और पॉलिक्लिनिक स्थापित किए गए।

योजना की स्थिति क्या है?
दिल्ली में दो प्रकार के मोहल्ला क्लिनिक चल रहे हैं। पहले मोहल्ला क्लिनिक ऐसे हैं जो किसी प्रकार की इमारत में किराए पर चलाए जा रहे हैं। दूसरे मोहल्ला क्लिनिक पोर्टा कैबिन कहलाते हैं, जिन्हें किसी जगह की पहचान करने के बाद बनाया जाता है। दिल्ली सरकार के मुताबिक, इनमें प्राथमिक चिकित्सा से जुड़ी दवाइयां और कई बीमारियों से जुड़े मेडिकल टेस्ट निशुल्क उपलब्ध हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, 2015 से अब तक 164 मोहल्ला क्लिनिक किराए की जगहों और 287 क्लिनिक पोर्टा कैबिन के रूप में खोले गए हैं। हालांकि इनमें से कितने सक्रिय हैं, इस बारे में अलग-अलग रिपोर्टें सामने आती रही हैं। बहरहाल, मोहल्ला क्लिनिकों में एक डॉक्टर और दो सहायक सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक मरीजों को देखते हैं।

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