बच्चों में "मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम" (एमआईएस-सी) का पता चलने के महीनों बाद, स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी जारी की है कि ऐसी ही एक मिलती जुलती स्थिति वयस्कों को भी परेशानी में डाल सकती है। दरअसल बीते 2 अक्टूबर को अमेरिकी एजेंसी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र यानी सीडीसी ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें एजेंसी ने "वयस्कों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम" या एमआईएस-ए का जिक्र किया था।
बच्चों और वयस्कों में गंभीर बीमारी
सीडीसी ने रिपोर्ट में बताया कि बच्चों में होने वाले एमआईएस-सी सिंड्रोम की ही तरह वयस्कों में होने वाला एमआईएस-ए एक गंभीर बीमारी है जो एक साथ कई अंगों को प्रभावित करती है और शरीर में बढ़ती सूजन (इन्फ्लेमेशन) का कारण बनती है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन दोनों ही सिंड्रोम में या तो बहुत से मरीज सार्स-सीओवी-2 वायरस (कोविड-19 के लिए जिम्मेदार वायरस) के लिए पॉजिटिव टेस्ट होते हैं या इसके खिलाफ उनके शरीर में एंटीबॉडी मौजूद होता है जो हाल ही में हुए संक्रमण का संकेत देता है। बच्चों में हुई बीमारी की ही तरह मौजूदा समय में एमआईएस-ए सिंड्रोम भी एक दुर्लभ बीमारी है। सीडीसी की नई रिपोर्ट में एमआईएस-ए के करीब दो दर्जन मामलों की पुष्टि हुई है।
सीडीसी के जर्नल मॉरबिडिटी एंड मॉर्टेलिटी वीकली रिपोर्ट में प्रकाशित नई रिपोर्ट में डॉक्टरों से अपील की गई है कि वे अनुरूप संकेतों और लक्षणों वाले वयस्कों में एमआईएस-ए की जांच (डायग्नोसिस) पर विचार करें। शोधकर्ताओं ने अपने निष्कर्ष में बताया कि आखिरकार एमआईएस-ए की पहचान, इस बात की जरूरत पर जोर देती है कि सार्स-सीओवी-2 वायरस को फैलने से रोकना कितना जरूरी है।
वयस्कों में होने वाला रहस्यमय सिंड्रोम?
रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों में पहली बार एक रहस्यमय इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम का प्रभाव कुछ महीनों पहले वसंत ऋतु के समय देखा गया था जिसे डॉक्टरों ने एमआईएस-सी यानी "मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चिल्ड्रन" का नाम दिया था। बच्चों में पाए जाने वाला यह दुर्लभ सिंड्रोम जो एक साथ कई अंगों को प्रभावित करते हैं, उसमें अक्सर प्रभावित बच्चे को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ती है। सीडीसी के अनुसार एमआईएस-सी से पीड़ित बच्चों में कई तरह के लक्षण हो सकते हैं जैसे बुखार, पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, गर्दन में दर्द, लाल चकत्ते, आंखों में खून और थकान आदि। सीडीसी के अनुसार, अमेरिका में एमआईएस-सी के अब तक 935 मामलों की पुष्टि हुई है जिसमें 19 मौतें दर्ज हैं। आधिकारिक रूप से देखा जाए तो एमआईएस-सी 20 साल तक के लोगों को प्रभावित करता है जिसमें बच्चे, किशोर और युवा वयस्क शामिल हैं।
वयस्कों में एमआईएस-ए का मतलब क्या है?
लेकिन गर्मियों का मौसम आते-आते वयस्कों में भी इसी तरह के सिंड्रोम के मामले सामने आने लगे। सीडीसी की नई रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका और यूके में एमआईएस-ए से जुड़े 27 मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से 16 मामलों की विस्तार से जानकारी दी गई है। वहीं 9 मामलों को आधिकारिक तौर पर सीडीसी को रिपोर्ट भी किया गया था जिनमें से 7 मामलों को केस रिपोर्ट में प्रकाशित भी किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार 16 मामलों में मरीजों की उम्र 21 से 50 साल के बीच थी। इसमें से यूके में सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया जबकि बाकी मामले अमेरिका में दर्ज किए गए थे।
वयस्कों में दिखने वाले कुछ लक्षण बच्चों के सिंड्रोम जैसे ही
रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ वयस्क मरीजों में बच्चों में देखे जाने वाले लक्षण थे जिसमें बुखार, चकत्ते और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जठरांत्र से जुड़ा) लक्षण शामिल है। वहीं, कुछ रोगियों ने सीने में दर्द या दिल की धड़कन तेज होने की भी बात कही थी। इसके अलावा सभी मामलों में अत्याधिक सूजन का पता चला था। रिपोर्ट से पता चला है कि ये सभी मरीज या तो कोविड-19 पॉजिटिव थे या एंटीबॉडी टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे। इसमें से 10 मरीजों को आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत पड़ी थी और 2 मरीजों की मौत हो गई थी।
निष्कर्ष बताते हैं कि वर्तमान या पिछले सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के साथ सभी उम्र के वयस्क रोगियों को एमआईएस-सी के समान एक हाइपरइन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम होने का खतरा है। शोधकर्ताओं ने बताया कि जिन कोविड-19 से संक्रमित रोगियों को अस्पताल में भर्ती किया गया था उन्होंने फेफड़ों के अलावा भी कई अंगों में सूजन का अनुभव किया। हालांकि, ज्यादातर मामलों में ये प्रभाव गंभीर श्वसन समस्याओं के साथ जुड़े थे। लेकिन एमआईएस-ए के रोगियों में गंभीर श्वसन लक्षण नहीं दिखाए दिए। 16 रोगियों में से, आधे में कोई श्वसन लक्षण नहीं था और आधे में केवल हल्के लक्षण थे।
रिपोर्ट की मानें तो एमआईएस-सी (बच्चों में होने वाला सिंड्रोम) और एमआईएस-ए (वयस्कों में होने वाला सिंड्रोम) होने का अंतर्निहित कारण क्या है ये अभी तक पता नहीं चला है। वर्तमान रिपोर्ट में 30% वयस्क और एमआईएस-सी से ग्रसित 440 बच्चों के नमूने में से 45% सार्स-सीओवी-2 टेस्ट में नेगेटिव पाए गए थे। लेकिन एंटीबॉडी टेस्ट में ये पॉजिटिव पाए गए। इससे यह पता चलता है कि एमआईएस-ए और एमआईएस-सी कोविड-19 के बाद होने वाला संक्रमण है। हालांकि बीमारी के सटीक कारणों और लंबे प्रभावों को समझने के लिए आगे और अधिक शोध की आवश्यकता है।