परिचय
टाइप 1 मधुमेह दुनियाभर में डायबिटीज के सभी मामलों में काफी कम पाया जाने वाला रोग होता है। टाइप 1 मधुमेह तब होता है, जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली अग्न्याशय मे मौजूद कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। ये कोशिकाएं इन्सुलिन बनाने का काम करती हैं। टाइप 1 डायबिटीज को “इन्सुलिन डिपेंडेन्ट डायबिटीज” (इन्सुलिन पर निर्भर मधुमेह) भी कहा जाता है।
ज्यादातर लोग समझते हैं कि टाइप 1 मधुमेह बचपन में होने वाला रोग है, जबकि ऐसा नहीं है यह बचपन में होने वाला रोग नहीं है। यह किसी भी उम्र या नस्ल के व्यक्ति को हो सकता है। वास्तव में बच्चों के मुकाबले वयस्कों में टाइप 1 मधुमेह अधिक पाया जाता है। हालांकि पहले इस रोग को “जुवेनाइल डायबिटीज” (बचपन का मधुमेह) के नाम से जाना जाता था।
टाइप 1 मधुमेह से जुड़े लक्षणों में अधिक प्यास लगना, अधिक पेशाब आना, वजन घटना, बहुत थकान होना और बार-बार मूड बदलना आदि शामिल है। मधुमेह का पता लगाने के लिए ज्यादातर मामलों में खून टेस्ट किया जाता है। टाइप 1 मधुमेह के कारण शरीर में होने वाली क्षति का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपके कुछ अन्य टेस्ट भी कर सकते हैं।
टाइप 1 मधुमेह के इलाज में मरीज को इन्सुलिन देना और उसकी जीवनशैली में कुछ बदलाव करना आदि शामिल है। टाइप 1 मधुमेह होने से कई जटिलताएं पैदा हो जाती हैं, जैसे पैर, नसों, आंखों या फिर किडनी में किसी प्रकार की क्षति होना।
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