इन दिनों चारों तरफ कोविड-19 बीमारी की ही चर्चा हो रही है और हो भी क्यों न! इसने दुनियाभर के करीब आधे से ज्यादा देशों में पूरी तरह से लॉकडाउन जो करवा दिया है। करोड़ों लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, लाखों लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं, हजारों लोगों की जान जा चुकी है और लाखों लोग सेल्फ-क्वारंटाइन व आइसोलेशन में हैं। वैसे तो सार्स-सीओवी-2 नाम के वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकती है। लेकिन इसके बारे में अब तक हो चुकी कई स्टडीज की मानें तो जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है जैसे- हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज है, उन्हें कोविड-19 इंफेक्शन होने का खतरा काफी अधिक है।

  1. इंसान से इंसान में तेजी से फैलता है कोविड-19 संक्रमण
  2. डायबिटीज के मरीजों की स्थिति गंभीर होने का खतरा
  3. ग्लूकोज का लेवल हो जाता है अनियंत्रित
  4. टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज
  5. डायबिटीज के मरीज कोविड-19 से कैसे सुरक्षित रहें
  6. सावधान! डायबिटीज के मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक है कोविड-19 संक्रमण के डॉक्टर

कोविड-19 श्वास संबंधी बीमारी है जो इन दिनों इंसान से इंसान में तेजी से फैल रही है और दुनियाभर के लाखों लोग बीमारी की वजह से संक्रमित हो चुके हैं। लेकिन आंकड़ों की मानें तो अब तक कोविड-19 संक्रमण की वजह से जितने लोगों की मौत हो चुकी है, उसमें से करीब 35.5 प्रतिशत लोग डायबिटीज के मरीज थे।

इंटरनेशनल डायबिटीज फाउंडेशन आईडीएफ की मानें तो वैसे मरीज जिन्हें डायबिटीज है उन्हें अगर किसी भी तरह का वायरल इंफेक्शन हो जाए, जिसमें सार्स-सीओवी-2 वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 भी शामिल है तो उनका इलाज करना मुश्किल होता है क्योंकि -

  • डायबिटीज के मरीज का इम्यून सिस्टम पहले से कमजोर होता है, जिससे उसका शरीर वायरस से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता और इस वजह से मरीज का रिकवरी का समय काफी लंबा हो जाता है।
  • अगर व्यक्ति के शरीर के अंदर ब्लड शुगर का लेवल बढ़ा हुआ हो तो यह वायरस के लिए मुफीद माहौल होता है, जिससे उसे पनपने का पूरा मौका मिलता है।
  • डायबिटीज के मरीजों के शरीर में इन्फ्लेमेशन यानी सूजन और जलन की समस्या भी अधिक होती है। ऐसे में अगर मरीज को वायरल इंफेक्शन हो जाए तो वह आसानी से निमोनिया बन सकता है।
  • डायबिटीज के मरीज को जब वायरल इंफेक्शन होता है तो उनके शरीर का ब्लड शुगर लेवल काफी बढ़ जाता है, जिससे उन्हें कई और तरह की गंभीर समस्याएं (कॉम्प्लिकेशन) हो सकते हैं।
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Madhurodh Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को डायबिटीज के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

लिहाजा इस वक्त जब कोविड-19 बीमारी नहीं, बल्कि वैश्विक महामारी बन चुकी है, डायबिटीज के मरीजों को अपना ज्यादा ध्यान रखना चाहिए और कई जरूरी दिशा-निर्देश भी फॉलो करने चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने भी कहा है कि वैसे लोग, जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है और जिन्हें पहले से डायबिटीज, हाई बीपी, हृदय रोग जैसी समस्या है उन्हें अगर यह वायरस संक्रमित कर देता है तो उनके लक्षण बिगड़ने और स्थिति गंभीर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

डायबिटीज, टाइप 1 और टाइप 2 दोनों का ही संबंध शरीर के ब्लड शुगर लेवल से है। जब आपके शरीर में इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन कम होता है या बिलकुल नहीं होता तो शरीर में मौजूद ग्लूकोज का लेवल अनियंत्रित होने लगता है। साथ ही ग्लूकोज जिसका इस्तेमाल कोशिकाएं शरीर को ऊर्जा देने के लिए करती हैं, वह ग्लूकोज खून में बनने लगता है। इसलिए डायबिटीज के बहुत से मरीजों को इंसुलिन का इंजेक्शन भी लेना पड़ता है, ताकि ग्लूकोज के लेवल को मैनेज किया जा सके।

टाइप 1 डायबिटीज में शरीर का इम्यून सिस्टम ही इंसुलिन बनाने वाले अग्नाशय में मौजूद कोशिकाओं पर हमला करता है, जिससे शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है और इसलिए मरीज को हर दिन इंसुलिन लेना पड़ता है। लेकिन टाइप 2 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन कम बनाता है या सही ढंग से नहीं बना पाता। टाइप 2, डायबिटीज का सबसे कॉमन फॉर्म है और इसके मरीजों की तादाद भी ज्यादा है।

सभी जरूरी कदम उठाएं

बाकी लोगों की ही तरह डायबिटीज के मरीजों को भी कोविड-19 से बचने के लिए मूलभूत जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। इसका मतलब है अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन-पानी या एल्कोहल बेस्ड सैनेटाइजर से साफ करते रहना, आंख, नाक, मुंह को गंदे हाथों से न छूना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखना, घर में मौजूद सभी चीजों और सतहों को साफ रखना, अगर घर में भी किसी को सांस संबंधी बीमारी के कोई लक्षण दिखें तो उससे दूर रहना।

इंसुलिन और जरूरी दवाइयों का पूरा स्टॉक रखें

इस वक्त कोविड-19 का संक्रमण अपने चरम पर है, इसलिए जहां तक संभव हो डायबिटीज के मरीजों को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। इसके लिए उन्हें अपनी जरूरी दवाइयों, इंसुलिन के साथ-साथ खाने-पीने की चीजों की पूरी सप्लाई घर में ही रखनी चाहिए।

डॉक्टर के साथ संपर्क में रहें

अगर आपको महसूस हो कि आपकी तबियत खराब हो रही है या फिर अगर आपको खुद में कोविड-19 के लक्षण नजर आते हैं, सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज में किसी भी तरह की देर न करें। अगर आपको सेल्फ-क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी गई है तो डॉक्टर और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशों का भी पालन करें।

Dr. Narayanan N K

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