बिनाइन कंजेनाइटल हाइपोटोनिया (शिशु की मांसपेशियों में कमजोरी) - Benign Congenital Hypotonia (BCH) in Hindi

Dr. Pradeep JainMD,MBBS,MD - Pediatrics

January 04, 2020

March 06, 2020

बिनाइन कंजेनाइटल हाइपोटोनिया
बिनाइन कंजेनाइटल हाइपोटोनिया

बिनाइन कंजेनाइटल हाइपोटोनिया क्या है?

हाइपोटोनिया का मतलब मांसपेशियों में कमजोरी से है। इस बीमारी से ग्रसित बच्चे को जब गोद में उठाते हैं तो बच्चे का शरीर एक्टिव रहने की बजाय ढीला रहता है। हो सकता है कि इस बीमारी से ग्रस्त शिशु अपने घुटनों और कोहनी को मोड़ने में सक्षम न हो। इस स्थिति को फ्लॉपी बेबी सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। डॉक्टर बच्चे के जन्म के बाद कुछ मिनट के अंदर ही इस बीमारी का निदान कर सकते हैं। वे जन्म के एक मिनट और फिर पांच मिनट बाद शिशु की मांसपेशियों की जांच करते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में हाइपोटोनिया के लक्षण थोड़ी देर से पता चलते हैं, लेकिन आमतौर पर छह माह की उम्र तक इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। कमजोर मांसपेशियां मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी या नसों से जुड़ी किसी समस्या का संकेत हो सकती हैं। फिजिकल थेरेपी और अन्य उपचारों की मदद से कमजोर मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ-साथ उनमें बेहतर तालमेल बैठाने में मदद मिल सकती है।

बिनाइन कंजेनाइटल हाइपोटोनिया के लक्षण

शिशुओं और बच्चों में हाइपोटोनिया के लक्षण इस प्रकार हैं:

  • कमजोरी या अंगों पर नियंत्रण न रख पाना
  • बच्चे के ग्रॉस मोटर स्किल में देरी होना (हाथ-पैर से कोई काम न कर पाना)
  • फाइन मोटर स्किल (आंखों और हाथ-पैरों का तालमेल) में देरी

अगर ये स्थिति बच्चों के अलावा बड़ों को प्रभावित करती है तो इसके लक्षण इस प्रकार हैं:

  • मांसपेशियां कमजोर होना
  • ताकत में कमी आना
  • प्रतिक्रिया देने में असमर्थ होना
  • शरीर में अत्यधिक लचीलापन
  • बोलने में कठिनाई
  • संतुलन बिगड़ना

बिनाइन कंजेनाइटल हाइपोटोनिया के कारण

तंत्रिका तंत्र या मांसपेशीय तंत्र में समस्या के कारण हाइपोटोनिया हो सकता है। कभी-कभी यह समस्या किसी चोट, बीमारी या जेनेटिक गड़बड़ी के कारण हो सकती है। कुछ मामलों में इसके कारण का पता नहीं चल पाता है। कई बार अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से इसका संबंध हो सकता है, जैसे कि:

  • जन्म से तुरंत पहले या बाद में ऑक्सीजन की कमी के कारण मस्तिष्क को नुकसान पहुंचना 
  • गर्भ में मस्तिष्क के बनने के तरीके में कोई समस्या
  • ऐसे विकार, जो तंत्रिकाओं को प्रभावित करते हैं 
  • ऐकोन्ड्रोप्लेजिया (हड्डियों के विकास से जुड़ा विकार)
  • रीढ़ की हड्डी में चोट
  • सेरेब्रल पाल्सी (मांसपेशियों की मूवमेंट और तालमेल को प्रभावित करने वाले विकारों का समूह)
  • गंभीर संक्रमण

कुछ बच्चों में सीखने की क्षमता में कमी या विकास में थोड़ी देरी हो सकती है। 

बिनाइन कंजेनाइटल हाइपोटोनिया का इलाज 

इसका इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि बच्चा कैसे इस बीमारी से प्रभावित हुआ है। बच्चे का स्वास्थ्य और किसी थेरेपी में भाग लेने की उसकी क्षमता से ही उसके लिए कोई ट्रीटमेंट प्लान बनाया जाता है।
  • बच्चे की क्षमता के आधार पर, डॉक्टर उसे सही तरह से बैठने, चलने या किसी खेल में हिस्सा लेने के लिए कहते हैं। कुछ मामलों में, बच्चे को तालमेल बैठाने और अन्य फाइन मोटर स्किल्स में मदद की जरूरत पड़ सकती है।
  • हाइपोटोनिया की गंभीर स्थिति से ग्रस्त बच्चों को गतिविधियां करने के लिए व्हीलचेयर की आवश्यकता हो सकती है। क्योंकि यह स्थिति जोड़ों को बहुत ढीला कर देती है। इसमें जोड़ों का खिसकना आम बात है।



बिनाइन कंजेनाइटल हाइपोटोनिया (शिशु की मांसपेशियों में कमजोरी) के डॉक्टर

Dr. Mayur Kumar Goyal Dr. Mayur Kumar Goyal पीडियाट्रिक
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