हनुमान श्रीराम के परम भक्त थे और अत्यंत बलशाली और शक्तिशाली थे। भक्ति, नम्रता और शारीरिक बल के साथ संकल्प का योग हनुमान में था। हनुमानासन के अभ्यास से ये समस्त शक्तियां उतपन्न होती हैं।

इस लेख में हनुमानासन करने के तरीके व उससे होने वाले लाभों के बारे में बताया गया है। साथ ही लेख में यह भी बतायाा गया है कि हनुमानासन के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए। 

(और पढ़े - स्मरण याद शक्ति बढ़ाने के उपाय)

  1. हनुमानासन के फायदे - Hanumanasana (Splits Pose Yoga) ke fayde in Hindi
  2. हनुमानासन करने का तरीका - Hanumanasana (Splits Pose Yoga) karne ka tarika in Hindi
  3. हनुमानासन का आसान रूपांतर - Hanumanasana (Splits Pose Yoga) ke Modifications in Hindi
  4. हनुमानासन करने में क्या सावधानी बरती जाए - Hanumanasana (Splits Pose Yoga) me kya savdhani barte in Hindi
  5. हनुमानासन का वीडियो - Hanumanasana (Splits Pose Yoga) Video in Hindi

हनुमानासन के लाभ कुछ इस प्रकार हैं -

  1. यह आसन पैरों और नितम्बों को लचीला बनाता और उनमें रक्त-संचार बढ़ाता है।
  2. यह पेट के अंगों की मालिश करता है और प्रजनन प्रणाली को शक्ति प्रदान करता है। (और पढ़ें - यौन शक्ति बढ़ाने के उपाय)
  3. यह आसन गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के लिए तैयार करता है।
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हनुमानासन करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से दे रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें –

  1. सबसे पहले बाएं घुटने के बल बैठ जाएं और दाएं पंजे को बाएं घुटने के सामने लगभग 30 सेंटीमीटर की दूरी पर रखें।
  2. हथेलियों को जमीन पर दाएं पंजे के दोनों ओर रखें।
  3. धीरे-धीरे दाएं पंजे को आगे बढ़ाएं। साथ ही शरीर के भार को हाथों के सहारे संभालें।
  4. दाएं पंजे को अधिक से अधिक आगे की ओर व बाएं पंजें को अधिक से अधिक पीछे की ओर ले जाते हुए बिना जोर लगाए पैरों को सीधा करने का प्रयास करें।
  5. आखिर में, कूल्हों को नीचे लाएं, जिससे कि कूल्हे और दोनों पैर एक सीध में जमीन पर आ जाएं।
  6. आंखें बंद कर लें, शरीर को आराम दें और हाथों को जोड़ते हुए पीछे की ओर लेकर जाएं। 
  7. अपनी क्षमता के अनुसार इस अवस्था को बनाये रखें।
  8. फिर पुरानी अवस्था में धीरे-धीरे वापस आ जाएं।
  9. अब पिछले वाले पैर को आगे की तरफ लाएं और फिर इस आसन को दोहराएं। 

इस आसन में आप अपने हाथों को छाती के सामने प्रार्थना अवस्था में भी रख सकते हैं। बस पूरी प्रक्रिया समान तरीके से करें और अपने दोनों हाथों को सामने जोड़कर रखें।

(और पढें - छाती में दर्द के कारण)

हनुमानासन में बरतने वाली सावधानियां कुछ इस प्रकार हैं –

  1. स्लिप डिस्कसाइटिकाहर्निया और कूल्हों की हड्डियां खिसक जाने की समस्या वाले व्यक्ति इस आसन को बिल्कुल न करें।
  2. अगर इस आसन को करते समय आपके पैरों में दर्द महसूस होता है तो उसी जगह पैरों को रोक लें।
  3. अब पुरानी अवस्था में वापस आ जाएं। फिर से कुछ मिनट बाद उस आसन को दोहराएं।
  4. पैरों को जितना संभव हो उतना ही सीधा करें।
  5. कुछ भी समस्या होने पर योग ट्रेनर की मदद जरूर लें।
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