हार्ट अटैक के मरीजों के लिए शुरू की गई अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स दिल्ली) की पहल 'मिशन दिल्ली' कामयाब होती दिख रही है। पिछले साल अप्रैल में शुरू किए गए इस प्रॉजेक्ट के जरिये एम्स राजधानी में हार्ट अटैक के मरीजों का तुरंत इलाज कर पा रहा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मिशन दिल्ली के एमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर पर अब तक कई कॉल्स अटैंड की गई हैं। कुछ ही दिन पहले अचानक दिल का दौरा पड़ने से सीआरपीएफ के एक जवान की जान खतरे में पड़ गई थी। लेकिन 'मिशन दिल्ली' की वजह एम्स उसकी जान बचाने में कामयाब रहा।

मिशन दिल्ली से जुड़ी यह घटना बीती 31 जनवरी की है जो अब मीडिया के जरिये सामने आई है। रिपोर्टों के मुताबिक, घटना वाले दिन 'मिशन दिल्ली' के हेल्पलाइन नंबर पर सुबह 10.40 बजे एक एमरजेंसी कॉल आया। पता चला कि यह कॉल आरके पुरम स्थित सीआरपीएफ कैंप से आया था। सूचना देने वाले ने बताया कि कैंप में एक सीआरपीएफ जवान को अचानक दिल का दौरा पड़ा था। घटना की जानकारी मिलने के महज दस मिनट के अंदर मोटरसाइकल पर दो पैरामेडिक्स (चिकित्सा सहायक) जीवनरक्षक दवाइयां और उपकरण लेकर मौके पर पहुंच गए।

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खबर के मुताबिक दोनों डॉक्टरों में से एक ने बताया कि जब वे कैंप पहुंचे, उस समय मरीज को सीने में काफी दर्द हो रहा था। उन्होंने तुरंत अपनी प्राथमिक उपचार शुरू किया और मेडिकल किट से कुछ दवाइयां मरीज को दीं। इसके बाद उन्होंने वहीं मरीज का ईसीजी किया। इतना ही नहीं, जांच का परिणाम वहीं से एम्स के कंट्रोल रूम में बैठे डॉक्टरों को पहुंचा दिया गया। वहां वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञों ने पुष्टि की कि मरीज को हार्ट अटैक आया था।

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इसके बाद पीड़ित सीआरपीएफ जवान को तत्काल राहत देने के लिए कुछ विशेष दवाइयां (क्लॉट ब्लस्टर ड्रग) दी गईं ताकि हृदय के बंद होने से जमे खून सामान्य किया जा सके। दवा देने के बाद मरीज को आगे के इलाज के लिए एम्स भेज दिया गया। इस तरह एम्स के 'मिशन दिल्ली' ने एक व्यक्ति को मौत के मुंह से निकाल लिया। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) 'मिशन दिल्ली' को कामयाब बनाने के लिए आर्थिक मदद कर रहा है। सीआरपीएफ जवान की जान बचाए जाने पर उसका कहना था, कि ऐसा भारत में पहली बार हुआ जब हार्ट अटैक के मरीज का इलाज हादसे वाली जगह पर ही किया गया।

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क्या है मिशन दिल्ली?
हार्ट अटैक से होने वाली मौतों के मामले बताते हैं कि अलग-अलग कारणों से कई बार मरीजों तक चिकित्सा सुविधा समय पर नहीं मिल पाती। इनमें मरीज को समय पर अस्पताल न पहुंचा पाना प्रमुख कारणों में से एक है। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली स्थित एम्स ने राजधानी में रहने वाले लोगों के लिए 'मिशन दिल्ली' की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य है एम्स के तीन किलोमीटर के दायरे में हार्ट अटैक और सीने में दर्द के मरीजों को जल्दी से जल्दी आपातकालीन उपचार उपलब्ध कराना। घटना की सूचना मिलने पर डॉक्टर मोटरसाइकल से स्वयं मरीज के घर या घटना वाली जगह पर पहुंचेंगे और पीड़ित का इलाज करेंगे। आईसीएमआर की मदद से एम्स ने पिछले साल इस प्रॉजेक्ट की शुरुआत की थी।

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हार्ट अटैक क्या होता है?
शरीर की अन्य मांसपेशियों की तरह हमारा दिल भी एक मांसपेशी ही होता है। शरीर की वाहिकाएं इसे ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुंचाती हैं। पर्याप्त खून या ऑक्सजीन नहीं मिलने पर दिल ठीक से काम नहीं कर पाता और उसे दिल का दौरा पड़ जाता है। यह एक आपातकालीन स्थिति होती है, जिसमें तुरंत इलाज न मिल पाने की वजह से पीड़ित व्यक्ति की मौत हो सकती है।

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