फ्लोटिंग-हार्बर सिंड्रोम क्या है?
फ्लोटिंग हार्बर सिंड्रोम एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है। इस दौरान पीड़ित में कई लक्षणों का अनुभव होता है जैसे छोटा कद, हड्डियों का मिनरलाइजेशन (हड्डियों का धीमा विकास), बोलने से जुड़े विकास में देरी और चेहरे से संबंधित लक्षण भी देखने को मिलते हैं। 

फ्लोटिंग-हार्बर सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे के विकास में कमी आमतौर पर जीवन के पहले साल में साफ तौर देखने मिल जाती है। पीड़ित बच्चे आमतौर पर अपने उम्र वाले बच्चों में सबसे कम हाइट के होते हैं और ऐसे बच्चों की संख्या करीब 5 प्रतिशत के आसपास होती है। बचपन की शुरुआत में ही हड्डियों की लंबाई यानी विकास में देरी होती है। उदाहरण के लिए, 3 साल की उम्र के पीड़ित बच्चे की हड्डियों की लंबाई 2 साल के बच्चे की तरह होगी। हालांकि, आमतौर पर 6 से 12 साल की उम्र में हड्डियों की लंबाई सामान्य हो जाती है।

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फ्लोटिंग हार्बर सिंड्रोम के लक्षण - Floating Harbor Syndrome Symptoms in Hindi

फ्लोटिंग हार्बर सिंड्रोम (एफएचएस) के खास लक्षण और बीमारी की गंभीरता एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग हो सकती है। फ्लोटिंग हार्बर सिंड्रोम के लक्षण और संकेत इस प्रकार हैं-

  • बचपन की शुरुआत में ही हड्डियों की लंबाई न बढ़ना
  • बोलने में देरी और भाषा को समझने में देरी
  • हल्के से लेकर मध्यम श्रेणी की बौद्धिक विकलांगता
  • सुनने की परेशानी या दृष्टि संबंधित समस्या

चेहरे से संबंधित लक्षणों में नाक का बाहर निकला हुआ होना या चेहरे के साइज के हिसाब से नाक का साइज बड़ा होना, त्रिकोणीय आकार का चेहरा, कम हेयरलाइन या कम बाल, आंखें अधिक अंदर की ओर धंसी होना, लंबी पलकें और नाक व ऊपर वाले होंठ के बीच कम दूरी (शॉर्ट फील्ट्रम) होना शामिल है।  चेहरे से जुड़े ये लक्षण समय के साथ और ज्यादा स्पष्ट तौर पर दिखायी देने लगते हैं।

इसके अलावा किडनी की समस्याएं जैसे कि हाइड्रोनेफ्रोसिस, किडनी में सिस्ट बनना या केवल एक किडनी होना शामिल है।

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फ्लोटिंग हार्बर सिंड्रोम का कारण - Floating Harbor Syndrome Causes in Hindi

फ्लोटिंग हार्बर सिंड्रोम का कारण जीन में होने वाले परिवर्तन से जुड़ा है। 'मेडलाइन प्लस' की एक रिपोर्ट के अनुसार एसआरसीएपी (SRCAP) नामक जीन में उत्परिवर्तन यानी म्यूटेशन के कारण यह समस्या आती है। यह जीन एक प्रोटीन बनाने का निर्देश देता है जिसे एसएनएफ2 कहते हैं जो कि सीआरईबीबीपी (CREBBP) एक्टिवेटर प्रोटीन से संबंधित है। SRCAP कई प्रोटीनों में से एक है जो CREBBP नाम के जीन को सक्रिय करने में मदद करता है। CREBBP जीन से बनने वाला प्रोटीन कोशिकाओं की वृद्धि और विभाजन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और शरीर के सामान्य विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।

फ्लोटिंग हार्बर सिंड्रोम का निदान - Diagnosis of Floating Harbor Syndrome in Hindi

फ्लोटिंग हार्बर सिंड्रोम का निदान, मरीज में खास लक्षणों की पहचान, रोगी की पूरी जानकारी, क्लीनिकल ​​मूल्यांकन और कई प्रकार के टेस्ट पर आधारित होता है। चेहरे के खास लक्षण जो फ्लोटिंग हार्बर सिंड्रोम का संकेत देते हैं उन्हें बचपन में पहचानने में कठिनाई हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, कई अन्य लक्षण ऐसे भी हैं जो एफएचएस के लिए विशिष्ट नहीं है और इसलिए सिर्फ इन लक्षणों और क्लीनिकल ​​आधार पर इस विकार को डायग्नोज करना मुश्किल होता है। मॉलिक्यूलर जेनेटिक टेस्टिंग से फ्लोटिंग हार्बर सिंड्रोम के निदान की पुष्टि हो सकती है। यह टेस्ट एसआरसीएपी जीन में उत्परिवर्तन का पता लगा सकता है, लेकिन यह परीक्षण, विशेष प्रयोगशालाओं में ही उपलब्ध है।

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फ्लोटिंग हार्बर सिंड्रोम का इलाज - Floating Harbor Syndrome Treatment in Hindi

फ्लोटिंग हार्बर सिंड्रोम का उपचार खास लक्षणों की ओर निर्देशित है। लेकिन शुरुआती उपचार, यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि इस बीमारी से पीड़ित बच्चे अपनी क्षमता तक पहुंचें। बीमारी के इलाज के लिए विशेषज्ञों की एक टीम के संयुक्त प्रयास की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें बाल रोग विशेषज्ञ, न्यूरोलॉजिस्ट, ऑर्थोपेडिस्ट, ऑडियोलॉजिस्ट, ऑप्थैल्मोलॉजिस्ट, ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट , फिजिकल थेरेपिस्ट और स्पीच थेरेपिस्ट शामिल हैं।

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