फेमिलियल डिसऑटोनोमिया क्या है?

फेमिलियल डिसऑटोनोमिया एक अनुवांशिक विकार है, जो कुछ तंत्रिका कोशिकाओं के जीवित रहने की अवधि और विकास को प्रभावित करता है। यह विकार ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम (एएनएस) की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।

एएनएस हार्ट रेट (हृदय की गति), पाचन, सांस लेने की गति, आंखों की पुतलियों की प्रतिक्रिया, पेशाब और यौन उत्तेजना जैसे कार्यों को नियंत्रित करता है। यह सेंसरी नर्वस सिस्टम (एसएनएस) को भी प्रभावित करता है, जो इंद्रियों से संबंधित कार्यों जैसे कि स्वाद और दर्द, गर्मी एवं ठंड को महसूस करने की क्षमता को नियंत्रित करता है।

फेमिलियल डिसऑटोनोमिया को हेरिडिटरी सेंसरी और ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी टाइप -III भी कहा जाता है।

फेमिलियल डिसऑटोनोमिया के लक्षण

इस बीमारी के लक्षण हर व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं, जैसे कि:

  • निगलने में कठिनाई 
  • बार-बार गला घुटने जैसा महसूस होना 
  • बार-बार उल्टी आना
  • धीमी गति से वजन बढ़ना
  • बार-बार फेफड़ों में संक्रमण होना
  • बच्चे के रोने पर आंसू न आना
  • कॉर्नियल अल्सर (आंख के कॉर्निया में होने वाला घाव)
  • त्वचा पर लाल धब्बे और अत्यधिक पसीना आना, खासकर बच्चे के खाने या उत्साहित होने पर
  • बीच-बीच में सांस रुकना जिससे बेहोशी हो सकती है
  • नाक से आवाज आना
  • विकास में देरी आना, विशेष रूप से चलने में कठिनाई
  • रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन (स्कोलियोसिस) 
  • शरीर का तापमान असामान्य रूप से घटना या बढ़ना और बीपी में भी उतार-चढ़ाव आना
  • दिल की धड़कन असामान्य रूप से तेज, धीमी या अनियमित होना
  • पेशाब न रोक पाना
  • प्यूबर्टी में देरी, विशेषकर लड़कियों में
  • रिफ्लेक्सेस (छूने पर उस अंग का प्रतिक्रिया देना) में कमी

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फेमिलियल डिसऑटोनोमिया के कारण

चूंकि, यह बीमारी अनुवांशिक है इसलिए परिवार के सदस्यों से व्यक्ति को होती है। इस स्थिति के विकसित होने में व्यक्ति को अपने माता-पिता से ही दोषपूर्ण जीन मिला होता है।

यह जीन में गड़बड़ी के कारण होता है एवं यह दुर्लभ बीमारी है। ईएलपी1 नामक जीन में गड़बड़ी की वजह से फेमिलियल डिसऑटोनोमिया होता है। ईएलपी1 जीन पूरे शरीर में मौजूद विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं सहित मस्तिष्क की कोशिकाओं में पाए जाने वाले प्रोटीन को बनाने के निर्देश देता है।

फेमिलियल डिसऑटोनोमिया का निदान

अनुवांशिक या दुर्लभ बीमारी का निदान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। डॉक्टर निदान के लिए मरीज की फैमिली हिस्ट्री (मरीज और उसके परिवार के सदस्यों में रहे विकारों एवं बीमारियों का रिकॉर्ड), लक्षणों, शारीरिक जांच और लैब टेस्ट के परिणाम देखते हैं।

फेमिलियल डिसऑटोनोमिया का इलाज

फेमिलियल डिसऑटोनोमिया पैदा करने वाले जीन में आई गड़बड़ी को ठीक करने का कोई तरीका नहीं है। इस बीमारी के इलाज में बच्चे को लक्षणों से राहत दिलाने और जटिलताओं को रोकने पर ध्यान दिया जाता है। इसके उपचार में निम्न विकल्प शामिल हैं:

  • फीडिंग ट्यूब या गैस्ट्रोटोमी -
    ये एक सर्जरी है जिसमें फीडिंग ट्यूब लगाई जाती है ताकि खाने और तरल पदार्थों को फेफड़ों में जाने से रोका जा सके और फीडिंग (खाने में) में सुधार लाया जा सके।
     
  • मिथाइलसेलूलोज आई ड्रॉप - 
    इनका उपयोग आंखों में सूखापन और आंखों में जलन की स्थिति में किया जाता है। ये आंखों को नमी देती हैं और कॉर्निया में अल्सर होने से रोकती हैं।
     
  • दवाइयां - 
    उल्टी, हाई बीपी और मूत्राशय के कार्य को नियंत्रित करने के लिए दवाएं।
     
  • सर्जरी - 
    स्कोलियोसिस को ठीक करने के लिए सर्जरी।

इस बीमारी के इलाज में बच्चे और उसके परिवार की काउंसलिंग करने से भी मदद मिलती है। इसमें बच्चे और उसके परिवार को बीमारी से लड़ने और इलाज के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जाता है।

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