गर्भावस्था में संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी होता है। इस दौरान महिला के शरीर को अतिरिक्त विटामिन, मिनरल और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। प्रेग्नेंसी की दूसरी और तीसरी तिमाही में आपको करीब 350-500 तक ज्यादा कैलोरी लेनी की जरूरत होती है। इस समय आपके आहार में आवश्यक पोषक तत्व न होने से बच्चे के विकास पर दुष्प्रभाव पड़ता है।

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गलत आहार और वजन ज्यादा बढ़ने से गर्भवती महिला को डायबिटीज और बच्चे के जन्म के समय अन्य समस्याएं हो सकती हैं। गर्भावस्था में होने वाली समस्याओं से बचने और नॉर्मल डिलीवरी के लिए आपको अपने आहार में बदलाव करना चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो नॉर्मल डिलीवरी में होने समस्याओं को दूर करते हैं।

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इस लेख में आगे आपको बताया जा रही है कि नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्या खाना चाहिए, के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। 

  1. नॉर्मल डिलीवरी के लिए खाएं डेयरी उत्पाद - Normal delivery ke liye khaye dairy products
  2. नॉर्मल डिलीवरी के लिए खाये संतरे - Normal delivery ke liye khaye santare
  3. नॉर्मल डिलीवरी में शकरकंद के फायदे - Normal delivery me shakarkand ke fayde
  4. नॉर्मल डिलीवरी के लिए खाएं अंडे - Normal delivery ke liye khaye ande
  5. नॉर्मल डिलीवरी के लिए फायदेमंद होता है कम वसा वाला मीट - Normal delivery ke liye faydemand hota hai kam vasa vala meat
  6. नॉर्मल डिलीवरी के लिए खाये ब्रोकली - Normal delivery ke liye khaye broccoli
  7. नॉर्मल डिलीवरी के लिए पालक खाएं - Normal delivery ke liye palak khaye
  8. नॉर्मल डिलीवरी के लिए खाये दाले और फलियां - Normal delivery ke liye khaye daale aur faliya
  9. नॉर्मल डिलीवरी में मददगार होता हैं पानी - Normal delivery me madadgar hota hai pani
  10. नॉर्मल डिलीवरी के लिए केले खाएं - Normal delivery ke liye kele khaye

प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण के विकास के लिए आपको प्रोटीन और कैल्शियम की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है। दूध से बनी चीजों में अधिक मात्रा में प्रोटीन होता है। इसके साथ ही इनमें कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन बी, मैग्नीशियम और जिंक भी पाया जाता है। इसलिए नार्मल डिलीवरी के लिए इन्हे खाना फायदेमंद होता है।

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दही में अन्य डेयरी उत्पादों के मुकाबले अधिक मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। दही में प्रोबायोटिक(अच्छे बैक्टीरिया) भी पाये जाता हैं, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ करने का कार्य करते हैं। प्रेग्नेंसी में प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स लेने से प्री एक्लेमप्सिया (Pre-Eclampsia), गर्भावधि डायबिटीज, योनि में संक्रमण और एलर्जी होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं।

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नॉर्मल डिलीवरी के लिए संतरा दो तरह से फायदेमंद होता है। पहला, संतरे में 90 प्रतिशत रस मौजूद होता है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान पानी की जरूरत को पूरा करने का काम करता है। दूसरा, इसमें अधिक मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है, जो आपके बच्चे की त्वचा को सुंदर और मुलायम बनाता है। इसके अलावा संतरा संक्रमण से बचाने में भी मददगार साबित होता है।

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नॉर्मल डिलीवरी के लिए शकरकंद खाना फायदेमंद होता है। 

शकरकंद में अधिक मात्रा में बीटा कैरोटीन मौजूद होता है, जो शरीर में पहुंचकर विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है। शारीरिक विकास के अलावा विटामिन ए अधिकतर कोशिकाओं और ऊतकों को अलग-अलग करने का कार्य करता है। भ्रूण के विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गर्भवती महिलाओं को विटामिन ए करीब 10-40 प्रतिशत ज्यादा खाने की सलाह दी जाती है।

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प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बीटा कैरोटीन विटामिन ए का एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है और शकरकंद में यह भरपूर मात्रा में पाया जाता है। करीब 100-150 ग्राम शकरकंद खाने से विटामिन ए की रोजाना की जरूरत पूरी हो जाती है। शकरकंद में फाइबर होने की वजह से आपको भूख कम लगती है, रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है और पाचन तंत्र मजबूत होता है।

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अंडा आपको स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण होता है। अंडे में सभी तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। एक अंडे में करीब 77 कैलोरी, अधिक मात्रा में प्रोटीन और फैट मौजूद होता है। इसके साथ अंडे में मिनरल और विटामिन भी पाये जाते हैं।

अंडे में "कोलिन" (choline: विटामिन जैसा ही पोषक तत्व) होता है, जो कई शारीरिक कार्यों में अहम भूमिका निभाता है। कोलिन मस्तिष्क के विकास और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रेग्नेंसी में कोलिन की कमी से बच्चे को "न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट" (neural tube defects: भ्रूण को मेरुदंड संबंधी रोग) और दिमागी कार्य क्षमता कम होने संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

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एक अंडे में करीब 113 मिली ग्राम कोलिन होता है, जो रोजाना की जरूरत का 25 प्रतिशत हिस्सा पूरा करता है। यह नॉर्मल डिलीवरी के लिए आवश्यक होता है।

इसलिए नार्मल डिलीवरी के लिए अंडा बहुत ही लाभदायक होता है।

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कम वसा वाले मीट में आयरन की अधिक मात्रा होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर को आयरन की दोगुनी मात्रा की जरूरत होती है। इसके लिए आपको आसानी से पचने वाले आयरनयुक्त खाद्य पदार्थों को भोजन में शामिल करना चाहिए।

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कम वसायुक्त मीट आसानी से पच जाता है और यह नार्मल डिलीवरी के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है। 

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नॉर्मल डिलीवरी के लिए आपको थोड़ी-थोड़ी मात्रा में सभी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। ब्रोकली से आपको विटामिन बी 9, कैल्शियम और विटामिन सी मिलते हैं। इसके अलावा इसमें फाइबर मौजूद होते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान कब्ज को होने से रोकते हैं।

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इसके अलावा ब्रोकली में एंटीऑक्सीडेंट तत्व भी पाए जाते हैं, जो आपको डिलीवरी से पहले के रोगों से बचाने मदद करते हैं।

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पालक को प्रेग्नेंसी के दौरान अपनी डाइट में शामिल करने से नॉर्मल डिलीवरी की संभावनाएं बढ़ जाती है। पालक आपको आयरन, फोलेट और कैल्शियम प्रदान करता है। पालक अन्य विटामिन का भी अच्छा स्त्रोत माना जाता है।

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पालक को आप सलाद, सूप या जूस में भी पी सकते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों में एंटीऑक्सिडेंट तत्व होते हैं, जिससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और खाने को पचाने में भी मदद मिलती है।

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नार्मल डिलीवरी के लिए आपको दाले, बीन्स, चने, सोयाबीन और मटर को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। फलियों से आपको फाइबर, प्रोटीन, आयरन, फोलेट और कैल्शियम मिलता है, यह सभी प्रेग्नेंसी के लिए आवश्यक पोषक तत्व होते हैं।

(और पढ़ें - नॉर्मल डिलीवरी के फायदे)

फोलेट को विटामिन बी 9 भी कहा जाता है और यह प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में मां और बच्चे की सेहत के लिए महत्वपूर्ण होता है। हालांकि अधिकतर गर्भवती महिलाएं फोलेट की निश्चित मात्रा को नहीं ले पाती हैं। प्रेग्नेंसी में फोलेट की कमी से पैदा होने वाले बच्चे को भविष्य में कई तरह के रोग और संक्रमण होने की संभावनाएं रहती है।

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प्रेग्नेंसी के समय आपके शरीर में रक्त करीब 1.5 लीटर तक बढ़ जाता है और ऐसे में आपको अपने शरीर में पानी के स्तर को सही बनाए रखने की जरूरत होती है। भ्रूण के विकास के लिए आपको पानी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए, इससे आपको पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) महसूस नहीं होगी। इस समय पानी की कमी होने से आपको सिरदर्द, चिंता, थकान, मूड में बदलाव और याददाश्त कमजोर होने के लक्षण महसूस हो सकते हैं।

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जबकि इस समय पानी अधिक मात्रा में पीने से आपको कब्ज और मूत्र मार्ग संक्रमण (Urinary tract infection: यूरिन इन्फेक्शन) के खतरा कम हो जाता है। सामान्यतः कहा जाता है कि 2 लीटर पानी रोज पीना चाहिए, लेकिन इसकी मात्रा हर गर्भवती महिला के लिए अलग-अलग हो सकती है। एक से दो लीटर पानी पीते समय आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि खाने और फलों से भी आपकी पानी की आवश्यकता पूरी होती है। 

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प्रेग्नेंसी में केला ऊर्जा प्रदान करने वाला फल माना जाता है। डिलीवरी के दौरान महिलाओं को थकान बहुत जल्द होती है। ऐसे में केला खाने से आपके शरीर को ऊर्जा मिलती है और आपकी थकान कम हो जाती है। आप केले को अपने नाश्ते में शामिल कर सकती हैं। (और पढ़ें - गर्भावस्था में थकान का इलाज)

अन्य खाद्य पादर्थ

  1. सूखे मेेवे
  2. एवोकाडो
  3. साबुत अनाज
  4. ओट्स 

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