अमालगम टैटू क्या होता है?
अमालगम टैटू मुंह से संबंधित समस्या (ओरल प्रॉब्लम) है। इस दौरान मुंह में किसी सीमित या निर्धारित जगह पर नीला, काला या ग्रे रंग का पिग्मेंटेशन हो जाता है जो आमतौर पर जबड़ों के आसपास होता है। अमालगम एक तरह का मिश्रित धातु है जिसे डेंटल प्रक्रिया के दौरान ओरल टिशूज के अंदर स्थापित किया जाता है। अमालगम टैटू आमतौर पर बक्कल म्यूकोसा (गाल की अंदरुनी परत में), जिंजिवा (मसूड़ों में) और ऐल्विओलर रिज में स्थित होता है। यह धब्बे मुंह में कहीं भी, कुछ मिलीमीटर से लेकर काफी बड़े आकार के हो सकते हैं जो कि पिग्मेंटेशन वाले क्षेत्रों में फैले होते हैं। ये एकदम फ्लैट मैक्यूल यानी सपाट चित्ती या चकत्ते की तरह दिखाई देते हैं।

हालांकि अमालगम टैटू शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है लेकिन मुंह के अंदर किसी नए स्पॉट का पता चलना कुछ मामलों में खतरनाक भी हो सकता है। इसके अलावा, कुछ अमालगम टैटू म्यूकोसल मेलानोमा की तरह भी दिखाई दे सकते हैं।

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अमलगम टैटू का कारण - Amalgam Tattoo Causes in Hindi

अमालगम धातुओं का मिश्रण है, जिसमें मर्क्यरी (पारा), टिन और चांदी शामिल होता है। डेंटिस्ट कभी-कभार इसका उपयोग दांतों की कैविटी को भरने के लिए करते हैं। कैविटी को भरने की प्रक्रिया के दौरान कई बार छिटपुट अमालगम के कण व्यक्ति के मुंह में मौजूद ऊतकों के पास पहुंच जाते हैं। यह उस समय भी हो सकता है जब आप अपने अमालगम वाले दांत की फिलिंग को हटवाएं या फिर पॉलिश करवाएं। इस दौरान ये कण आपके मुंह में मौजूद ऊतकों के अंदर रिस जाते हैं जहां वे गहरे रंग के धब्बे बन जाते हैं जिसे अमालगम टैटू कहते हैं। इन अमालगम टैटू का कोई लक्षण नहीं होता क्योंकि इस दौरान ना ही किसी प्रकार का उभार महसूस होता और ना ही दर्द। इसके अलावा समय के साथ ना ही इन धब्बों से खून निकलता है और ना ही ये आकार में बढ़ते हैं।

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अमलगम टैटू का निदान - Amalgam Tattoo Diagnosis in Hindi

इससे जुड़े ज्यादातर मामलों में, आपके डॉक्टर या दंत चिकित्सक केवल देखकर ही अमालगम टैटू को डायग्नोज कर सकते हैं। विशेषकर उस स्थिति में जब आपने हाल ही में दांतों में अमालगम फिलिंग का काम कराया हो। इसके अलावा, कभी-कभी, डॉक्टर इन धब्बों में धातु की मौजूदगी का पता लगाने के लिए एक्स-रे की भी मदद लेते हैं। लेकिन अगर डॉक्टर ये अनुमान लगाने में असंतुष्ट हैं कि ये धब्बे अमालगम टैटू ही हैं या फिर कुछ और तो वे बायोप्सी की मदद ले सकते हैं। इस दौरान धब्बे से एक छोटा सा टीशू सैंपल लिया जाता है जिसकी जांच की जाती है, यह देखने के लिए इसमें कैंसर कोशिकाएं मौजूद हैं या नहीं। ओरल बायोप्सी से ये भी जानने में मदद मिलेगी कि यह मेलानोमा या किसी अन्य प्रकार का कैंसर तो नहीं है।

अमलगम टैटू का इलाज - Amalgam Tattoo Treatment in Hindi

दरअसल अमालगम टैटू, किसी भी प्रकार की कोई स्वास्थ्य समस्या पैदा नहीं करता इसलिए अमालगम टैटू के इलाज की जरूरत नहीं होती। हालांकि, इन धब्बों को कॉस्मेटिक कारणों के चलते हटाया जा सकता है। इसके लिए आपके डॉक्टर लेजर ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करते हुए इन धब्बों को हटा सकते हैं। इसके लिए डायोड लेजर की मदद ली जाती है जिससे प्रभावित हिस्से की त्वचा कोशिकाएं उत्तेजित हो जाती हैं और वहां पर फंसे अमालगम के कण को बाहर निकालना आसान हो जाता है। हालांकि लेजर उपचार के बाद, आपको कुछ हफ्तों के लिए बहुत नरम टूथब्रश का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है ताकि नई कोशिकाओं के विकास में मदद मिल सके।

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