जिस तरह शरीर को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है ठीक वैसे ही बॉडी में सही ब्लड सर्कुलेशन होना भी बेहद जरूरी है। शरीर के सभी अंगों को अच्छे से कार्य करने के लिए एक सही रक्त परिसंचरण अहम भूमिका निभाता है। अगर रक्त परिसंचरण सही तरीके से कार्य नहीं करेगा तो इससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। रक्त प्रवाह बढ़ाने और सुधारने के लिए आप कई तरीकों की मदद ले सकते हैं। इस लेख में हमने आपको ब्लड सर्कुलेशन धीमा होने के कारण और बढ़ाने के उपाय बताये हैं। इन उपायों की मदद से आप ब्लड सर्कुलेशन बेहतर कर सकते हैं।

तो आइये आपको बताते हैं ब्लड सर्कुलेशन धीमा होने के कारण और बढ़ाने के उपाय -

  1. ब्लड सर्कुलेशन धीमा होने के कारण - Blood circulation dheema hone ke karan
  2. रक्त संचार बढ़ाने के उपाय - Rakt sanchar badhane ke upay

ब्लड सर्कुलेशन धीमा होने के कारण इस प्रकार हैं –

ह्रदय सम्बन्धी समस्याएं 

  • रक्त का थक्का जमना - 
    खून का थक्का जमने से आपके शरीर के अलग-अलग अंगों में पूरी तरह से या आंशिक रूप (partially) से रक्त प्रवाह रुक जाता है। रक्त का थक्का हाथ पैर या कही भी जमता है तो इससे रक्त परिसंचरण कम हो सकता है।​
     
  • वैरिकोज वेन्स -
    ह्रदय की वाल्व खराब होने से आपकी नसें जब बढ़ जाती हैं तो उसे वैरिकोज वेन्स कहते हैं। सामान्य नसों के मुकाबले खराब नसें रक्त का संचार सही तरह से नहीं कर पाती, इसकी वजह से शरीर में रक्त परिसंचरण नहीं हो पाता। (और पढ़ें - हृदय वाल्व रोग)​
     
  • एथेरोस्क्लेरोसिस -
    एथेरोस्क्लेरोसिस ब्लड सर्कुलेशन का बहुत ही आम कारण है। यह तब होता है जब रक्त वाहिकाओं में मैल जमने लग जाता है, खासकर धमनियों में। इस वजह से रक्त प्रवाह सही से नहीं हो पाता।​
     
  • पेरिफेरल वैस्कुलर रोग - 
    पेरिफेरल वैस्कुलर रोग (Peripheral vascular disease) एक रक्त परिसंचरण विकार है, जो आपकी धमनियों और रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है। इससे आपके पैरों में रक्त परिसंचरण सही से नहीं हो पाता।

जीवनशैली सम्बन्धी समस्याएं:

  • मोटापा - 
    जो लोग मोटापे से ग्रस्त होते हैं या जिनका वजन अधिक होता है उनके शरीर में भी रक्त परिसंचरण सही से नहीं हो पाता और पूरा दिन रहने से या बैठे रहने से भी ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ जाता है। (और पढ़ें - मोटापा कम करने के उपाय)
     
  • शुगर - 
    शुगर से भी शरीर के कुछ क्षेत्रों में रक्त परिसंचरण कम हो सकता है। यह आमतौर पर मधुमेही न्यूरोपैथी (Diabetic neuropathy) की वजह से होता है। (और पढ़ें - शुगर में परहेज)
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रक्त संचार बढ़ाने के उपाय इस प्रकार हैं -

रक्त संचार बढ़ाने के लिए व्यायाम करें - Rakt sanchar badhane ke liye vyayam kare

रक्त परिसंचरण को सुधारने के लिए व्यायाम बहुत ही बेहतरीन तरीका है। कोई भी गतिविधि जिससे आपका दिल और तेजी से रक्त को पम्प करने लगता है, जैसे दौड़ना या जॉगिंग, साइकिलिंग या डांसिंग, उससे रक्त परिसंचरण बढ़ाने में बेहद मदद मिलती है। रक्त परिसंचरण के अलावा व्यायाम करने से आपकी ह्रदय प्रणाली को मजबूती मिलती है, वजन नियंत्रित रहता है, मूड और नींद में सुधार होता है आदि।

रोजाना बस आधा घंटा भी चलने से आपके शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ने लगता है। आप धीरे-धीरे वर्कआउट की गति को बढ़ा भी सकते हैं। जितना आप ज्यादा व्यायाम करेंगे उतना अधिक आपका रक्त परिसंचरण बेहतर होगा। व्यायाम करने से पहले एक बार वार्म अप जरूर कर लें, इससे आपको चोट लगने की संभावना कम होगी। 

(और पढ़ें - फिट रहने के उपाय)

रक्त संचार मसाज करने से बढ़ता है - Rakt sanchar massage karne se badhta hai

एक सही मसाज की मदद से आप शरीर का रक्त प्रवाह उत्तेजित कर सकते हैं। यह एक प्रकार से व्यायाम की तरह ही समान होता है। मसाज करने के दौरान हाथों को हृदय की तरफ ले जाते हुए मसाज करें। इस तरह मसाज करने से शरीर की नसों में बहने वाले खून और लिंफ (lymph - शरीर के लगभग हर ऊतक से पास होने वाला एक तरल पदार्थ) दोनों का प्रवाह अच्छा होता है। मालिश हल्के हाथों से करें। बॉडी मसाज करने के लिए कई आवश्यक तेलों का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे नारियल तेल, जैतून के तेल और बादाम के तेल

मसाज करवाने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार बात जरूर कर लें और अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए मसाज किसी प्रशिक्षित ट्रेनर से ही करवाएं।

 

ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पियें - Blood circulation badhane ke liye jyada se jyada pani piye

हमारे शरीर को अच्छे से कार्य करने के लिए हाइड्रेटेड रहने की बेहद जरूरत होती है। पर्याप्त पानी पीने से शरीर के अंग अच्छे से कार्य करते हैं और रक्त संचार भी बेहतर होता है। डॉक्टर की सलाह है कि पूरे दिन में सात से आठ ग्लास पानी जरूर पियें, पर्याप्त पानी पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं। आप पानी में नींबू, नमक, शहद आदि डालकर भी पानी को और स्वादिष्ट बना सकते हैं। इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको एक ही बार में सात से आठ ग्लास पानी नहीं पीना है। पूरे दिन सात से आठ ग्लास पानी धीरे-धीरे पियें। अपने साथ पानी की बोतल जरूर रखें, जिससे आप धीरे-धीरे पूरे दिन पानी पीते रहें।

(और पढ़ें - पानी कितना पीना चाहिए)

ब्लड सर्कुलेशन ठीक करने के लिए धूम्रपान और शराब का सेवन न करें - Blood circulation theek karne ke liye cigarette aur sharab na peeyen

कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि कम मात्रा में शराब का सेवन करना हानिकारक नहीं होता। लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि मात्रा कम हो या ज्यादा, शराब पीने से नुकसान हो सकता है। अगर आप अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं तो यह आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि अधिक शराब पीन से आपका बीपी बढ़ सकता है और शरीर में पानी की कमी को भी पैदा कर सकती है। शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाने के लिए शराब का सेवन कम या बिलकुल न करें।

(और पढ़ें - शराब छुड़ाने के उपाय)

इसके अलावा अगर आप धूम्रपान करते हैं तो उसे आज ही छोड़ दें। धूम्रपान करने से आपके शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिसकी वजह से धमनियों को नुकसान पहुँच सकता है। तो अब से धूम्रपान करना बिल्कुल कम कर दें।

(और पढ़ें - सिगरेट कैसे छोड़ें)

रक्त प्रवाह बढ़ाने का उपाय है स्वस्थ आहार - Rakt pravah badhane ka upay hai swasth aahar

रोजाना स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाएं और अस्वस्थ खाद्य पदार्थों को बिल्कुल भी न छुएं। फल, हरी सब्जियां, अनाज, प्रोटीन और स्वस्थ वसा (ये मछली के तेल, जैतून के तेल और बीज में पाए जाते हैं) खाएं। सेचुरेटेड फैट से दूर रहें जो कि लाल मीट, चिकन, चीज आदि में पाए जाते हैं। अधिक नमक या चीनी बिल्कुल न खाएं। इनसे आपका वजन बढ़ेगा और कोलेस्ट्रॉल व ब्लड प्रेशर की समस्या भी शुरू होने लगेगी, इसलिए स्वस्थ आहार खाएं और शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सही रखें।

(और पढ़ें - संतुलित आहार चार्ट)

रक्त संचार बढ़ाने के लिए कैफीन कम करें - Rakt sanchar badhane ke liye caffeine kam kare

कुछ रिसर्च से पता चला है कि कम मात्रा में कॉफी पीने से ह्रदय का स्वास्थ्य सुधरता है, लेकिन यह रिसर्च सभी कैफीन युक्त ड्रिंक्स के लिए सच नहीं है। अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी होने लगती है। साथ ही, कुछ शोध ने पाया कि अधिक कैफीन लेने से मस्तिष्क में रक्त प्रवाह कम हो सकता है।

एक अच्छे ब्लड सर्कुलेशन के लिए हाइड्रेटेड रहना बेहद जरूरी है, इसलिए कैफीन का सेवन कम करें। मीठे पेय पदार्थ भी आपकी सेहत के लिए अच्छे नहीं होते। पेय पदार्थ जो चीनी और कैफीन के मेल से से बनाये जाते हैं वो कैफीनेटेड ड्रिंक के मुकाबले आपके स्वास्थ्य पर काफी नकारात्मक परिणाम डालते हैं। रक्त परिसंचरण सुधारने के लिए इन्हें अपनी डाइट से भी हटा दें।

(और पढ़ें - हृदय रोग के लक्षण)

ग्रीन टी करे रक्त परिसंचरण में सुधार - Green tea kare blood circulation me sudhar

ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होती है जो कि आपको कई लाभ देने में मदद करती है, जैसे शरीर का रक्त संचार बेहतर करना। ग्रीन टी पीने के आधे घंटे के भीतर रक्त वाहिकाओं के कार्यों में सुधार होने लगता है और इस तरह शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ता है। ग्रीन टी बनाने के लिए -

  • सबसे पहले एक ग्रीन टी बैग लें।
  • एक कप गर्म पानी को पांच से सात मिनट तक गर्म करें।
  • अब ग्रीन टी बैग को गर्म पानी में डालें।
  • ग्रीन टी जब पानी में मिलने लगे तो उसके एक मिनट बाद ग्रीन टी को गर्म पानी से निकाल लें और फिर उसमें छोटा चम्मच शहद मिलाएं। इससे आपकी चाय स्वाद में थोड़ी मीठी लगने लगेगी।
  • स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए ग्रीन टी को पूरे दिन एक से दो कप जरूर पियें।

(और पढ़ें - ग्रीन टी बनाने की विधि)

रक्त संचार बढ़ाने के लिए तनाव को कम करें - Rakt sanchar badhane ke liye tanav kam kare

अधिक तनाव का स्तर आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है, इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पाता। अच्छी बात तो यह है कि आप अपने तनाव से छुटकारा बहुत आसानी से पा सकते हैं, जैसे हंसने से न सिर्फ आपका तनाव कम होता है बल्कि रक्त प्रवाह भी बढ़ता है और मांसपेशियों को भी आराम मिलता है।

(और पढ़ें - खुलकर हंसने के फायदे)

इसके अलावा रोजाना व्यायाम, योग, ध्यान करने की भी कोशिश करें, इनसे आपकी तंत्रिका प्रणाली शांत होगी और पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होगा। आप कोई अपना पसंदीदा गाना सुनकर, दोस्तों या परिवार वालों के साथ समय बिताकर भी अपना तनाव दूर कर सकते हैं।

(और पढ़ें - तनाव कम करने के उपाय और तनाव के लिए योग

रक्त प्रवाह बढ़ाने के लिए नमक कम खाएं - Rakt pravah badhane ke liye namak kam khaye

ज्यादातर लोगों के स्वास्थ्य के लिए नमक बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता। अधिक मात्रा में नमक खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है और पेट फूलने की समस्या भी पैदा हो सकती है। अधिक मात्रा में नमक खाने से ब्लड सर्कुलेशन पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। ज्यादा नमक का सेवन धमनियों को कठोर बना देता है, जिससे शरीर में रक्त प्रवाह रुक जाता है। कई खाद्य पदार्थों में अधिक मात्रा में सोडियम होता है। डब्बे में आने वाले सूप, बंद डब्बे में मीट आदि में कई मात्रा में नमक होता है। रक्त परिसंचरण सुधारने के लिए अपने आहार में नमक की मात्रा कम करें।

(और पढ़ें - ज्यादा नमक खाने के नुकसान)

ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए त्वचा पर ब्रश का इस्तेमाल करें - Blood circulation badhane ke liye skin par brush ka istemal kare

रोजाना त्वचा को ड्राई ब्रशिंग (Dry brushing) से साफ करें। इससे मृत कोशिकाएं साफ होती हैं और ब्लड सर्कुलेशन भी सुधरता है। रोजाना सुबह नहाने से पहले ड्राई ब्रश जरूर करें। लेकिन सही तरीके से त्वचा को स्क्रब करें। सबसे पहले पैरों से शुरू करें और गोल-गोल घुमाते हुए ह्रदय के पास लेकर आएं। इससे आपकी त्वचा कोमल होगी और रक्त प्रवाह भी बेहतर होगा।

(और पढ़ें - डेड स्किन हटाने के उपाय)

नोट: ध्यान रहे कि अगर रक्त परिसंचरण से सम्बंधित आपको जरा भी परेशानी हो तो डॉक्टर के पास जरूर जाएँ। ये लेख केवल जानकारी के लिए है।

 

संदर्भ

  1. A. Nemmar, DVM, PhD , P.H.M. Hoet, PhD , B. Vanquickenborne, MD , D. Dinsdale, PhD , M. Thomeer, MD , M.F. Hoylaerts, PhD , H. Vanbilloen, PhD , L. Mortelmans, MD, PhD , and B. Nemery, MD, PhD Passage of Inhaled Particles Into the Blood Circulation in Humans AHA, January 29, 2002 Vol 105, Issue 4
  2. Aaron C. Anselmo, Mengwen Zhang, Sunny Kumar, Douglas R. Vogus, Stefano Menegatti, Matthew E. Helgeson*, and Samir Mitragotri Elasticity of Nanoparticles Influences Their Blood Circulation, Phagocytosis, Endocytosis, and Targeting ACS Nano 2015, 9, 3, 3169–3177 Publication Date:February 25, 2015
  3. Howard Yonas, David L. Steed, Richard E. Latchaw, David Gur, Andrew B. Peitzman, Marshall W. Webster, Relief of nonhemispheric symptoms in low flow states by anterior circulation revascularization: A physiologic approach , Journal of Vascular Surgery, Volume 5, Issue 2, 1987, Pages 289-297
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