भारत में इस्तेमाल होने वाली एचसीएफसी गैस पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। यह गैस मुख्य रूप से फ्रिज, एयर कंडीशनर और फायर सप्रेशन सिस्टम में इस्तेमाल होती है। इस गैस पर प्रतिबंध लगने के बाद अब आप सोच रहे होंगे कि हमारे एसी, रेफ्रिजरेटर जैसे उपकरणों का क्या होगा? आपको घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन इन उत्पादों को बनाने वाली कंपनियां इससे जरूर प्रभावित होंगी।

पिछले वर्ष यानि 16 सितम्बर 2019 को पर्यावरण मंत्री बाबुल सुप्रियो ने यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हुए कहा था कि भारत में 2020 तक ओजोन को क्षति पहुंचाने वाली गैस एचसीएफसी-141बी का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। अपने इस कार्य को 1 जनवरी 2020 को अंजाम देते हुआ पर्यावरण मंत्रालय ने देश में सभी उद्योगों के हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन (एचसीएफसी-141बी) रसायन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।

इसका रेफ्रिजेन्ट बनाने वाली इंडस्ट्री पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, जिसके कारण इस प्रकार के उत्पादों में महंगाई की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, इसके बदले कई बेहतर विकल्प मौजूद हैं, जिनकी मदद से पर्यावरण को क्षति पहुंचने से रोका जा सकता है। एचसीएफसी एक ऐसी गैस है जो ओजोन को नष्ट करने में सबसे बड़ी भागीदारी है। भारत में इस गैस का स्तर सामान्य से बहुत अधिक बढ़ चुका है, जिसके कारण सरकार को यह कदम उठाना पड़ा।

भारत की ही तरह आज से 1 साल पहले चीन ने भी एचसीएफसी-141बी पर प्रतिबंध लगाया था। चीन में भारत के मुकाबले बेहद बत्तर हालात थे। हालांकि, चीन में एक साल के अंदर ही एचसीएफसी-141बी गैस का स्तर 35 फीसदी तक कम हो चुका है और अगर स्थिति यही रही तो 2025 तक गैस का स्तर सामान्य से 65 फीसदी से भी कम पहुंच सकता है।

भारत में भी इस गैस के कारण पर्यावरण को बहुत क्षति पहुंच चुकी है। ओजोन लेयर के घटते स्तर से जलवायु में परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और बीमारियां के आंकड़ों में बढ़ोतरी देखी गई है। यह गैस मानव निर्मित गैस है, जिसमें कार्बन, हाइड्रोजन और फ्लुओरीन मौजूद होता है। इसका मनुष्य पर भले ही सीधा प्रभाव न पड़े, लेकिन यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचा कर अप्रत्यक्ष रूप से हमें प्रभावित कर सकती है।

क्या है ओजोन लेयर?
यह ओजोन गैस की एक परत है जो पृथ्वी के चारों ओर एक कवच की तरह काम करती है। पर्यावरण में मौजूद ओजोन हमें सूरज की पराबैंगनी किरणों से बचाती है। जिसके नष्ट होने से पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं की जान को खतरा हो सकता है। ओजोन लेयर के न होने पर त्वचा कैंसर में वृद्धि, पौधों की क्षति, समुद्र के प्रकाश क्षेत्र में प्लेंक्टन की आबादी में कमी आ सकती है। हालांकि, हो सकता है लोगों की मृत्यु इस स्थिति के उत्पन्न होने से पहले ही हो जाए।

ओजोन लेयर को बचाने के उपाय 

  • ओजोन लेयर को क्षति पहुंचाने वाली गैस का कम प्रयोग करें
  • अपने वाहन की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें
  • सफाई के लिए ऐसे उत्पादों का इस्तेमाल न करें जो पर्यावरण और आपके लिए हानिकारक हैं
  • स्थानीय उत्पाद ही खरीदें (जैसे फल, सब्जी, आदि)
  • घरों में मौजूद एयर कंडीशनर को साफ रखें व उनकी सही समय पर सर्विस करवाते रहें

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एचसीएफसी गैस के विकल्प

  • प्राकृतिक रेफ़्रिजरेंट (ठंडा करने वाले यंत्र)
  • ऐसी एचएफसी गैस का इस्तेमाल करें जिनमें जीडब्ल्यूपी (ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाने वाले उत्पाद) का स्तर कम हो, जैसे R-32 गैस
  • एचसीएफसी गैस की जगह हाइड्रोफ्लोरोओलेफिन्स (एचएफओ) का इस्तेमाल किया जा सकता है
  • एचएफसी व एचएफओ का मिश्रण भी एक बेहतर विकल्प है
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