शराब, सेहत के लिए कितनी हानिकारक है ये बताने की शायद ही ज़रूरत होगी क्योंकि इसके दुष्प्रभाव आपको अपने घर के आस-पास देखने को मिल ही जायेंगे। नहीं तो बाहर भी इसके नमूने आसानी से देखने को मिलते हैं। लोग शराब के लिए झूठ बोलकर भीख मांगते हैं। बीमार होने का झूठा नाटक करते हैं और थोड़े से पैसे पाते ही निकल पड़ते हैं ठेके की ओर।

पिछले 10,000 या उससे भी अधिक वर्षों से मनुष्य किसी न किसी रूप में मदिरा का सेवन करते आ रहे हैं, और तभी से उसके गुण और दोषों के बारे में चर्चा भी जारी है। हालांकि दुनिया में जो भी चीज़ बनी है उसके गुण और दोष दोनों ही पहलू होते हैं। और जैसा कि सभी जानते हैं कि हर चीज़ एक सीमा तक ही अच्छी होती है तो ऐसा ही कुछ शराब के साथ भी है।

यह कहना गलत नहीं होगा कि अल्कोहल, टॉनिक और ज़हर दोनों है। अंतर केवल खुराक का होता है। एक सीमित मात्रा में मदिरापान रक्त परिसंचरण के लिए अच्छा होता है, और संभवतः टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) और पित्त की थैली की पथरी से बचाता है।

शराब, दोगुली प्रकृति की होती है। मादक पेय पदार्थों में इथेनॉल नामक कण पाया जाता है, जो शरीर को कई अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करता है। यह पेट, मस्तिष्क, हृदय, पित्त की थैली और लिवर को प्रभावित करता है। यह रक्त में वसा (कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड) और इंसुलिन के स्तर को प्रभावित करता है। यह मूड और एकाग्रता पर भी प्रभाव डालता है।

शराब का सेवन कितनी उम्र के लोगों को और कितनी मात्रा में करना सुरक्षित होता ये उनकी उम्र और उनके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। इस सुरक्षित मात्रा का निश्चित अनुमान नहीं लगाया जा सकता। 2013 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार भारत में, शराब पीने की वजह से हर रोज 15 लोग मारे जाते हैं मतलब रोज़, हर 96 मिनट में एक व्यक्ति की मौत होती है।

इस लेख में कुछ शोधों के आधार पर हम आपको अल्कोहल के फायदे और नुकसान दोनों ही बता रहे हैं लेकिन फायदे बताने का हमारा लक्ष्य ये बिलकुल भी नहीं है कि पाठक शराब का सेवन करना शुरू कर दें या जो लोग करते हैं वो बेझिझक या और भी अधिक इसका सेवन करें।

वास्तव में शराब क्या कोई भी चीज़ एक सीमा तक ही अच्छी होती है। लेकिन भारत में अक्सर देखा गया है कि लोग गहराई से समझने के बजाय ऊपरी बातें सुनकर चीज़ों का उपयोग करने लगते हैं। ऐसा ही शराब के साथ न हो इसलिए ये जानना बेहद ज़रूरी है कि एक सीमित मात्रा में ही शराब के कुछ लाभ भी होते हैं लेकिन रोज़ाना इसका सेवन करना बेहद हानिकारक होता है। 

(और पढ़ें - शराब की लत छुड़ाने के घरेलू उपाय)

  1. सीमित मात्रा में अल्कोहल पीने के फायदे - Health benefits of drinking alcohol in moderation in Hindi
  2. अल्कोहल के नुकसान - Sharab peene ke nuksan in Hindi
  3. अल्कोहल के फायदे और नुकसान उम्र और स्वस्थ्य स्थितियों पर भी निर्भर करते हैं
शराब पीने के फायदे और नुकसान में क्या है सही संतुलन के डॉक्टर

उचित अनुपात में शराब का सेवन करने के फायदे इस प्रकार हैं लेकिन ध्यान रहे "सीमित मात्रा में"। अगर आप अल्कोहल के सेवन की सीमा निश्चित नहीं कर सकते तो आप इसके नुकसान भी पढ़ सकते हैं।

  1. हृदय रोगों के होने का खतरा कम होता है -
    हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ स्कूल में एक अध्ययन में पाया गया कि "सीमित मात्रा" में अल्कोहल का सेवन करने से अच्छे कोलेस्ट्रोल (Good Cholesterol- HDL) का स्तर बढ़ता है जो हृदय को रोगों के प्रति सुरक्षा प्रदान करता है। शराब की सीमित मात्रा से इंसुलिन में बेहतर संवेदनशीलता आती है जो रक्त के थक्के ज़माने वाले कारकों को प्रभावित करता है। इसके कारण हृदय की धमनियों, गर्दन और मस्तिष्क को ब्लॉक करने वाले थक्के नहीं जमते और हार्ट अटैक का खतरा भी कम होता है। (और पढ़ें - हाई कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय)
  2. जीवनकाल बढ़ा सकता है -
    कभी-कभी अल्कोहल पीने से आपकी जीवन अवधि में भी बढ़ौतरी होती है। एक अध्ययन में यह बताया गया है कि कभी-कभी ड्रिंक करने वाले पुरुषों द्वारा दिन में कम से कम दो ड्रिंक और महिलाओं के लिए एक या डेढ़ ड्रिंक पीने से मृत्यु की संभावना 18 प्रतिशत तक कम होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, "आमतौर पर खाना खाते समय थोड़ी मात्रा में ड्रिंक करना, वास्तव में ड्रिंक करने का सही तरीका होता है।"
  3. इससे कामेच्छा में भी सुधार होता है -
    एक नए शोध में यह पाया गया है कि जिस प्रकार रेड वाइन (Red wine) हृदय रोगों में फायदेमंद होती है ठीक उसी प्रकार मदिरापान से नपुंसकता में भी सुधार होता है। जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन में प्रकाशित 2009 के एक अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि शराब पीने वालों में 25 से 30 प्रतिशत तक नपुंसकता की समस्या में कमी आयी है। (और पढ़ें - कामेच्छा बढ़ाने के उपाय)
  4. सर्दी जुकाम से भी बचाता है -
    कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान विभाग के मुताबिक, जहां धूम्रपान की वजह से सर्दी जुकाम होने की सम्भावना बढ़ती है वहीं सीमित मात्रा में शराब का सेवन करने से आम सर्दी जुकाम बहुत कम होती है। यह अध्ययन 1993 में 391 वयस्कों के साथ आयोजित किया गया था। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, 2002 में स्पैनिश शोधकर्ताओं ने पाया कि हर हफ्ते आठ से 14 गिलास वाइन पीने से, विशेष रूप से रेड वाइन, मौसम बदलने पर होने वाली आम सर्दी खांसी में 60 प्रतिशत की कमी होती है। ऐसा अल्कोहल के एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण होता है। (और पढ़ें - सर्दी जुकाम के घरेलू उपाय)
  5. डिमेंशिया विकसित होने की संभावना कम होती है।
    न्यूरोसाइकैट्रिक डिसीज और ट्रीटमेंट के जर्नल में बताया गया है, कि सीमित मात्रा में मदिरा का सेवन अल्जाइमर रोग (Alzheimer's disease) और डिमेंशिया (Dementia) से ग्रस्त होने की संभावना 23 प्रतिशत कम करता है। "अल्कोहल की थोड़ी मात्रा, मस्तिष्क की कोशिकाओं को और अधिक मज़बूत बनाती है, जो तनाव आदि विकसित होने से रोकती है।"
  6. पित्त की थैली में पथरी होने के जोखिम को कम करता है।
    ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक, प्रति दिन दो यूनिट शराब पीने से पित्त की थैली में पथरी होने का खतरा कम होता है। लेकिन इस बात को हमेशा ध्यान रखिये कि अत्यधिक शराब का सेवन स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
  7. डायबिटीज की संभावना कम करता है।
    एक डच अध्ययन के अनुसार, स्वस्थ वयस्क जो प्रति दिन एक से दो गिलास ड्रिंक करते हैं, उनमें उन लोगों की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना कम होती है जो बिल्कुल नहीं पीते हैं। (और पढ़ें - डायबिटीज का आयुर्वेदिक इलाज)

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अगर सभी लोग, जो अल्कोहल का सेवन करते हैं वो एक दिन में एक ड्रिंक सीमित कर लें तो शायद किसी कार्डियोलॉजिस्ट, लिवर विशेषज्ञ और शराब का सेवन न करने की सलाह देने वालों की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन जो कोई भी शराब पीता है, वह सिर्फ एक ड्रिंक पर ही रुक जाये ऐसा बहुत ही कम होता है।

और गहरायी से देखा जाये तो अधिक मात्रा में शराब पीने से शरीर का बहुत नुकसान होता है। इससे लिवर सिरोसिस (Liver cirrhosis), लिवर में जलन और सूजन आदि समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जो घातक बीमारियां होती हैं। अधिक अल्कोहल के सेवन से हाई बीपी की समस्या और हृदय मांसपेशियों को नुकसान पहुंच सकता है। इसके कारण मुंह के कैंसर , ग्रसनी (Pharynx), कंठनली (Larynx), इसोफेगस (Esophagus), स्तन कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर (बड़ी आंत (Colon) तथा मलाशय (Rectum) का कैंसर) होने का खतरा बढ़ता है। (और पढ़ें - लिवर कैंसर)

  1. शराब, हिंसक अपराध के मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  2. वाहन दुर्घटनाओं में हर साल हज़ारों लोग मारे जाते हैं जिसमें शराब की अहम भूमिका होती है।
  3. यहां तक कि सीमित मात्रा में भी इसके सेवन से नींद पर प्रभाव पड़ता है। (और पढ़ें - नींद न आना)
  4. परिवार के किसी सदस्य को नशे की लत होने से भी यह आदत लग सकती है।
  5. यह सीधे मस्तिष्क पर प्रभाव डालता है। इसे पीने पर अलग अलग लोगों पर भिन्न भिन्न प्रभाव पड़ता है। कुछ लोग अधिक बोलने लगते हैं, कुछ डिप्रेस्ड लोग रोने लगते हैं। कुछ को गुस्से आदि का अनुभव होता है।
  6. स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ता है। इस बात का ठोस प्रमाण है कि शराब के सेवन से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। 320,000 से अधिक महिलाओं पर किये गए अध्ययनों में, शोधकर्ताओं ने पाया कि एक दिन में दो या अधिक से अधिक गिलास ड्रिंक करने से स्तन कैंसर होने की संभावना 41 प्रतिशत बढ़ जाती है।

इसलिए दोस्तों शराब की मात्रा सीमित करना मुश्किल हो सकता है। तो बेहतर होगा अगर आप शराब की लत न ही पालें। और अगर सेवन करें भी तो इसे लत न बनने दें, खुद पर इतना नियंत्रण रखें।

(और पढ़ें - बियर के फायदे)

अल्कोहल के फायदे और नुकसान उम्र और स्वस्थ्य स्थितियों पर भी निर्भर करते हैं। सामान्य तौर पर, जीवन के बीच के समय में, जब हृदय रोग की बीमारी होना शुरु होती है तब इसका सेवन अधिक प्रभाव डालता है। 

(और पढ़ें - हृदय को स्वस्थ रखने के लिए खाएं ये आहार)

  1. एक गर्भवती महिला और उसके अजन्मे बच्चे के लिए, एक शराबी के ठीक होने के लिए, लिवर की बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के लिए, और शराब के साथ एक या अधिक दवाएं लेने पर, थोड़ी मात्रा में अल्कोहल पीने से लाभ होता है और कुछ जोखिम भी होते हैं।
  2. 30 वर्षीय व्यक्ति के लिए, शराब से संबंधित दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है और सीमित मात्रा में सेवन करने से हृदय संबंधित लाभ होते हैं।
  3. 60 वर्षीय व्यक्ति के लिए, एक दिन में एक ड्रिंक लेने से हृदय रोगों के प्रति सुरक्षा बढ़ती है लेकिन केवल तब जब वो व्यक्ति शराब का शिकार नहीं है।
  4. 60 वर्षीय महिला के लिए, इसके लाभ / जोखिम की गणना करना थोड़ा जटिल होता है क्योंकि स्तन कैंसर (41,000) की तुलना में हृदय रोगों (460,000) से हर साल दस गुना अधिक महिलाएं मरती हैं। हालांकि, अध्ययनों से पता चलता है कि महिलाओं को हृदय रोग से अधिक खतरा स्तन कैंसर से ग्रस्त होने का होता है।

सारांश:

शरीर पर शराब के प्रभाव और पीने वाले लोगों की जटिलता को देखते हुए, अल्कोहल के बारे में आज भी हज़ारों प्रश्न ऐसे है जिनका एक निश्चित उत्तर देना संभव नहीं हो सकता क्योंकि हर किसी की अपनी निजी और पारिवारिक समस्याएं होती हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जिससे निजात पाने में डॉक्टर भी पूर्ण रूप से सहायता करने में सक्षम नहीं होते हैं क्योंकि ये सेवन करने वाले पर ही निर्भर करता है। 

यदि आप अल्कोहल नहीं पीते हैं, तो पीना शुरू करने की कोई आवश्यकता भी नहीं है। जो भी अल्कोहल पीने के ह्रदय के लिए फायदे हैं, वह सब आप एक अच्छी जीवनशैली से हासिल कर सकते हैं। 

हालांकि यदि आप शराब नहीं पीने वाले व्यक्ति हैं और आपको हृदय रोगों से ग्रस्त होने का खतरा अधिक है, तो प्रतिदिन एक ड्रिंक इस जोखिम को कम कर सकती है। अगर आपमें अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम है तो वो भी इससे बढ़ता है। महिलाएं जिन्होंने कभी शराब नहीं पी है, और अगर उन्हें हृदय रोग का मध्यम या उच्च जोखिम है, तो दैनिक पेय का संभावित ह्रदय के लिए लाभ की तुलना स्तन कैंसर के खतरे में वृद्धि से की जानी चाहिए। गौर करें कि यह केवल जो कुछ शोध में पाया गया उसकी एक रिपोर्ट है न कि शराब पीने की लिए बढ़ावा।

यदि आप पहले से ही शराब पीते हैं या शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो इसे सीमित रखें। पुरुषों को एक दिन में दो से अधिक और महिलाओं को एक दिन में एक से अधिक गिलास अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए।

Dr. Supriya Shirish

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संदर्भ

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