टेट्रालजी ऑफ फैलो - Tetralogy of Fallot in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

October 25, 2018

March 06, 2020

टेट्रालजी ऑफ फैलो
टेट्रालजी ऑफ फैलो

टेट्रालजी ऑफ फैलो क्या है?

टेट्रालजी ऑफ फैलो (Tetralogy of Fallot) एक ऐसा विकार है, जो बच्चे में जन्म से ही मौजूद होता है। ये विकार दिल में मौजूद दोष या डिफेक्ट के कारण होता है। टेट्रालजी ऑफ फैलो तब होता है जब मां के गर्भाशय में बच्चे का दिल सही तरीके से बन नहीं पाता। इस दोष के कारण ऑक्सीजन युक्त खून का पूरे शरीर में प्रवाह कम हो जाता है।

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टेट्रालजी ऑफ फैलो के लक्षण क्या हैं?

आमतौर पर, टेट्रालजी ऑफ फैलो से पीड़ित बच्चे का रंग रोते समय या दूध पीते समय नीला होने लगता है। इसके अलावा उसे चक्कर आना, बेहोशी या दौरे पड़ने की समस्याएं भी हो सकती हैं। टेट्रालजी ऑफ फैलो से पीड़ित बच्चों का विकास ज्यादातर बहुत धीरे होता है। ऐसा भी हो सकता है कि बच्चे की त्वचा ऑक्सीजन की कमी के कारण नीली दिखाई दे।

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टेट्रालजी ऑफ फैलो क्यों होता है?

आज के समय में बच्चों की जन्मजात समस्याओं या दोष के बारे में इकोकार्डियोग्राफी से आसानी से पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट से गर्भ में मौजूद बच्चे का चेकअप किया जा सकता है। पहले के समय में इसके लिए छाती के एक्स-रे का उपयोग किया जाता था।

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टेट्रालजी ऑफ फैलो का इलाज कैसे होता है?

टेट्रालजी ऑफ फैलो के इलाज के लिए बच्चे के पैदा होने के बाद उसकी सर्जरी की जा सकती है। इस सर्जरी में डॉक्टर दिल में मौजूद रक्त वाहिकाओं को बड़ा कर देते हैं और दिल की परत में मौजूद छेद को बंद करने के लिए उसपर एक पैच लगा देते हैं। दोनों ही तरीकों से फेफड़ों और शरीर के अन्य हिस्सों में खून का प्रवाह बढ़ जाता है।

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अगर टेट्रालजी ऑफ फैलो की सर्जरी न की जाए, तो इससे हार्ट फेलियर हो सकता है।