कोरोना वायरस से बचने के लिए फिलहाल बचाव ही एकमात्र रास्ता है। इसलिए लोग हैंड-सैनिटाइजर का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ इस संकट के बीच कुछ लोग मुनाफा कमाने के लिए सैनिटाइजर्स की जमाखोरी करने में लगे हैं। इस कारण सैनिटाइजर की मांग के साथ उनके दाम भी बढ़े हैं। ये हालात भारत में ही नहीं, बल्कि अमेरिका में भी देखने को मिल रहे हैं। खबर है कि वहां एक व्यक्ति के पास सैनिटाइजर की हजारों बोतलों का स्टॉक बरामद हुआ है। अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन को इस व्यक्ति के पास से 17,700 से ज्यादा सैनिटाइजर बोतलों का भंडार मिला है। अखबार में यह खबर प्रकाशित होने के बाद इस आरोपित के खिलाफ पूरे अमेरिका में जर्बदस्त आक्रोश देखने को मिला। इस मामले में एक और हैरान करने वाली खबर यह है कि जब अधिकारी आरोपित के पास पहुंचे तो गिरफ्तारी के डर से उसने सारी की सारी बोतलें दान कर दीं।

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भारत में भी ऐसे कई मामले
हाल में भारत में भी इसी तरह के कुछ मामले सामने आए थे। बीते दिनों उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए पांच मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस रद्द किए थे। आरोप था कि इन मेडिकल स्टोरों पर एमआरपी से अधिक कीमत पर सैनिटाइजर और मास्क बेचे जा रहे थे। जिला अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया था कि कुछ दुकानों में जरूरत की वस्तुओं को वास्तविक लागत से अधिक कीमत पर बेचा जा रहा था, विशेष रूप से ऐसे समय में जब लोगों को इन वस्तुओं की ज्यादा जरूरत है।

कोरोना से बचाव में मददगार हो सकते हैं मास्क और सैनिटाइजर
गौरतलब है कि भारत समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई अहम फैसले लिए गए हैं। इसी सिलसिले में भारत सरकार ने अपने एक फैसले के तहत सैनिटाइजर को 'आवश्यक वस्तु' घोषित किया है। उसने सीओवीआईडी-19 से बचाव के प्राथमिक विकल्प के रूप में आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत मास्क और सैनिटाइजर को 'जरूरी वस्तु' घोषित किया है।

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सैनिटाइजर की इतनी जरूरत क्यों?
कई मेडिकल विशेषज्ञों ने कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए साबुन और सैनिटाइजर अहम भूमिका निभा सकते हैं। हाल में प्रकाशित एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में बॉस्टन मेडिकल सेंटर के डॉक्टर नाहिद भदेलिया ने सैनिटाइजर को लेकर अहम जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि सीओवीआईडी-19 काफी हद तक सार्स (सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) और मार्स (मीडिल ईस्ट रेस्पिटरी सिंड्रोम) जैसा ही कोरोना वायरस है, इसलिए साबुन से हाथ धोने या सैनिटाइजर से इसे मारना मुश्किल नहीं है। भदेलिया का कहना था कि साबुन और एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर से हाथ साफ करने से कोरोना वायरस से बचाव किया जा सकता है।

घर पर भी बना सकते हैं हैंड-सैनिटाइजर
बाजार में हैंड-सैनिटाइजर की बढ़ती मांग के बीच इसकी सप्लाई कम हो गई है। यही वजह है कई लोग नकली सैनिटाइजर बनाकर बेच रहे हैं। हालांकि लोग घर पर भी हैंड-सैनिटाइजर बना सकते हैं। इसके लिए आप रबिंग एल्कोहल खरीदें। लेकिन ध्यान रहे कि रबिंग एल्कोहल में 99 प्रतिशत एल्कोहल होना चाहिए। कीटाणुओं को मारने के लिए इसी मुख्य इन्ग्रीडिएंट की जरूरत है। इस लिहाज से सैनिटाइजर बनाने के लिए आपको तीन चौथाई कप रबिंग एल्कोहल चाहिए।

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इसके अलावा एलोवेरा जेल लें। सैनिटाइजर बनाने के लिए आपको एक चौथाई कप एलोवेरा जेल की जरूरत पड़ेगी। साथ ही टीट्री ऑयल या लैवेंडर ऑयल जैसा कोई भी सुगंधित तेल इस्तेमाल कर सकते हैं जो एल्कोहल की महक को कम करने में मदद करेगा। सैनिटाइजर बनाने के लिए आपको 7 से 10 बूंद इसेंशल ऑयल की जरूरत पड़ेगी। आप चाहें तो सुगंधित तेल की जगह नींबू के रस की कुछ बूंदें भी उपयोग में ला सकते हैं। इन तीनों चीजों के मिश्रण से आप घर पर ही हैंड-सैनिटाइजर बना सकते हैं।

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