हार्मोन शरीर में बनने वाले एक तरह का कैमिकल होते हैं, जो रक्त के माध्यम से आपके अंगों और ऊतकों तक पहुंचते हैं। यह आपके शरीर में धीरे-धीरे कार्य करते हैं और शरीर की कई प्रक्रियाओं को प्रभावित करते हैं। शरीर के बढ़ने, मेटाबॉलिज्म, यौन गतिविधियों, प्रजनन और मूड (mood) आदि क्रियाओं में हार्मोन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।

हार्मोन आपके शरीर के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। हार्मोन की बेहद कम मात्रा भी आपके शरीर और कोशिकाओं के कई बड़े बदलावों के लिए काफी होती हैं। यही कारण है कि हार्मोन का बहुत अधिक या बहुत कम होना आपकी सेहत पर गहरा प्रभाव डालता है।

(और पढ़ें - हार्मोन असंतुलन के नुकसान)

इस लेख में हार्मोन के महत्व के विषय में विस्तार से बताया जा रहा है। इसके साथ ही आप जानेंगे कि हार्मोन क्या है एवं हार्मोन के नाम, प्रकार, कार्य और फायदे क्या होते हैं।

(और पढ़ें - विटामिन के फायदे)

  1. हार्मोन के नाम, प्रकार, कार्य और फायदे - Hormone ke naam, prakar, karya aur fayde
  2. हार्मोन क्या होता है - Hormone kya hota hai

हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन्स और कार्य - Hypothalamus gland se nikalne vale hormones aur karya

आगे आपको हाइपोथैलेमस ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन्स और उनके मुख्य कार्यों के साथ ही उन ऊतकों के बारे में बताया गया, जिस पर यह हार्मोन कार्य करते हैं।

  • थाईरोट्रोफिन रिलीजिंग हार्मोन या टीआरएच (Thyrotrophin releasing hormone or TRH) : 
    यह हार्मोन पीयूष ग्रंथि का आगे का हिस्से (Anterior pituitary) पर कार्य करता है। इसका मुख्य कार्य पीयूष ग्रंथि के आगे के हिस्से से “थायराइड स्टीम्युलेटिंग हार्मोन” या टीएसएच (thyroid stimulating hormone orTSH) को स्त्रावित करने में मदद करना है।
     
  • सोमाटोस्टेटिन  (Somatostatin) :
    यह हार्मोन पीयूष ग्रंथि का आगे का हिस्से (Anterior pituitary) से ग्रोथ हार्मोन को स्त्रावित होने से रोकता है। 
     
  • गोंडाट्रोफिन रिलीजिंग हार्मोन या जीएनआरएच (Gonadotrophin releasing hormone or GnRH) :
    अन्य हार्मोन की तरह यह भी पीयूष ग्रंथि का आगे का हिस्से (Anterior pituitary) पर कार्य करता है, जो इस हिस्से से “फोलिक्स स्टीम्युलेटिंग हार्मोन” या एफएसएच (follicle stimulating hormone or FSH) और “लूटिनिसिंग हार्मोन” या एलएच (luteinizing hormone or LH) को स्त्रावित होने में मदद करता है।
     
  • कॉर्टिकोट्रॉफिन रिलीजिंग हार्मोन या सीआरएच (Corticotrophin releasing hormone or CRH) :
    यह हार्मोन पीयूष ग्रंथि के आगे के हिस्से पर कार्य करते हुए, उससे “एड्रेनोकॉर्टिकोट्रोफिक हार्मोन” या एसीएचटी Adrenocorticotrophic hormone or ACTH) को स्त्रावित करने में मदद करता है।
     
  • ग्रोथ हार्मोन रिलीजिंग हार्मोन या जीएचआरएच (Growth Hormone Releasing Hormone or GHRH) :
     ये हार्मोन पीयूष ग्रंथि के आगे के हिस्से पर कार्य करते हुए, “ग्रोथ हार्मोन” को स्त्रावित होने में मदद करता है। 
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पीयूष ग्रंथि के आगे के हिस्से (Anterior pituitary) से निकलने वाले हार्मोन्स और कार्य - Anterior pituitary se nikalne vale hormones aur karya

आगे आपको पीयूष ग्रंथि के आगे के हिस्से (Anterior pituitary) से निकलने वाले हार्मोन्स और उनके मुख्य कार्यों के साथ ही उन ऊतकों के बारे में बताया गया, जिस पर यह हार्मोन कार्य करते हैं।

  • थायराइड स्टीम्युलेटिंग हार्मोन या टीएसएच (Thyroid stimulating hormone or TSH) :
    यह थायराइड ग्रंथि (Thyroid gland) पर कार्य करते हुए, इससे थायरोक्साइन (thyroxine) और ट्राई-आयोडोथायोनिन (tri-iodothyronine) को स्त्रावित करने में सहायक होता है।
     
  • लूटिनिसिंग हार्मोन या एलएच (Luteinising hormone or LH) :
    यह हार्मोन अंडाशय/वृषण (Ovary/Testis) पर कार्य करता है। यह महिलाओं में अंडाशय में अंडा बनने और एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरोन बनने में मदद करता है। इसके अलवा पुरूष के वृषण में टेस्टोस्टेरोन बनने में सहायक होता है। 
     
  • फोलिकल स्टीम्युलेटिंग हार्मोन या एफएसएच (Follicle stimulating hormone or FSH) :
     यह हार्मोन अंडाशय/वृषण (Ovary/Testis) पर कार्य करता है। यह महिलाओं में ओवुलेशन से पहले अंडाशय में अंडे और अंडाशय के फोलिकल्स (follicles) बनने में सहायक होता है, जबकि पुरुषों के वृषण में टेस्टोस्टेरोन बनाने में मददगार होता है।
     
  • ग्रोथ हार्मोन या जीएच (Growth Hormone or GH) :
     यह हार्मोन हड्डियों, उपास्थि (cartilage), मांसपेशियों, वसा, जिगर, हृदय पर कार्य करता है। इसके साथ ही मुख्य रूप से हड्डियों और अंगों के विकास में सहायक होता है।
     
  • प्रोलैक्टिन या पीआरएल (prolactin or PRL) :
     यह हार्मोन महिलाओं के स्तन और मस्तिष्क पर कार्य करता है। इसका कार्य महिलाओं के स्तनों में दूध बनाना और यौन स्वास्थ्य में अहम मुख्य भूमिका निभाना है।
     
  • एड्रेनोकॉर्टिकोट्रोफिक हार्मोन या एसीएचटी (Adrenocorticotrophic hormone or ACTH) :
    यह हार्मोन पीयूष ग्रंथि के आगे के हिस्सा (Anterior pituitary के हिस्से पर कार्य करता है। ये मुख्य रूप से कोर्टिसोल बनाने के लिए एड्रेनल ग्रंथियों को उत्तेजित करता है।

पीयूष ग्रंथि के पीछे के हिस्से (Posterior pituitary) से निकलने वाले हार्मोन्स और कार्य - Posterior pituitary se nikalne vale hormones aur karya

आगे आपको पीयूष ग्रंथि के पीछे के हिस्से (Posterior pituitary) से निकलने वाले हार्मोन्स और उनके मुख्य कार्यों के साथ ही उन ऊतकों के बारे में बताया गया, जिस पर यह हार्मोन कार्य करते हैं।

  • वैसोप्रीसिन  Vasopressin “एंटी-ड्युरेटिक हार्मोन” या एडीएच (Anti diuretic hormone or ADH) :
     यह हार्मोन गुर्दा, रक्त वाहिकाओं, रक्त घटकों (blood components) पर कार्य करता है। ये हार्मोन गुर्दे के द्वारा आवश्यक तरल पदार्थ बनाने और रक्त वाहिकाओं के संकुचित होने में मदद करता है, जिससे रक्तचाप नियंत्रित बना रहता है।
     
  • ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) : 
    ये हार्मोन महिलाओं के गर्भाशय व स्तनों की दूध नलिकाओं पर कार्य करता है। यह महिलाओं के स्तनों की दूध नलिकाओं से दूध जारी करने और प्रसव (labour) के दौरान गर्भाशय संकुचन में मदद करता है। 

थाइरायड ग्रंथि (Thyroid gland) से निकलने वाले हार्मोन्स और कार्य - Thyroid gland se nikalne vale hormones aur karya

आगे आपको थाइरायड ग्रंथि (Thyroid gland) से निकलने वाले हार्मोन्स और उनके मुख्य कार्यों के साथ ही उन ऊतकों के बारे में बताया गया, जिस पर यह हार्मोन कार्य करते हैं।

  • थायरोक्साइन या टी 4  (Thyroxine or T4) :
     यह हार्मोन शरीर के अधिकांश ऊतक पर कार्य करता है। यह मुख्य रूप से शरीर की चयापचय (Metabolism: मेटाबॉलिज्म) दर को नियंत्रित करने का कार्य करता है।
     
  • टाई-आयोडोथायोनिन या टी 3 (Tri-iodothyronine or T3) :
    यह हार्मोन भी शरीर के ज्यादातर ऊतकों पर कार्य करता है। ये हार्मोन शरीर की चयापचय (Metabolism: मेटाबॉलिज्म) दर को नियंत्रित करने का कार्य करता है।

पैराथायराइड ग्रंथियां (Parathyroid glands) से निकलने वाले हार्मोन्स और कार्य - Parathyroid glands se nikalne vale hormones aur karya

आगे आपको पैराथायराइड ग्रंथियां (Parathyroid glands) से निकलने वाले हार्मोन्स और उनके मुख्य कार्यों के साथ ही उन ऊतकों के बारे में बताया गया, जिस पर यह हार्मोन कार्य करते हैं।

  • पैराथायराइड हार्मोन या पीटीएच (Parathyroid hormone or PTH) :
     यह गुर्दे और हड्डियों की कोशिकाएं पर कार्य करता है। यह रक्त में कैल्शियम का स्तर कम होने पर, इसको बढ़ाने का कार्य करता है।  
     
  • कैल्सीटोनिन (Calcitonin) :
    गुर्दे व हड्डियों की कोशिकाएं पर यह हार्मोन कार्य करता है। ये हार्मोन रक्त में कैल्शियम का स्तर अधिक होने पर, उसको कम करने का कार्य करता है।  

एड्रेनल कॉर्टेक्स (Adrenal cortex) से निकलने वाले हार्मोन्स और कार्य - Adrenal cortex se nikalne vale hormones aur karya

आगे आपको एड्रेनल कॉर्टेक्स (Adrenal cortex) से निकलने वाले हार्मोन्स और उनके मुख्य कार्यों के साथ ही उन ऊतकों के बारे में बताया गया, जिस पर यह हार्मोन कार्य करते हैं।

  • कोर्टिसोल (Cortisol) : 
    यह शरीर के अधिकांश ऊतकों पर कार्य करता है। ये रक्तचाप, प्रतिरक्षा प्रणाली और रक्त ग्लूकोज सहित शारीरिक कार्यों को नियमित करने में सहायक होता है। 
     
  • एल्डोस्टेरोन (Aldosterone) : 
    यह हार्मोन गुर्दे पर कार्य करता है और आपके शरीर में नमक और पानी को रोककर बीपी को संतुलित रखने में मदद करता है। (और पढ़ें - लो बीपी)
     
  • एण्ड्रोजन (Androgens) : 
    यह शरीर के अधिकतर ऊतकों पर कार्य करता है। स्टेरॉयड हार्मोन जो पुरुष प्रजनन अंगों को बनाने में सहायक होता है। 

एंड्रेनल मेडूला (Adrenal medulla) ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन्स और कार्य - Adrenal medulla se nikalne vale hormones aur karya

आगे आपको एंड्रेनल मेडूला (Adrenal medulla) ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन्स और उनके मुख्य कार्यों के साथ ही उन ऊतकों के बारे में बताया गया, जिस पर यह हार्मोन कार्य करते हैं।

  • एड्रेनालाईन और "नोरड्रेनलाइन"(Adrenaline and noradrenaline) :
    यह हार्मोन शरीर के ज्यादा ऊतकों पर कार्य करता है, यह ब्लड प्रेशर नियमित करने, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल क्रिया और सांस लेने वाली नलियों को खोलने सहित कई शारीरिक प्रणालियों में सहायक होता है।

अग्न्याशय (Pancreas) ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन्स और कार्य - Pancreas se nikalne vale hormones aur karya

आगे आपको अग्न्याशय  (Pancreas) ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन्स और उनके मुख्य कार्यों के साथ ही उन ऊतकों के बारे में बताया गया, जिस पर यह हार्मोन कार्य करते हैं।

  • इंसुलिन (Insulin) :
    यह मांसपेशियों व वसा ऊतक पर कार्य करता है। ये रक्त ग्लूकोज के स्तर को कम करता है।
     
  • ग्लूकागन (Glucagon) :
    यह जिगर या लिवर पर कार्य करते हुए रक्त ग्लूकोज के स्तर को बढ़ाने का काम करता है।
     
  • सोमाटोस्टेटिन  (Somatostatin) :
     यह अग्न्याशय पर कार्य करते हुए, ग्लूकागन और इंसुलिन के बनने को रोकता है।

अंडाशय (Ovary) से निकलने वाले हार्मोन्स और कार्य - Ovary se nikalne vale hormones aur karya

आगे आपको अंडाशय (Ovary) से निकलने वाले हार्मोन्स और उनके मुख्य कार्यों के साथ ही उन ऊतकों के बारे में बताया गया, जिस पर यह हार्मोन कार्य करते हैं।

  • एस्ट्रोजेन (Estrogen) :
     ये हार्मोन महिलाओं के स्तन, गर्भाशय, आंतरिक और बाहरी जननांग पर कार्य करते हुए, महिलाओं के प्रजनन अंगों के बनाने में सहायक और भ्रूण के लिए गर्भाशय को तैयार करता है। 
     
  • प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) :
     यह हार्मोन महिलाओं के स्तन और गर्भाशय पर कार्य करता है, जो गर्भावस्था में पोषण और महिलाओं के प्रजनन अंगों को बनाने में सहायक होता है। (और पढ़ें - गर्भावस्था में सावधानियां)

वृषण (Testis) से निकलने वाले हार्मोन्स और कार्य - Testis se nikalne vale hormones aur karya

आगे आपको वृषण (Testis) से निकलने वाले हार्मोन्स और उनके मुख्य कार्यों के साथ ही उन ऊतकों के बारे में बताया गया, जिस पर यह हार्मोन कार्य करते हैं।

  • टेस्टोस्टेरोन  (Testosterone) : 
    यह पुर्ष यौन अंग पर कार्य करता है, यह मुख्य रूप से पुरुषों में शुक्राणु और यौन अंगों के बनने सहायक होता है। (और पढ़ें - शुक्राणु की कमी)

पेट में बनने वाले हार्मोन्स और कार्य - Stomach me banne hormones aur karya

आगे आपको पेट में बनने वाले वाले हार्मोन्स और उनके मुख्य कार्यों के साथ ही उन ऊतकों के बारे में बताया गया, जिस पर यह हार्मोन कार्य करते हैं।

  • गैस्ट्रीन (Gastrin) :
    यह मुख्य रूप से पेट में सेरोटोनिन बनाने का कार्य करता है। 
     
  • सेरोटोनिन (Serotonin) :
    यह हार्मोन पेट की मांसपेशियों में संकुचन या कसाव का कारण बनाता है। 

(और पढ़ें - सेरोटोनिन बढ़ाने के उपाय)

डियोडेनम और जेजुनम (Duodenum and jejunum) से निकलने वाले हार्मोन्स और कार्य - Duodenum and jejunum se nikalne vale hormones aur karya

आगे आपको डियोडेनम और जेजुनम (Duodenum and jejunum) से निकलने वाले हार्मोन्स और उनके मुख्य कार्यों के साथ ही उन ऊतकों के बारे में बताया गया, जिस पर यह हार्मोन कार्य करते हैं।

  • सीक्रीटिन (Secretin) :
    यह पेट और लीवर पर कार्य करता है। सीक्रीटिन पित्त (Bile) बनाने में सहायक होता है। 

किडनी के द्वारा बनाए जाने वाले हार्मोन और कार्य - Kidney ke dwara banaye jane vale hormones aur karya

आगे आपको किडनी के द्वारा बनाए जाने वाले हार्मोन्स और उनके मुख्य कार्यों के साथ ही उन ऊतकों के बारे में बताया गया, जिस पर यह हार्मोन कार्य करते हैं।

  • एरिथ्रोपोइटीन (Erythropoietin) :
     
    यह शरीर की अस्थि मज्जा (Bone marrow) पर कार्य करता है। यह हार्मोन अस्थि मज्जा में लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने का काम करता है।

हृदय द्वारा बनाए जाने वाले हार्मोन और कार्य - Heart ke dwara banaye jane vale hormones aur karya

आगे आपको हृदय द्वारा बनाए जाने वाले हार्मोन्स और उनके मुख्य कार्यों के साथ ही उन ऊतकों के बारे में बताया गया, जिस पर यह हार्मोन कार्य करते हैं।

  • एट्रियल नैटियूरेटिक फैक्टर या एएनएफ (Atrial natiuretic factor/ ANF) :
     
    यह हार्मोन किडनी पर कार्य करता है और यह शरीर में नमक और पानी को कम करके हाई बीपी को कम करने में सहायक होता है। 

(और पढ़ें - बीपी कम  करने के उपाय)

त्वचा से निकलने वाले हार्मोन और कार्य - Skin se nikalne vale hormones aur karya

आगे आपको त्वचा से बनने वाले हार्मोन्स और उनके मुख्य कार्यों के साथ ही उन ऊतकों के बारे में बताया गया, जिस पर यह हार्मोन कार्य करते हैं।

  • विटामिन डी :
    यह हार्मोन छोटी आंत, किडनी और हड्डियों की कोशिकाएं पर कार्य करता है। विटामिन डी छोटी आंत में कैल्शियम के अवशोषण, हड्डियों में कैल्शियम को इक्ट्ठा करने और रिलीज करने का काम करता है। 

(और पढ़ें - कैल्शियम की कमी)

हार्मोन शरीर में एंडोक्राइन ग्रंथियों से स्त्रावित होते हैं। रीर की मुख्य एंडोक्राइन ग्रंथियों के नाम निम्न हैं: 

  • पिट्यूटरी (pituitary)
  • पाइनल (pineal)
  • थाइमस (thymus)
  • थायराइड (thyroid)
  • एड्रेनल ग्रंथियां (adrenal glands)
  • पैनक्रियास (pancreas: अग्नाशय)

इन ग्रंथियां में नलियों नहीं होती हैं। इनसे निकलने वाले हार्मोन सीधा रक्त में पहुंचते हैं। शरीर में बनने वाले हार्मोन्स शारीरिक क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं में कई तरह से कार्य करते हैं। शरीर में हार्मोन का सामान्य स्तर होना बेहद जरूरी होता है। इसके कम या ज्यादा होने से आपको कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं।

(और पढ़ें - थायराइड कम करने के घरेलू उपाय)

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