वैज्ञानिकों ने कई प्रकार के कैंसरों के इलाज के लिए दो नई दवाओं का कॉम्बिनेशन के रूप में ट्रायल किया है, जिसके परिणाम सकारात्मक मिले हैं। इन ड्रग्स के नाम हैं ओलापैरिब और कैपिवैजरटिब। ओलापैरिब ओवेरियन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए पहले स्वीकृत और प्रचलित ड्रग है। वहीं, कैपिवैजरटिब एक नई दवा है, जिसे लेकर वैज्ञानिकों का कहना है इसे ओलापैरिब के साथ मिलाकर देने से मल्टीपल कॉमन कैंसर का इलाज किया जा सकता है।  

ब्रिटेन के लंदन शहर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च और रॉयल मैर्सडन एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के शोधकर्ताओं ने इन दोनों दवाओं के कॉम्बिनेशन से कैंसर से होने वाली दो बुनियादी कमजोरियों को टार्गेट करने का प्रयास किया है। दरअसल, कैंसर होने पर पीड़ित के शरीर का वह सिस्टम क्षतिग्रस्त हो जाता है, जो डीएनए को रिपेयर करने का काम करता है और शरीर 'एकेटी' नामक मॉलिक्यूल का आदी हो जाता है जो कैंसर ट्यूमर को बढ़ाने का में मदद करता है।

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शोधकर्ताओं ने कैंसर होने पर शरीर में पैदा होने वाली इन्हीं दो कमजोरियों को टार्गेट करने के लिए नया ड्रग कॉम्बिनेशन तैयार किया है। उनका दावा है कि यह मिश्रण सुरक्षित है और टार्गेट पर सफलतापूर्वक हमला करता है। इन विशेषज्ञों की मानें तो कई एडवांस कैंसरों के खिलाफ यह मिश्रण प्रभावी पाया गया है। इनमें वे कैंसर भी शामिल हैं, जिन पर कीमोथेरेपी से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

यह महत्वपूर्ण जानकारी कैंसर से जुड़े विषयों की चर्चित पत्रिका 'कैंसर डिस्कवरी' में प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, परिणामों से उत्साहित शोधकर्ताओं ने कहा है कि शुरुआती स्टेज के परीक्षणों में मिली सफलता के बाद नए ड्रग्स कॉम्बिनेशन को बड़े स्तर के ट्रायलों में आजमाने की तैयार की जा चुकी है। 

शुरुआती ट्रायलों के परिणाम?
प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, पहले चरण के ट्रायल में शोधकर्ताओं ने ऐसे 64 मरीजों को यह नया ड्रग कॉम्बिनेशन दिया, जो कैंसर के एडवांस सॉलिड ट्यूमर्स से पीड़ित थे। इन लोगों में ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर के मरीज शामिल थे। सभी को ओलापैरिब और कैपिवैजरटिब का मिश्रण दिया गया। विश्लेषण के दौरान पता चला कि एकसाथ दिए जाने पर दोनों ड्रग्स सहे या झेले जा सकते हैं, यानी वे पीड़ितों के लिए सुरक्षित हैं।

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रिपोर्ट में पाया गया कि ट्रायल में शामिल 64 मरीजों में से 56 के शरीर में इन ड्रग्स से पैदा हुए रेस्पॉन्स को आंका जा सकता था। इस आंकलन में पता चला कि इन 56 मरीजों में से 25 को नए ड्रग ट्रीटमेंट से फायदा हुआ है। जांच के दौरान शोधकर्ताओं ने जाना कि दवाओं के मिश्रण के प्रभाव में इन 25 मरीजों के कैंसर ट्यूमर या तो सिकुड़ गए या उनकी ग्रोथ रुक गई, जोकि एक सकारात्मक संकेत है।

अध्ययन के दौरान यह भी पता चला कि इन सभी कैंसर पीड़ितों में से कुछ ऐसे भी थे, जिनके शरीर ने कीमोथेरेपी में भी रेस्पॉन्स देना बंद कर दिया था। उनका कैंसर दवा-रोधी हो चुका था, इसलिए कीमोथेरेपी के अलावा अलग-अलग ट्रीटमेंट में भी प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था। ऐसी स्थिति में कैंसर का इलाज बहुत मुश्किल हो जाता है। नए ड्रग्स कॉम्बिनेशन के प्रभाव में जिन मरीजों के शरीर ने प्रतिक्रिया दी, उनके डीएनए रिपेयरिंग से जुड़े कई वंशाणु तक में बदलाव हो गए थे। 

इन शुरुआती सकारात्मक क्लिनिकल एविडेंस के आधार पर शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि ओलापैरिब और कैपिवैजरटिब में एक मिश्रण के रूप में कैंसर के खिलाफ काम करने की क्षमता है और यह उन मरीजों की हालत में भी सुधार कर सकता है, जिनका कैंसर दवाएं देने पर भी रेस्पॉन्ड नहीं करता।

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