ओपिएट्स सीरम टेस्ट क्या है?

ओपिएट्स सीरम टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है यह रक्त में ओपिएट्स की पहचान करता है। ओपिएट्स पॉपी पौधे से मिलने वाला ड्रग्स का एक प्रकार है, जो कि आपके सीरम में पाया जाता है। सीरम रक्त का एक द्रवीय भाग है, जिसमें रक्त कोशिकाएं और रक्त का थक्का जमने वाले तत्व नहीं होते।

आमतौर पर ओपिएट्स की सलाह लंबे समय से हो रहे दर्द को ठीक करने के लिए दी जाती है। यह मस्तिष्क तक जाने वाले दर्द के सिग्नल को कम कर देते हैं और शरीर की इसके प्रति प्रतिक्रिया को कम कर देते हैं। हालांकि लगातार प्रयोग के बाद आपके शरीर को इसकी आदत हो जाती है और इसी प्रभाव के लिए आपको दवा की अधिक मात्रा में जरूरत होती है। इससे ओपीओड डिपेंडेंसी (दवा पर निर्भरता) हो जाती है, जिसके कारण यदि दवा लेना बंद कर दिया जाए तो लक्षण फिर से दिखाई दे सकते हैं। इसीलिए ट्रीटमेंट के दौरान दवा का जमाव और खुराक की जांच करना जरूरी होता है।

इसके अलावा ओपिएट्स सबसे ज्यादा दुरुपयोग की जाने वाली दवा है। इनसे क्रोनिक बीमारी हो सकती है, जिसके कारण बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। बिना मेडिकल सलाह के ओपिएट्स का उपयोग करने से इसकी ओवरडोज हो सकती है, मरीज को इसकी लत लग सकती है और यहां तक की मृत्यु भी हो सकती है।

  1. ओपिएट्स सीरम टेस्ट क्यों किया जाता है - Opiates Serum Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. ओपिएट्स सीरम टेस्ट से पहले - Opiates Serum Test Se Pahle
  3. ओपिएट्स सीरम टेस्ट के दौरान - Opiates Serum Test Ke Dauran
  4. ओपिएट्स सीरम टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - Opiates Serum Test Ke Parinam Ka Kya Matlab Hai

ओपिएट्स सीरम टेस्ट क्यों किया जाता है?

डॉक्टर ओपिएट्स सीरम टेस्ट की सलाह अदालती कार्यों या नौकरी के लिए देते है। ओपिएट्स को प्रयोग के कुछ घंटों बाद सीरम में पहचाना जा सकता है। इस टेस्ट में जो ओपिएट्स पहचाने जा सकते हैं, वे निम्न हैं:

  • हेरोइन, प्रयोग के छह घंटे बाद तक 
  • मॉर्फिन, प्रयोग के बारह घंटे बाद तक 
  • फेंटानील, रक्त में प्रयोग के बारह घंटे बाद तक 
  • मेथाडोन, प्रयोग के तीस मिनट बाद से तीन दिनों तक 

ओपिएट्स सीरम टेस्ट निम्न स्थितियों में करने के कहा जा सकता है:

  • ओपिएट्स के ट्रीटमेंट में ओवरडोज़ पर नजर रखने के लिए 
  • बच्चे की कस्टडी को माता या पिता को देने से पहले 
  • खिलाड़ियों में ओपिएट के दुरुपयोग की पहचान के लिए 
  • किसी व्यक्ति को नौकरी पर रखने से पहले 
  • कार्यस्थल पर रूटीन टेस्ट के रूप में 
  • किसी इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए आवेदन देने से पहले 

डॉक्टर ओपिएट्स सीरम टेस्ट की सलाह ओपिएट के प्रयोग से जुड़े निम्न लक्षण या संकेत दिखाई देने पर दे सकते हैं:

 

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ओपिएट्स सीरम टेस्ट की तैयारी कैसे  करें?

इस टेस्ट के लिए किसी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती। इस टेस्ट के लिए भूखे रहने की भी जरूरत नहीं होती। यदि आप किसी प्रकार की कोई भी दवा या गैर-कानूनी दवा ले रहे हैं, तो इनके बारे में डॉक्टर को बता दें। इस टेस्ट के परिणाम क्विनोलोन एंटीबायोटिक, रिफाम्पिसिन, वेरापामील, क्वेटियापाइन, डोक्सिलामिन और डाइफेनहाइड्रामिन जैसी दवाओं से प्रभावित हो सकते हैं। दवा  बंद करने से पहले हमेशा डॉक्टर से पूछ लें। पॉपी सीड युक्त भोजन न खाएं क्योंकि ये टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकते है।

ओपिएट्स सीरम टेस्ट कैसे किया जाता है?

टेस्ट से पहले डॉक्टर आपको टेस्ट की प्रक्रिया समझा देंगे। टेस्ट के दिन आपकी बांह की नस से ब्लड सैंपल निम्न तरीके से ले लिया जाएगा। 

  • लैब टेक्नीशियन आपकी बांह के ऊपरी हिस्से में एक इलास्टिक बैंड बांधेंगे और मुट्ठी कसने के लिए कहेंगे ताकि नस की पहचान की जा सके। 
  • सुई लगने वाली जगह को अल्कोहोल युक्त दवा से साफ किया जाएगा 
  • नस में एक कीटाणुरहित सुई लगाई जाएगी और ब्लड सैंपल ले लिया जाएगा 
  • सैंपल लेने के बाद इलास्टिक बैंड हटा दिया जाएगा और उस जगह को बैंडेज से ढक दिया जाएगा 
  • टेक्नीशियन सैंपल पर नाम इत्यादि लिखकर इसे आगे टेस्ट के लिए लैब में भेज देंगे। 

टेस्ट के बाद आपको हल्का सा दर्द या सुई लगी जगह पर नील पड़ सकता है। हालांकि ये लक्षण जल्द ही ठीक हो जाएंगे। यदि नील या तकलीफ ठीक नहीं होते तो इसके बारे में डॉक्टर को बताएं। 

 
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ओपिएट्स सीरम टेस्ट के परिणाम क्या बताते हैं?

सामान्य परिणाम:
ओपिएट्स सीरम टेस्ट के सामान्य परिणामों को नेगेटिव, एब्सेंट या अनडिटेक्टेड लिखा जाता है। इसका मतलब है कि ब्लड सैंपल में ओपिएट्स का जमाव संदर्भ वैल्यू से कम या बिलकुल भी नहीं है। ओपिएट्स की सामान्य वैल्यू को नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर  (ng/mL) में निम्न तरीके से लिखा जाता है:

  • मॉर्फिन, <10 ng/mL
  • कोडीन, <10 ng/mL
  • ऑक्सीकोडोन, <20 ng/mL
  • हाइड्रोकोडोन, <10 ng/mL

असामान्य परिणाम:
असामान्य परिणाम को उपस्थित, डिटेक्टेड या पॉजिटिव लिखा जाता है। इसका मतलब है कि दिए गए ब्लड सैंपल में ओपिएट्स की सामान्य वैल्यू से अधिक मात्रा पाई गई है। तुरंत की गई ड्रग स्क्रीनिंग का पॉजिटिव होने का मतलब है कि व्यक्ति ने ओपिओइड ली है। हालांकि स्क्रीनिंग टेस्ट पूरी तरह से सटीक नहीं होते इसीलिए परिणामों की पुष्टि के लिए अन्य टेस्ट करने के लिए भी कहा जा सकता है।

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