डुएन सिंड्रोम (डीएस) आंखों से जुड़ा एक दुर्लभ विकार है, जिसे डुएन रिट्रैक्शन सिंड्रोम भी कहा जाता है। यह एक ऐसी जन्मजात स्थिति है, जिसमें आंखों को सामान्य रूप से नहीं हिलाया जा सकता है। इसमें आंखों की आसपास की मांसपेशियां और नसें एक साथ अच्छी तरह से काम नहीं करती हैं, जिस कारण आंखों की गतिविधियां सीमित हो जाती हैं।

आमतौर पर, डुएन सिंड्रोम व्यक्ति की केवल एक आंख को प्रभावित करता है, इसमें विजन लॉस (देखने की क्षमता में कमी) की समस्या हो सकती है। ज्यादातर मामलों में, कोई अन्य लक्षण अनुभव नहीं किया गया है।

यह तब होता है जब गर्भावस्था के दौरान आंख की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली नसें सामान्य रूप से विकसित नहीं होती हैं या पूरी तरह से गायब होती हैं।

डीएस में अंधेपन की समस्या नहीं होती है और न ही तो किसी अन्य तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होती है, लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में, यह हड्डियों, आंखों, कान, गुर्दे और तंत्रिका तंत्र की समस्याओं का कारण बन सकता है।

वैसे तो ज्यादातर मामलों में, केवल एक आंख प्रभावित होती है (आमतौर पर बाईं आंख) लेकिन 20 प्रतिशत लोगों को दोनों आंखों में परेशानी महसूस होती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में डीएस का जोखिम अधिक होता है।

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डुएन सिंड्रोम के संकेत और लक्षण क्या हैं? - Duane Syndrome ke Symptoms in Hindi

डीएस के संकेतों में शामिल हो सकते हैं :

  • आंखें जो अलग-अलग दिशा में देखती हैं : इसे स्ट्रैबिस्मस कहा जाता है। यह कभी-कभी या हर समय भी हो सकता है।
  • पलक का पूरी तरह से न खुलना : एक आंख दूसरी से छोटी दिख सकती है।
  • प्रभावित आंख से कम दिखना : डीएस से ग्रसित हर 10 में से एक व्यक्ति, में आंखों की रोशनी कम हो जाती है।
  • अपशूट या डाउनशूट : प्रभावित आंख का अपनी जगह से ऊपर या नीचे होना।
  • सिर की स्थिति : जो लोग डीएस से ग्रस्त हैं वे आंखों को सीधा रखने की कोशिश करने के लिए अपने सिर को झुका सकते हैं या मोड़ सकते हैं। सिर को झुकाने की वजह से गर्दन में दर्द भी हो सकता है। डीएस वाले कुछ लोगों में दोहरी दृष्टि और सिरदर्द भी होता है।
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डुएन सिंड्रोम का कारण क्या है? - Duane Syndrome Causes in Hindi

डीएस परिवार के अन्य सदस्यों में भी पारित हो सकता है, लेकिन ऐसा मात्र 10 प्रतिशत मामलों में ही होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि गर्भावस्था के तीसरे व आठवे हफ्ते के दौरान बच्चे की आंखों की नसें और मांसपेशियां विकसित न हो पाने के कारण डीएस की समस्या होती है।

हालांकि इसके पीछे एक से अधिक कारण हो सकते हैं, जैसे किसी जीन में बदलाव या पर्यावरणीय कारण। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वास्तव में डीएस का कारण क्या है।

दूसरा सिद्धांत यह कहता है कि डुआन सिंड्रोम 'सिक्स्थ क्रेनियल नर्व' (CN VI) के न होने या फिर इस नस में किसी तरह की समस्या होने की वजह से होता है। यह एक ऐसी नस है जो मस्तिष्क में बनती है और ऐसी मांसपेशियों को नियंत्रित करती है, जो आंख को दांए से बाएं या बाएं से दांए करने में रोकती है।

(और पढ़ें - आंखों की बीमारी)

डुएन सिंड्रोम का निदान कैसे होता है? - Duane Syndrome Diagnosis in Hindi

डीएस के लक्षण स्पष्ट होते हैं, ज्यादातर लोगों का निदान 10 साल की उम्र से पहले ही हो जाता है। परीक्षण में आमतौर पर आंखों के साथ-साथ एक विजन टेस्ट (देखने की क्षमता) की भी जांच करना शामिल है। डॉक्टर हियरिंग टेस्ट (सुनने की क्षमता), रीढ़, मुंह में ऊपर की तरफ वाला हिस्सा और हाथों की जांच भी कर सकते हैं।

डीएस के कुछ मामले CHN1 नामक जीन से जुड़े हो सकते हैं। ऐसे में जेनेटिक टेस्ट की माध्यम से जीन में गड़बड़ी का पता किया जा सकता है। इसे ब्लड टेस्ट के साथ किया जाता है।

डुएन सिंड्रोम का इलाज कैसे होता है? - Duane Syndrome Treatment in Hindi

कोई भी सर्जरी अभी तक डुआन सिंड्रोम को पूरी तरह से ठीक करने में सफल नहीं हो पाई है, क्योंकि 'सिक्स्थ क्रेनियल नर्व' को ठीक या रिप्लेस नहीं किया जा सकता है। सर्जरी का विकल्प ​स्थिति पर निर्भर करता है, लेकिन सिर की असामान्य स्थिति को ठीक करने के लिए की जाने वाली सर्जरी की सफलता दर 79 से 100 प्रतिशत आंकी गई है।

हालांकि, प्रिस्क्रिप्शन ग्लास या कॉन्टैक्ट लेंस भी मदद कर सकते हैं। डॉक्टर यह भी सलाह दे सकते हैं कि आप 'लेजी आई' या 'एम्ब्लीओपीआ' (आंखों की रोशनी सामान्य से कम विकसित होना) से बचने के लिए प्रभावित आंख पर पैच लगा सकते हैं। इससे आंख के स्वास्थ्य में सुधार होता है।

इस स्थिति में आंखों की नियमित जांच होना जरूरी है। छोटे बच्चों को हर 3 से 6 महीने में चेकअप की जरूरत होती है ताकि 'लेजी आई' का उचित समय पर तुरंत उपचार किया जा सके।

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Dr. Vikram Bhalla

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