दोस्त की बर्थडे पार्टी हो, भाई की सगाई या फिर किसी रिश्तेदार की शादी, एक पटियाला पैग तो बनता है। अक्सर इन लाइनों के साथ अधिकांश लोग शराब पीने का बहाना तलाशते हैं। वहीं, जब ऐसा कोई अवसर नहीं मिलता तो घर में वीकेंड की बात कहकर दोस्तों संग जाम छलकाते भी लोग मिल जाते हैं।

खैर आज सवाल यह नहीं कि शराब कितनी हानिकारक है, बल्कि आज बात इस मसले पर है कि कैसे शराब का सेवन कम करके आप फायदा उठा सकते हैं। अगर आपको यकीन नहीं आता तो आजमा कर देख लीजिए। वो भी महज 30 दिनों के लिए और इसके बाद फर्क और बदलाव आप खुद महसूस करेंगे। नहीं, तो हम आपको बताते हैं कि 30 दिन तक अल्कोहल का सेवन नहीं करने से आपके शरीर में कैसे सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं।

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लिवर को मिलता है फायदा
अल्कोहल का ज्यादा सेवन करने से लिवर सिरोसिस की समस्या आ सकती है। लिवर सिरोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लिवर के अंदर धीरे-धीरे खराबी आने लगती है और दीर्घकालिक क्षति (long term damage) के कारण लिवर सामान्य रूप से कार्य नहीं कर पाता है।

अमेरिका के ह्यूस्टन में यूटीहेल्थ के मैकगवर्न मेडिकल स्कूल में पैथोलॉजी और लेबोरेटरी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉक्टर अमिताव दासगुप्ता का कहना है कि लिवर सिरोसिस की समस्या महज एक दिन में नहीं आ सकती, बल्कि जो लोग ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन करते हैं (पुरुषों का एक दिन में दो बार से अधिक ड्रिंक करना और महिलाओं के लिए एक दिन में एक बार से अधिक ड्रिंक करना) उनके लिवर में वसा से जुड़े बदलाव आ जाते हैं, लेकिन जब कुछ दिन के लिए अल्कोहल का सेवन बंद करते हैं तो लिवर फिर से सामान्य प्रवृति में आ जाता है, क्योंकि लिवर में सहन करने की एक क्षमता होती है, जिससे शराब नहीं पीने की स्थिति में कुछ हफ्तों के भीतर लिवर में सकारात्मक परिवर्तन देखे जा सकते हैं।

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हृदय रोग का खतरा होता है कम
अल्कोहल को लिवर और डीहाइड्रोजेनेसिस नामक एक एंजाइम द्वारा मेटाबोलाइज्ड (चयापचय) किया जाता है, लेकिन जब आप अधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन करते हैं तो एंजाइम सैचुरेटेड हो जाते हैं और ऐसी स्थिति में एक अलग एंजाइम द्वारा चयापचय होता है।

डॉक्टर दासगुप्ता के मुताबिक जब चयापचय अलग तरह से होता है तो यह बहुत से फ्री रेडिकल्स या कणों का उत्पादन करता है। इन खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल यानि लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) को ऑक्सीडाइज के लिए जाना जाता है। डॉक्टर का कहना है कि जब एलडीएल, ऑक्सीडाइज होता है तो यह जाकर कैरोटिड आर्टरी (धमनी) पर जमा होता है।

दूसरी ओर, अगर आप संतुलित मात्रा में शराब का सेवन करते हैं तो एलडीएल पर अल्कोहल का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि इसके सेवन से अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ावा मिलता है। डॉक्टर दासगुप्ता बताते हैं कि हफ्ते में एक या दो बार शराब का सेवन करने से कई शारीरिक लाभ होते हैं। विशेषकर 40 साल की उम्र के पुरुषों में, जिनमें हृदय रोग का जोखिम कम हो जाता है। वहीं महिलाओं में उम्र की कोई सीमा नहीं है। मतलब अल्कोहल को संतुलित मात्रा में लिया जाए तो महिलाओं को किसी भी समय पर इसके लाभ मिलने की संभावना अधिक होती है।

कैंसर का जोखिम होता है कम
अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के नेशनल टॉक्सिकोलॉजी प्रोग्राम ने अपनी एक रिपोर्ट में शराब को ह्यूमन कार्सिनोजेन बताया है। यह एक ऐसा पदार्थ है, जो कैंसर के जोखिम को बढ़ावा देता है।

रिपोर्ट से पता चलता है कि रोजाना शराब का सेवन करने से व्यक्ति में कैंसर कारकों के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। शराब के अधिक सेवन से कई प्रकार के कैंसर का खतरा हो सकता है। जैसे -

  • लीवर कैंसर
  • ब्रेस्ट कैंसर
  • आंत का कैंसर
  • मुंह का कैंसर

अमेरिकन जरनल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित साल 2009 की रिपोर्ट के मुताबिक एक अनुमान से पता चलता है कि अमेरिका में शराब के सेवन के बाद कैंसर की वजह से 3.5 प्रतिशत लोगों की मौत हुई।

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वजन होता है कम
अगर आप कुछ दिनों के लिए शराब का सेवन बंद कर देते हैं तो उसके बाद कई शारीरिक लाभ मिल सकते हैं। अमेरिकन बोर्ड ऑफ ओबेसिटी मेडिसिन की मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर रेखा बी. कुमार का कहना है कि अल्कोहल में अधिक मात्रा में कैलोरी होती है और शराब व बीयर में शुगर भी मिलाया जाता है। इसलिए यह वजन कम करने में सहायक है या नहीं। यह कहना मुश्किल है।

लेकिन डॉक्टर रेखा बताती हैं कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि कितनी मात्रा में अल्कोहल लिया गया है। अगर ज्यादा शराब पीने वाले लोग एक लंबे समय के लिए अल्कोहल का सेवन करना छोड़ देते हैं तो उनमें वजन कम होने की संभावना दिखाई देती है।

रिपोर्ट के आधार पर देखा जाए तो शराब पीना नुकसानदायक जरूर है, लेकिन एक संतुलित मात्रा में पीने से कई तरह की बीमारियों के जोखिम भी कम हो सकते हैं। इसलिए अगर आप अल्कोहल का सेवन करते हैं तो सुंतलित मात्रा में पिएं, क्योंकि संतुलित पीओगे तो ज्यादा जीओगे।

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