हाई कोलेस्ट्रॉल एक स्वास्थ्य समस्या है। अगर इसे नियंत्रित न किया जाए, तो इससे विभिन्न तरह के हृदय रोग होने की आशंका बनी रहती है। बेशक, हाई कोलेस्ट्रॉल को समय रहते नियंत्रित करना जरूरी है, लेकिन इसे लेकर लोगों को कई तरह की शंकाएं हैं। वहीं, जानकारी की भी कमी नहीं है। इन गलत जानकारियों के कारण ही कई लोग गंभीर रोग का शिकार हो जाते हैं।

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आज इस लेख में आप कोलेस्ट्रॉल से जुड़े विभिन्न मिथ व उनकी सच्चाई के बारे में विस्तार से जानेंगे -

  1. क्‍या कॉलेस्ट्रॉल हानिकारक है?
  2. पतले लोगों का कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता
  3. व्यायाम से घट सकता है कोलेस्ट्रॉल
  4. बच्चों में हाई कोलेस्ट्रॉल नहीं होता
  5. कोलेस्ट्रॉल सिर्फ दवाओं से कम होता है
  6. कोलेस्ट्रॉल सिर्फ भोजन से मिलता है
  7. सारांश
  8. जानें कोलेस्ट्रॉल से जुड़े इन 6 मिथकों की सच्‍चाई के डॉक्टर

कोलेस्ट्रॉल एक वसायुक्त (फैटी) पदार्थ है, जो प्राकृतिक रूप से हमारे शरीर के अंदर बनता है और कई शारीरिक क्रियाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। कॉलेस्ट्रॉल सभी सेलुलर वॉल (कोशिकिय परत) की परतों का हिस्सा होता है। यह पाचन के लिए पित्त रस का निर्माण करता है और नए हार्मोन बनाता है। 

शरीर को कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है लेकिन सिर्फ एक निश्चित स्तर तक। कोलेस्ट्रॉल का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है, खासतौर पर लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) का बढ़ना।

(और पढ़ें - उच्च लिपोप्रोटीन के कारण)

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कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से संबंधित संभावनाओं में जीन की काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए नियमित रूप से अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करवाते रहना चाहिए, क्योंकि भले ही आपका वजन अधिक ना हो लेकिन कुछ अनुवांशिक कारक हैं, जो आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं। जैसे कि गतिहीन जीवन (शारीरिक रूप से कम सक्रिय रहना) का कोलेस्‍ट्रॉल लेवल पर बहुत असर पड़ता है।

(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल का स्तर या नार्मल रेंज चार्ट क्या है)

फैट (वसा) की तरह ही कोलेस्ट्रॉल को भी “लिपिड” की श्रेणी में रखा गया है। लेकिन इसे केवल व्यायाम की मदद से कम नहीं किया जा सकता है। ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाओं का सेवन करना भी जरूरी है।

वैसे तो कोलेस्ट्रॉल आमतौर पर वयस्कों में ही देखा जाता है, लेकिन यह बच्चों को भी प्रभावित कर सकता है। बचपन में कोलेस्ट्रॉल संबंधी समस्याओं के प्रमुख तीन कारक हैं जिनमें फैमिली हिस्‍ट्री (परिवार में पहले किसी सदस्‍य को कोलेस्ट्रॉल संबंधी समस्या होना), असंतुलित आहार और मोटापा शामिल हैं।

यदि आप कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए पूरी तरह से दवाओं पर ही निर्भर हैं, तो ऐसे में कोलेस्‍ट्रॉल के कंट्रोल होने की गारंटी नहीं है। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ आहार, व्यायाम और दवाएं तीनों मददगार होती हैं।

आपका शरीर भी प्राकृतिक रूप से कम या ज्यादा मात्रा में कोलेस्ट्रॉल बना सकता है, जिसकी मात्रा आपके शरीर की आनुवंशिक प्रकृति पर निर्भर करता है। अपने भोजन में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें जिनमें कम मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होता है जैसे कम वसा वाले मीटहरी सब्जियां और लो फैट डेयरी उत्पाद आदि।

स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि कोलेस्ट्रॉल से संबंधित सही जानकारी पता होनी चाहिए। इसलिए, यहां हमने उन प्रमुख मिथकों के बारे में बताया है, जिसे अक्सर लोग सही समझ लेते हैं। अब अगली बार जब कोई आपसे कोलेस्ट्रॉल की गलती जानकारी आपके साथ शेयर करे, तो उसे यह आर्टिकल जरूर पढ़ने के लिए कहें।

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