अमेरिका में कोविड-19 वैक्सीन की संभावित वैक्सीन को अंतिम ट्रायल के पूरा होने से पहले ही आपातकालीन मंजूरी दिए जाने की एफडीए की मंशा को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गंभीरता से लिया है। उसने चेतावनी देते हुए कहा है कि किसी संभावित कोविड-19 की वैक्सीन को इस तरह आपातकालीन अधिकृत किया जाना बहुत ज्यादा गंभीर और विपरीत प्रतिफल देखने को मिल सकते हैं। गौरतलब है कि शीर्ष अमेरिकी ड्रग एजेंसी एफडीए के प्रमुख स्टीफन हान ने हाल में कहा कि वे कोरोना वायरस की वैक्सीन को क्लिनिकल ट्रायल के पूरा होने से पहले तेजी से अप्रूव किए जाने पर विचार कर रहे हैं। हान ने कहा कि अगर वैक्सीन को उपयुक्त माना जाता है तो वे इस बारे में विचार कर सकते हैं। एफडीए प्रमुख के मुताबिक, ऐसा वैज्ञानिक और मेडिकल सबूतों की जानकारी के साथ किया जाएगा।

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प्रतिष्ठित ब्रिटिश अखबार फाइनैंशियल टाइम्स को इंटरव्यू देते हुए स्टीफन हान ने यह बयान दिया था। इसके प्रकाशन के बाद अमेरिका समेत दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों और संगठनों के बीच हलचल देखने को मिल रही है। इसी सिलसिले में डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि हर देश को बिना विस्तृत ट्रायलों के ड्रग्स को अप्रूव करने की अनुमति है, लेकिन ऐसा करना कोई हल्की बात नहीं है। रूस इसके उदाहरण के रूप में लिया जा सकता है। वहां ठीक प्रकार से सभी ट्रायल किए बिना ही वैक्सीन अप्रूव कर दी गई, जिस पर अब तक कई सवाल खड़े किए जा चुके हैं।

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इस समय अमेरिकी दवा कंपनी मॉडेर्ना समेत दुनिया की कम से कम चार वैक्सीन में कोविड-19 को खत्म करने की क्षमता होने का दावा किया जा रहा है। ये सभी तीसरे और अंतिम ट्रायल से गुजर रही हैं। एफडीए के प्रमुख के रूप में स्टीफन हान का कहना था कि कोविड-19 की इस तरह की संभावित वैक्सीन के लोगों के बीच वितरण के लिए हरी झंडी देने का मतलब संपूर्ण मंजूरी देना नहीं है। उनका तर्क था, 'हमारी आपातकालीन अनुमति का मतलब फुल अप्रूवल नहीं है। उसके लिए कानूनी, मेडिकल और वैज्ञानिक मानक यह है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के समय इसका ज्यादा लाभ मिलता है।'

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गौरतलब है कि हाल में एफडीए ने कोविड-19 के इलाज के लिए कॉन्वलेसेंट प्लाज्मा थेरेपी को भी इसी तरह आनन-फानन में स्वीकृति दे दी थी। हालांकि वहां के कई सरकारी और निजी मेडिकल विशेषज्ञों ने इस पर चिंता जताई थी और कहा था कि अमेरिका में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना संक्रमण से ग्रस्त लोगों के ठीक होने के साक्ष्य पर्याप्त नहीं हैं। ऐसा कहने वालों में डब्ल्यूएचओ की सौम्या स्वामीनाथन भी शामिल थीं। लेकिन इसके बावजूद एफडीए ने थेरेपी को मंजूरी दे दी, जिसके पीछे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हाथ बताया गया था, जो प्लाज्मा थेरेपी को अप्रूवल देने को लेकर एफडीए पर लगातार दबाव बना रहे थे। अब संभावित कोविड वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने के पीछे भी उनका नाम लिया जा रहा है।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: अमेरिका में अंतिम ट्रायल से पहले ही संभावित वैक्सीन को एफडीए से मिल सकता है अप्रूवल, डब्ल्यूएचओ ने चिंता जताते हुए चेतावनी दी है

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